क्या Viral video में तालिबान ने अफ़ग़ानी महिलाओं की बोली लगाई है?
वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि तालिबानी लोग महिलाओं की बोली लगा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी लोग महिलाओं की बोलियाँ लगा रहे हैं. वीडियो में कुछ शख़्स सड़क के बीचों-बीच महिलाओं की बोली लगाते हुए दिख रहे हैं.
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ज्ञात हो कि अफ़ग़ानिस्तान इस समय राजनैतिक अस्थिरता के दौर से गुज़र रहा है. वहाँ से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबानी लड़ाके लगातार देश के कई हिस्सों में अपना क़ब्ज़ा जमा चुके हैं. अफ़ग़ानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ़ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं और राजधानी काबुल में तालिबानी लोगों का क़ब्ज़ा हो गया है.
BBC Hindi की एक खबर के मुताबिक़ सुरक्षा परिषद की बैठक में तालिबान से अपील की गई है कि वो इस संघर्ष का अंत राजनीतिक हल निकाल कर करे और अफ़ग़ानिस्तान को एक बार फिर चरमपंथियों की पनाहगाह ना बनने दे.
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DW की एक रिपोर्ट में मानवाधिकार समूह Amnesty International की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में अधिकांश शादियां तालिबान के दौर में जबरन की गईं. तालिबान की पिछली सरकार के तौर तरीक़ों और धार्मिक कट्टरपंथ की वजह से दुनिया भर में अफ़ग़ानी महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक चिंता है.
वायरल वीडियो भी इसी संदर्भ से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने इसे शेयर करते हुए कैप्शन दिया '100,100 रूपये में तालिबान,अफगान औरतों,लड़कियों को बेच रहा, ले जाओ कुछ भी करो,दुनिया के सारे मुस्लिम चुप...
ट्विटर पर भी ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी लोग महिलाओं और लड़कियों की बोली लगा रहे हैं
क्या Talibani लोगों ने महिलाओं की बोली लगाई?
हमने वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिये इसे कीफ्रेम में तोड़कर रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि वीडियो साल 2014 का है. BBC सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस वीडियो का ज़िक्र था. BBC की एक News Report के मुताबिक़ यह लंदन में एक नुक्कड़ नाटक टाइप कार्यक्रम था जो Islamic state slave auction के ख़िलाफ़ जागरूकता नाटक था.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कार्यक्रम इराक़ में इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए "Compassion 4 Kurdistan", जो कि कुर्द डायस्पोरा का एक समूह है उसके द्वारा आयोजित किया गया था. बीबीसी ने आगे बताया कि इस ग्रुप ने 14 अक्टूबर को डाउनिंग स्ट्रीट, संसद के सदनों और तमाम महत्वपूर्ण जगहों पर ये नाटक और इसका वीडियोशूट किया था.
इस घटना और नकली नीलामी के वीडियो को News week नाम की वेबसाइट द्वारा 15 अक्टूबर 2014 को एक Story में भी रिपोर्ट किया गया था, जिसमें कहा गया था, "कुर्द कार्यकर्ता लंदन में ISIS के सेक्स स्लेव मार्केट का मंचन करते हैं."
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बूम ने साल 2018 में भी इस वायरल वीडियो के साथ किये जा रहे दावों का खंडन किया था और ट्वीट कर सही जानकारी शेयर की थी.
अफगानिस्तान में बढ़ते संघर्ष के कारण सोशल मीडिया पर ढेर सारी गलत सूचनाओं को साझा किया जा रहा है. ढेर सारे पुराने वीडियो और तस्वीरें फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर हो रही हैं. इसलिये किसी भी वायरल मैसेज पर आँख मूँदकर भरोसा न करें बूम का फ़ैक्ट चेक पढ़ें और साथ ही विश्वसनीय स्रोतों से मिली जानकारी पर ही भरोसा करें.