सुदर्शन न्यूज़ ने उत्तराखंड के युवक की हत्या का फुटेज सांप्रदायिक दावे से किया शेयर
दिल्ली पुलिस ने वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया कि आरोपी और पीड़ित दोनों एक ही समुदाय से हैं.
एक गली में एक लड़के को चाकू मारने का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि उस युवक को चाक़ू मारने वाले आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह सीसीटीवी फुटेज बीते 28 अक्टूबर को दिल्ली के पटेलनगर इलाके में उत्तराखंड के रहने वाले एक लड़के की हत्या का है. लेकिन उक्त लड़के की हत्या में पकड़े गए दोनों आरोपी का संबंध मुस्लिम समुदाय से नहीं है.
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वायरल सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि तीन लड़के एक गली में लड़ रहे हैं. इसी दौरान एक लड़का चाकू निकालकर दूसरे लड़के पर वार करने लगता है. बाद में दो लड़के वहां से भाग खड़े होते हैं और एक लड़का आगे जाकर लड़खड़ा कर जमीन पर गिर जाता है.
दक्षिणपंथी टीवी चैनल सुदर्शन न्यूज़ ने इस सीसीटीवी फुटेज को पिछले दिनों पटेलनगर के पास ही शादीपुर इलाके में हुए बजरंग दल के कार्यकर्ता नितेश की हत्या से जोड़कर ट्विटर पर शेयर किया, जिसमें पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया था. हालांकि पुलिस ने इस मामले में किसी भी तरह का सांप्रदायिक दृष्टिकोण होने से इनकार किया था.
सुदर्शन न्यूज़ ने सीसीटीवी फुटेज को ट्विटर पर शेयर करते हुए कैप्शन दिया है, "बहन से छेड़खानी का विरोध किया तो 15 साल के युवक मनोज नेगी की चाकुओं से गोद गोद कर हत्या कर दी गयी। जिहादियों ने इसी इलाक़े के पास में कुछ दिन पहले नितेश जाट की भी पीट-पीट कर हत्या की थी।".
भाजपा की युवा इकाई भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी ने भी इस सीसीटीवी फुटेज को अपने अकाउंट से अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ शेयर किया, जिसका हिंदी अनुवाद है, "अपनी बहन से छेड़छाड़ की कोशिश करने वाले मुस्लिम गुंडों के खिलाफ आवाज़ उठाने पर उत्तराखंड के 15 वर्षीय मनोज नेगी की दिल्ली में चाकू मारकर हत्या कर दी गई." हालांकि जोशी ने बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया.
इतना ही नहीं फ़ेसबुक पर भी इस घटना को सांप्रदायिक दावों के साथ काफ़ी शेयर किया गया है. जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज और उसके साथ किए जा रहे सांप्रदायिक दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें हिंदी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित की गई न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें सीसीटीवी फुटेज से संबंधित दृश्य मौजूद थे.
दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार बीते शुक्रवार यानी 28 अक्टूबर को दिल्ली के पटेलनगर में दो नाबालिगों ने एक नाबालिग लड़के की चाक़ू मारकर हत्या कर दी थी. आरोपियों ने मृतक की बहन के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसका उसने विरोध किया था. इसी वजह से दोनों नाबालिग आरोपियों ने उस लड़के को शुक्रवार शाम को चाक़ू गोदकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया.
इसके अलावा हमें ईटीवी भारत की वेबसाइट पर भी 1 नवंबर को प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में मृतक का नाम मनोज नेगी बताया गया था, जो मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा का रहने वाला था और अपने परिवार के साथ पटेल नगर थाने के बलजीत नगर इलाके में रहता था.
हमें इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट न्यू इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर भी मिली, लेकिन किसी भी रिपोर्ट में न तो पुलिस के हवाले से और न ही किसी अन्य माध्यम से सांप्रदायिक दृष्टिकोण होने का जिक्र किया था.
इतना ही नहीं सभी रिपोर्ट में गिरफ़्तार किए गए दोनों आरोपियों को नाबालिग बताया गया था, इसलिए उनके नाम प्रकाशित नहीं किए गए थे.
इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए इस मामले की जांच कर रहे पटेल नगर थाने के एडिशनल एसएचओ कुलदीप शर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने भी वायरल दावे का खंडन किया. एसएचओ कुलदीप शर्मा ने हमें बताया कि "दोनों नाबालिग आरोपियों और पीड़ित का संबंध एक ही समुदाय से है. साथ ही उन्होंने इस मामले में किसी तरह के सांप्रदायिक एंगल होने से साफ़ इनकार किया. उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ़्तार किए गए दोनों आरोपी नाबालिग हैं."
हमने इस दौरान पीड़ित परिवार से भी संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन रिपोर्ट लिखे तक जाने से उनसे बात नहीं हो पाई है. उनसे बात होने पर इस स्टोरी को जल्द अपडेट किया जाएगा.
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