शाहरुख़ खान के पिता मीर ताज मोहम्मद के बारे में झूठा दावा वायरल
वायरल पोस्ट में भारत छोड़ो आंदोलन के समय शाहरुख़ खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान की आयु के बारे ग़लत दावा किया गया है. जानिए हमारी जांच में क्या सामने आया.
बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के पिता मीर ताज मोहम्मद खान (Meer Taj Mohammed) के भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) में सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल होने का दावा करती एक पत्रिका की क्लिपिंग ग़लत दावे के साथ वायरल है.
कई दक्षिणपंथी फेसबुक यूज़र्स ने 'भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे शाहरुख़ खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान' शीर्षक से एक लेख पर संदेह जताया है. अफ्फान नोमानी द्वारा लिखा गया लेख 6 अक्टूबर, 2021 को हिंद न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ था. साथ ही शाहरुख़ खान और उनके पिता की सही आयु के साथ छेड़छाड़ करके दावा किया जा रहा है कि भारत छोड़ो आंदोलन के समय मीर ताज मोहम्मद की आयु महज़ 6 साल रही होगी.
शाहरुख़ खान की एडिटेड तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल
वायरल पोस्ट में लेख का स्क्रीनशॉट शेयर करके इसकी सत्यता पर सवाल उठाते हुए दावा किया जा रहा है कि "शाहरुख खान 1965 में पैदा हुए भारत छोड़ो आंदोलन 1942 में हुआ. एक फिल्मी पत्रिका के अनुसार जब शाहरुख खान पैदा हुए तब पिता की उम्र 30 साल थी यानी कि 1942 में शाहरुख खान के पिता 6 साल के होंगे. अब 6 साल की उम्र मे आंदोलन में क्या उखाड़ लिया होगा."
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इसी दावे के साथ फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़ी संख्या में पोस्ट शेयर किये जा रहे हैं.
मुस्लिम बाप-बेटी की तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम को अफ्फान नोमानी द्वारा शेयर की गई मूल पोस्ट और 6 अक्टूबर, 2021 को हिंदी न्यूज़ में प्रकाशित उनके लेख की क्लिपिंग मिली.
लेख में शाहरुख़ खान के जन्म के समय उनके पिता की उम्र 30 साल होने का ज़िक्र नहीं
हमने ध्यानपूर्वक पूरा लेख पढ़ा और पाया कि लेखक ने कहीं भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया कि शाहरुख़ खान के जन्म के समय उनके पिता की उम्र 30 साल थी. हालांकि, लेख में यह ज़रूर बताया गया है कि शाहरुख़ खान 15 साल के थे जब उनके पिता का देहांत हुआ.
हमने इस संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अफ्फान नोमानी से संपर्क किया. नोमानी ने बूम को बताया कि शाहरुख़ खान के पिता पर लिखे गए उनके लेख के बारे में ग़लत सूचना फैलाई जा रही थी. उन्होंने हमें अपने लेख का एक स्पष्ट स्क्रीनशॉट भी भेजा जिसमें कहा गया है कि मीर ताज मोहम्मद खान 16 साल की उम्र में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए पेशावर से भारत आए थे.
बूम ने फ़िल्म समीक्षक और पत्रकार अनुपमा चोपड़ा द्वारा लिखित शाहरुख़ खान की जीवनी 'King of Bollywood" के पन्नों को खंगाला, जिसमें बताया गया है कि शाहरुख़ खान के पिता मीर ताज मोहम्मद का जन्म पेशावर (अब पाकिस्तान) के मोहल्ला शाहवली क़तल में साल 1928 में हुआ था.
किताब में उल्लेख किया गया है कि मीर ताज मोहम्मद का निधन साल 1980 में हुआ था.
शाहरुख़ खान का जन्म 2 नंवबर 1965 में हुआ था. यानी उनके जन्म के समय उनके पिता की उम्र लगभग 37 साल रही होगी. और 1942 में, जब महात्मा गांधी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था, तब मीर ताज मोहम्मद खान की उम्र लगभग 14-15 वर्ष रही होगी.
क़ब्र पर जन्म का साल 1927 बताया गया है
बूम ने दिल्ली में 'दिल्ली गेट क़ब्रिस्तान' में मीर ताज मोहम्मद ख़ान की क़ब्र का भी दौरा किया. क़ब्र पर लगाया गया यादगारी का पत्थर उनकी जन्मतिथि 27 अक्टूबर 1927 बताता है. इसका मतलब है कि भारत छोड़ो आंदोलन के समय उनकी उम्र 15 वर्ष रही होगी.
अनुपमा चोपड़ा की किताब में ग़लत तरीके से उनके जन्म का वर्ष 1927 के बजाय 1928 बताया गया है.
शाहरुख़ खान ने 27 अक्टूबर 2014 को अपने एक ट्वीट में कहा था कि अगर उनके पिता जीवित होते, तो वे 87 वर्ष के होते.
यह पुष्टि करता है कि मीर ताज मोहम्मद खान का जन्म 1927 में हुआ था.
स्वतंत्रता संग्राम में मीर ताज मोहम्मद खान की भागीदारी
बूम स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका कि क्या मीर ताज मोहम्मद खान ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था.
हालाँकि, अनुपमा चोपड़ा की पुस्तक में 1942 में शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन में शाहरुख़ खान के पिता की भूमिका का उल्लेख है.
अपनी किताब 'किंग ऑफ बॉलीवुड' में अनुपमा चोपड़ा लिखती हैं 'मीर के बड़े भाई गामा एक सम्मानित राजनीतिक नेता थे. वह ब्रिटिश विरोधी प्रदर्शनों और रैलियों का आयोजन करने वाले एक अथक कार्यकर्ता थे. मीर ख़ुद एक इन-डिमांड वक्ता थे- उर्दू में उनके उग्र भाषणों ने उतना ही ध्यान आकर्षित किया जितना कि उनके तेज़तर्रार फिल्म स्टार के रूप में. अगस्त 1942 में, कांग्रेस पार्टी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया, जिसने ब्रिटिश शासन को तत्काल समाप्त करने की मांग की. पार्टी ने अहिंसा का आह्वान किया, लेकिन जब सरकार ने नेहरू और गांधी सहित अधिकांश कांग्रेस नेताओं को गिरफ़्तार किया, तो आंदोलन आक्रामक हो गया. बम विस्फोट हुए, सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई और सामूहिक गिरफ़्तारियां हुईं. लगभग एक हजार लोग मारे गए और 60,000 गिरफ़्तार किए गए. इनमें मीर और गामा थे. मीर ने फिर किंग एडवर्ड कॉलेज में दाख़िला लिया, अगले दो वर्षों के लिए जेल के अंदर और बाहर होते रहे. हालाँकि अन्य किसी भाई-बहन ने हाई स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं की थी, लेकिन उन्होंने मीर को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. इस बात से चिंतित कि राजनीतिक और सामाजिक अशांति मीर की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी, उनके भाइयों ने उन्हें दिल्ली भेज दिया. 1946 में, मीर ने दिल्ली विश्वविद्यालय में लॉ के छात्र के रूप में दाख़िला लिया'.
3 अक्टूबर, 2021 को कथित ड्रग मामले में बेटे आर्यन खान की गिरफ़्तारी के बाद से शाहरुख़ खान के बारे में फ़र्ज़ी सूचनाओं की बाढ़ आ गई है. आर्यन खान को अब तक कई मौकों पर ज़मानत से वंचित किया जा चुका है.
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