क्या सबरीमाला मंदिर का 'अरवाना प्रसादम' यूएई की कंपनी से बना है? फै़क्ट-चेक
बूम ने त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड और दुबई की कंपनी अल-ज़हा, दोनों से बात की. उन्होंने दावे को ग़लत बताया
सोशल मीडिया पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित कंपनी अल-ज़ाहा (Al-Zaha) द्वारा निर्मित 'अरवाना पायसम' (Aravana Payasam) के डब्बे की एक तस्वीर को झूठे और सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह केरल के सबरीमाला मंदिर द्वारा भक्तों को बेचा जाने वाला 'अरवाना प्रसाद' है.
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बूम ने केरल देवस्वोम बोर्ड (Devaswom board) और अल-ज़हा से बात की, जिन्होंने इस दावे को ख़ारिज किया और कहा कि वायरल डब्बे में साधारण अरवाना 'पायसम' (मीठा प्रसाद) दिख रहा है, जो आमतौर पर घरों में उपलब्ध होता है और बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि ये सबरीमाला मंदिर के भीतर प्रसाद के रूप में बिकने वाला डब्बा नहीं है.
सोशल मीडिया पर इस डिब्बे की तस्वीर के साथ एक टेक्स्ट भी लिखा हुआ है, जिसे वायरल किया जा रहा है. टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद होगा, "यह है अरवाना पायसम - एक पारंपरिक मिठाई जो केवल सबरीमाला शनि धाम में उपलब्ध है. ऐसा प्रतीत होता है कि केरल देवसोम बोर्ड ने एक मुस्लिम को इसका टेंडर दिया है. उसने बदले में न केवल इसे अरबी नाम से बुलाकर परंपरा का अपमान किया है बल्कि इसे हलाल तरीक़े से बनाकर हिंदुओं का अपमान भी किया है."
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इस फ़ोटो को फ़ेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन लिखा 'धूर्तता की प्रकाष्ठता #सबरीमाला का मुख्य प्रसाद अरवाना पायसम ...अब न केवल #इस्लामी है, ..बल्कि अरबी terminology अनुसार #हलाल भी है। मैले मौले को टेंडर दिया गुंडों ने । बॉयकॉट करें और मैले मौलों का संपूर्ण बहिष्कार करें ।
ट्विटर पर भी ये फ़ोटो इसी दावे के साथ शेयर की जा रही है.
फ़ैक्ट-चेक
बूम ने त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड और दुबई की कंपनी अल-ज़हा, दोनों से वायरल दावे के संबंध में बात की. उन्होंने दावे को पूरी तरह से ग़लत बताया.
क्या सबरीमाला मंदिर में बंटने वाली प्रसाद Al-zaha Sweets से बना है?
हमने सबसे पहले त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि ये दावा झूठा है और प्रसाद हमेशा से मंदिर के भीतर ही बनाया जाता है. बूम से बात करते हुए, बोर्ड के आयुक्त बीएस प्रकाश ने कहा, "मंदिर में बेचा जाने वाला अरवाना प्रसादम केवल मंदिर के कर्मचारियों द्वारा बनाया जाता है और किसी कंपनी द्वारा निर्मित या आउटसोर्स नहीं किया जाता है."
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यह पूछे जाने पर कि क्या अरवाना प्रसाद कहीं और खरीदने के लिए उपलब्ध है, उन्होंने कहा, "आपको एक ही तरह का प्रसाद बाहर कई दुकानों में मिलता है लेकिन वह अधिकृत या मंदिर द्वारा बनाया गया प्रामाणिक नहीं है. दावा झूठा है." हमें मंदिर परिसर में इसे खरीदने वाले किसी व्यक्ति से प्रसादम के डिब्बे की एक तस्वीर भी मिली. ये डिब्बा वायरल फोटो में दिखाई देने वाले डिब्बे जैसा बिल्कुल नहीं दिखता है.
Al-Zaha मुख्य रूप से क्या बनाता है?
बूम ने अल-ज़ाहा के मालिकों में से एक राशिद से बात की, जिन्होंने इस दावे को ख़ारिज किया और कहा, कंपनी संयुक्त अरब अमीरात में स्थित है और विभिन्न स्नैक्स और मिठाइयाँ बनाती है. राशिद ने कहा कि, "मलयालम में अरवाना का अर्थ है गुड़ और चावल से बना गाढ़ा पायसम. हम अपने उत्पाद को केवल अरवाना पायसम के रूप में पैकेज और ब्रांड करते हैं, प्रसाद के रूप में नहीं. हमारे ब्रांड अरवाना पायसम का धर्म, जाति या पंथ से कोई संबंध नहीं है और यह भगवान अयप्पा या सबरीमाला से जुड़ा नहीं है."
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उन्होंने कहा कि अल-ज़ाहा का स्वामित्व और संचालन उनके और उनके साथी अजयन कुट्टीनायर के पास था और उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनके पास सबरीमाला मंदिर में बेचे जाने वाले अरवाना प्रसादम के निर्माण का कोई भी कांट्रैक्ट था. रैखिक ने कहा "मेरा साथी एक हिंदू है और हम पायसम बेच रहे हैं जो हर घर में बनता है. हम केवल संयुक्त अरब अमीरात में सुपरमार्केट में अपना उत्पाद बेच रहे हैं. आपको मंदिर में जो मिलता है वह प्रसाद है और हम अपने उत्पाद के लिए एक ही नाम का उपयोग नहीं कर सकते हैं."
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राशिद ने हमें अरवाना पायसम की बोतल की कुछ स्पष्ट तस्वीरें भी भेजीं. राशिद ने कहा कि, "यदि आप फोटो देखते हैं तो आप देखेंगे कि इसमें पायसम लिखा है न कि प्रसादम. ऐसा इसलिए है क्योंकि पायसम बहुत आम है और सभी के द्वारा बनाया गया है. साथ ही, ये उत्पाद हलाल नहीं है जैसा कि कहा जा रहा है."