'PM मोदी के बंगले पर रेड'.. और अन्य फ़र्ज़ी ख़बरें जो पिछले हफ्ते हुई वायरल
बीते हफ़्ते में राजनीति, मनोरंजन और पत्रकारिता जगत की बड़ी शख्सियतों की पुरानी तस्वीरों और वीडियो को हालिया घटनाक्रम से जोड़कर शेयर किये गए पोस्ट्स वायरल रहे हैं.
सोशल मीडिया पर बीते हफ़्ते कुछ ऐसी फ़र्ज़ी ख़बरें वायरल थीं जिनपर आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से यक़ीन कर बैठे होंगे. फ़र्ज़ी और भ्रामक दावे से वायरल तस्वीरों और वीडियो के जाल में आप फंसें नहीं, इसलिए बूम ने वायरल दावों को ठीक से जांच-परख कर उनकी सच्चाई आपके सामने रखी है.
बीते हफ़्ते में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार और वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई की पुरानी तस्वीरों व वीडियो को हालिया घटना से जोड़कर पोस्ट्स वायरल रहे हैं. ग़लत संदर्भ और फ़र्ज़ी दावों के साथ ये वायरल पोस्ट्स सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म फ़ेसबुक, ट्विटर पर ख़ूब शेयर किये गए हैं.
1. मशहूर पत्रकार का ख़ुलासा, पीएम के अरबों के बंगले में पड़ी रेड
बूम ने पाया कि वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई ने अपनी किसी भी वीडियो में ऐसा कोई दावा नहीं किया है. वायरल क्लिप उनकी 3 जुलाई को अपलोड की गई एक वीडियो से काटकर लिया गया है, जबकि पुरानी तस्वीरों को जोड़कर वीडियो बनाई गई है.
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2. दिलीप कुमार और सायरा बानो के आख़िरी क्षण के दावे से वायरल वीडियो
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. असल वीडियो सितंबर 2013 से है, जब दिलीप कुमार को स्वास्थ्य कारणों से मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब, दिलीप कुमार ने स्वास्थ्य में कुछ सुधार होने पर इसी वीडियो को ट्वीट किया था.
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3. नागरिकता बिल और हिन्दू राष्ट्र के एजेंडे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्वीट वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि राहुल गांधी का यह ट्वीट फ़र्ज़ी है. वायरल दावे को वास्तविक दिखाने के लिए इसे एबीपी न्यूज़ के लोगो और ब्रेकिंग न्यूज़ स्टाइल का रूप दिया गया है.
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4. बॉलीवुड को इस्लाम और उर्दू के प्रचार का अड्डा बताते हुए बायकॉट की मांग करती तस्वीर वायरल
बूम ने पाया कि असल तस्वीर दिसंबर 2012 में दिल्ली में निर्भया गैंगरेप के विरोध में पंजाब के अमृतसर में हुए एक प्रदर्शन से है. असल तस्वीर में लड़की के हाथों में जो पोस्टर है, उसपर लिखा है, "Don't tell me how to dress! Tell them not to rape" जिसका हिंदी अनुवाद है, "मुझे मत बताओ कि कैसे कपड़े पहनने हैं! उनसे कहो कि बलात्कार न करें"
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5. वायरल पोस्ट का दावा, काशी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ग़रीब बच्चे की मदद की
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर काशी से नहीं है, बल्कि योगी आदित्यनाथ की अक्टूबर 2019 में गोरखपुर दौरे की है. लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक़ यूपी सीएम ने गोरखपुर में वनटांगिया आदिवासी समुदाय के साथ अपनी दीपावली मनाई.
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