क्या PM मोदी के मोरबी दौरे पर ₹30 करोड़ खर्च करने का ख़ुलासा RTI से हुआ? फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि अख़बार की कटिंग और आरटीआई जवाब दोनों ही फ़र्ज़ी हैं.
सोशल मीडिया पर अख़बार की एक कटिंग वायरल है जिसमें आरटीआई के एक जवाब के हवाले से ख़बर प्रकाशित की गई है. इसमें दावा किया गया है कि मोरबी पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक दिन के मोरबी दौरे पर नगर निगम ने 30 करोड़ रुपये ख़र्च किये थे.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि अख़बार की कटिंग और आरटीआई जवाब दोनों ही फ़र्ज़ी हैं.
30 अक्टूबर, 2022 को मोरबी में एक ब्रिज गिरने से 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. गुजरात पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पुल के "रखरखाव के लिए जिम्मेदार एजेंसी" को आरोपी बनाया. राजकोट के आईजी अशोक यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि पुलिस ने एक निजी कंपनी ओरेवा समूह द्वारा नियोजित प्रबंधकों, टिकट विक्रेताओं और मोरबी पुल पर काम करने वाले सुरक्षाकर्मियों सहित 9 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
वायरल अख़बार कटिंग का स्क्रीनशॉट गुजरात के दैनिक अख़बार 'गुजरात समाचार' के ई-पेपर क्लिपिंग जैसा नज़र आता है. इसमें दावा किया गया है कि मोरबी कलेक्टर के कार्यालय में दायर एक आरटीआई से पता चला है कि पीएम मोदी के दौरे के लिए मोरबी को तैयार करने में कुल 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
इस अख़बार की कटिंग को डक्स पटेल नाम के ट्विटर अकाउंट द्वारा शेयर किया गया था. अख़बार की कटिंग को एक थ्रेड में कैप्शन के साथ ट्वीट किया, "एक आरटीआई से पता चला है कि मोरबी अथॉरिटी ने पुल गिरने के बाद मोदी की एक दिवसीय यात्रा के लिए ₹30 करोड़ खर्च किए"
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी अकाउंट द्वारा एक कमेंट के जवाब में बताया गया है कि अख़बार की कटिंग गुजरात समाचार की है.
इसी अख़बार की कटिंग को एक्टिविस्ट और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य साकेत गोखले ने भी शेयर किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,"आरटीआई से पता चला है कि मोदी की कुछ घंटों की मोरबी यात्रा की लागत ₹30 करोड़ थी. इसमें से "स्वागत, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी" के लिए ₹5.5 करोड़ खर्च किए गए. मरने वाले 135 पीड़ितों में प्रत्येक को ₹4 लाख की अनुग्रह राशि मिली, यानी ₹5 करोड़. बस मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और PR की कीमत 135 लोगों के जीवन से अधिक है."
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
हमने गुजरात भाषा के अख़बार की कटिंग का अनुवाद करने के लिए Google लेंस का उपयोग किया और पाया कि कटिंग का दावा है कि पीएम मोदी की एक दिन की मोरबी यात्रा के लिए कुल 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. अख़बार में दी गई राशि को अलग-अलग तोड़कर दावा करती है कि जिस अस्पताल में घायलों को भर्ती किया गया था, उसके लिए पेंटिंग, सफाई और समाचार बेड प्राप्त करने पर 8 करोड़ खर्च किए गए, मोरबी में नई सड़कों के निर्माण पर 11 करोड़ और विविध सरकारी व्यवस्थाओं पर 3 करोड़ खर्च किए गए. कटिंग में आगे बताया गया है कि पुलिस विभाग ने पीएम मोदी की यात्रा को रिकॉर्ड करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर 2.5 करोड़ रुपये, इवेंट मैनेजमेंट के लिए 2 करोड़ रुपये और फ़ोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर 50 लाख रुपये खर्च किए गए.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल अख़बार की कटिंग का स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी है और गुजरात समाचार या राज्य के किसी अन्य समाचार पत्र द्वारा ऐसी कोई ख़बर प्रकाशित नहीं की गई. हमने कटिंग में गुजराती टेक्स्ट के साथ खोजबीन की. लेकिन हमें ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला कि ऐसा कोई लेख कभी प्रकाशित हुआ था.
इसके बाद हमने गुजरात समाचार के अहमदाबाद ब्यूरो से संपर्क किया, जहां इस अख़बार का मुख्यालय है.
अख़बार के अहमदाबाद ब्यूरो के चीफ़ रिपोर्टर मुकुंद पांड्या ने कहा कि 1 दिसंबर, 2022 की शाम को गुजरात पुलिस ने उनसे संपर्क किया था, जब यह क्लिपिंग वायरल हुई थी. पांड्या ने बताया, "पुलिस ने हमें बताया कि उन्होंने क्लिपिंग की स्वत: जांच शुरू कर दी है और इस बात की पुष्टि करने के लिए संपर्क किया है कि क्या हमने ऐसी कोई स्टोरी प्रकाशित की थी."
मुकुंद पांड्या ने बूम को बताया कि अख़बार कटिंग फ़र्ज़ी थी. उन्होंने कहा, "हमने कटिंग की जांच की. गुजरात समाचार के किसी भी संस्करण द्वारा ऐसा कोई लेख प्रकाशित नहीं किया गया है. किसी ने शरारत से कटिंग बनाई और फिर दावा किया कि यह हमारे अख़बार में प्रकाशित स्टोरी है. यह सच नहीं है."
पांड्या ने आगे कहा, "अगर आप स्क्रीनशॉट को देखें तो उसमें कहीं भी गुजरात समाचार नहीं लिखा है. साथ ही, स्टाइल और लेआउट भले ही हमारे पेपर का हो, लेकिन फॉन्ट अलग है. हमने आधिकारिक तौर पर इन विवरणों के साथ अहमदाबाद पुलिस की साइबर क्राइम सेल को लिखित जवाब दिया है."
बूम ने अहमदाबाद पुलिस के साइबर सेल से संपर्क किया. एक आधिकारिक सूत्र ने पुष्टि की कि अख़बार कटिंग की जांच की जा रही है. "हमने कटिंग की स्वत: जांच शुरू कर दी है और डक्स पटेल के नाम का एक ट्विटर अकाउंट देख रहे हैं जिसने कटिंग को पोस्ट किया था. गुजरात समाचार ने हमें जवाब दिया है कि उन्होंने इस स्टोरी को प्रकाशित नहीं किया है और हमने भी मोरबी अधिकारियों से विवरण के लिए संपर्क किया है," नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा.
मोरबी के कलेक्टर और ज़िला मजिस्ट्रेट जीटी पांड्या ने भी बूम से पुष्टि की कि उनके कार्यालय में ऐसी कोई आरटीआई दायर नहीं की गई थी. जीटी पांड्या ने कहा, "यह पूरी तरह से फ़र्ज़ी और मनगढ़ंत ख़बर है. अख़बार कटिंग कहती है कि किसी दीपक पटेल ने इन विवरणों के लिए एक आरटीआई दायर की थी, लेकिन हमारे रिकॉर्ड बताते हैं कि किसी ने भी आरटीआई दायर नहीं की है, जिसमें खर्च की गई लागत का विवरण देने का अनुरोध किया गया हो" यह पूछे जाने पर कि क्या बताई गई कीमत सही है, जीटी पांड्या ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो की फ़ैक्ट चेकिंग विंग ने भी एक ट्वीट में वायरल अख़बार की कटिंग को फ़ेक बताया और कहा, "एक आरटीआई का हवाला देते हुए एक ट्वीट में दावा किया जा रहा है कि पीएम की मोरबी यात्रा पर ₹30 करोड़ खर्च हुए. ▪ यह दावा # फर्जी ▪ ऐसा कोई आरटीआई जवाब नहीं दिया गया है."
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