सैकड़ों बम डिफ्यूज़ करने वाले नरेंद्र चौधरी का देहांत 2016 में हुआ था
दावा किया जा रहा है कि चौधरी हाल ही में वीरगति को प्राप्त हुए हैं. यह भ्रामक है.
सोशल मीडिया पर वायरल एक ख़बर बताती हैं कि बम डिस्पोज़ल यूनिट में 'स्टील मैन' कहे जाने वाले नरेंद्र चौधरी की हाल ही में मृत्यु हो गयी है. हालांकि ये घटना वास्तविक है मगर खबर पुरानी है. चौधरी की मृत्यु 2016 में हुई थी.
बूम ने पता लगाया कि चौधरी 2016 में वीरगति को प्राप्त हुए थे.
इस तस्वीर पर लिखा है: "256 बम को अकेले डिफ्यूज करने वाले नरेंद्र चौधरी हाल ही में एक परीक्षण के दौरान ग्रेनेड विस्फोट में शहीद हो गए, उनके भीतर 50 किलोमीटर तक बिना खाये-पिये चलने की क्षमता थी और इन्हें "स्टील मैन" के नाम से भी जाना जाता है इनकी बहादुरी को सलाम और भावपूर्ण श्रद्धांजलि ..."
ट्रैक्टर से स्टंट करते इस व्यक्ति का वीडियो किसान आंदोलन से नहीं है
भगत सिंह की बहन परकाश कौर की मृत्यु 2014 में हुई है, हाल में नहीं
नीचे पोस्ट देखें और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें.
नमाज़ पढ़ते सिख व्यक्ति की एक पुरानी तस्वीर किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को क्रॉप कर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2016 में पोस्ट की गयी यही तस्वीर एक ट्वीट में मिली.
इसके बाद वायरल फ़ोटो में लिखे हुए पैराग्राफ़ के कुछ शब्दों के साथ खोज करने पर हमें पंजाब केसरी की 13 मई 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. लेख में वायरल तस्वीरों में से एक प्रकाशित थी.
इस लेख के मुताबिक़ 48 वर्षीय नरेंद्र चौधरी बिना खाए पिए 50 किलोमीटर चल लेते थे. उनका देहांत बम टेस्ट करने के दौरान हुआ. वे छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे.
हमें जागरण का भी एक लेख मिला जिसमें कई तसवीरें प्रकाशित हैं. कोलाज में पोस्ट की गयी दूसरी तस्वीर भी जागरण के लेख में प्रकाशित है.