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      फैक्ट चेक

      महाराष्ट्र में पुलिसकर्मी को धमकाते मुस्लिम व्यक्ति का पुराना वीडियो कर्नाटक का बताकर वायरल

      बूम ने पाया कि वीडियो पुराना है और महाराष्ट्र के जलगांव जिले के चोपडा शहर का है.

      By - Anmol Alphonso |
      Published -  18 May 2023 10:02 AM
    • Listen to this Article
      महाराष्ट्र में पुलिसकर्मी को धमकाते मुस्लिम व्यक्ति का पुराना वीडियो कर्नाटक का बताकर वायरल

      सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति पुलिसकर्मी को धमकी देते हुए दिखाई दे रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह यह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बहुमत हासिल करने के बाद कर्नाटक की एक हालिया घटना को दर्शाता है.

      हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि वायरल वीडियो कर्नाटक का नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के चोपडा शहर का है और पुराना है.

      बीते 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के घोषित हुए नतीजों में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की है. इसके बाद से सोशल मीडिया पर कई वीडियो भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण मंशा से शेयर किये जा रहे हैं.

      के ट्विटर यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “अभी तो मुख्य मंत्री ने शपथ भी नही ली और ये हाल है कर्नाटक में बधाई हो जीत की.”

      अभी तो मुख्य मंत्री ने शपथ भी नही ली और ये हाल है कर्नाटक में
      😳.
      बधाई हो जीत की....#अमोघ16052023 pic.twitter.com/kfUHzwIbIj

      — त्रिशूल अचूक 🇮🇳 (@TriShool_Achuk) May 16, 2023

      ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

      As of now the Chief Minister has not even taken the oath and this is the situation in Karnataka. Congratulations on the win 🚩🙏 अभी तो मुख्य मंत्री ने शपथ भी नही ली और ये हाल है कर्नाटक में😳. बधाई हो जीत की 🚩🙏@BJPKarnataka @BJP4India @narendramodi pic.twitter.com/Ut0kKSQyhJ

      — रवि बंसल (@rbravi) May 16, 2023

      ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

      इसी दावे के साथ वीडियो को फ़ेसबुक पर भी शेयर किया जा रहा है.



      पोस्ट यहां देखें

      हमें यह वीडियो हमारे टिपलाइन नंबर (77009 06588) पर भी प्राप्त हुआ, ताकि वीडियो के साथ किये गए दावे की सत्यता की जांच की जा सके.



      नहीं, यह वीडियो कांग्रेस विधायक को कर्नाटक में पुलिस अधिकारी को धमकाते हुए नहीं दिखाता

      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2018 का है और महाराष्ट्र के जलगाँव जिले के चोपडा शहर में हुई एक घटना को दिखाता है. इस वीडियो का विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक की किसी भी हालिया घटना से संबंध नहीं है.

      हमने अप्रैल 2022 में इसी वीडियो का फ़ैक्ट चेक किया था, जब इसे इस फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया गया था कि यह दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके की घटना है, जहां सांप्रदायिक झड़प हुई थी.

      वायरल वीडियो में एक व्यक्ति पुलिस कांस्टेबल से बहस कर रहा है और उसे मराठी में बोलते हुए सुना जा सकता है. इसके अलावा, वीडियो में देखे गए साइनबोर्ड पर भी मराठी लिखा हुआ है, जिससे पता चलता है कि वीडियो महाराष्ट्र का है.



      इसके अलावा, पुलिसकर्मी की बायीं आस्तीन पर दिख रहा चिन्ह भी महाराष्ट्र पुलिस का है. नीचे देखें.



      हमने "वर्दी उतार कर मिल ले" जैसे कीवर्ड के साथ सर्च किया तो 20 सितंबर 2018 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें वीडियो का लंबा वर्ज़न मौजूद था. वीडियो के साथ कैप्शन दिया गया था, “धुले महाराष्ट्र...”



      इस वीडियो के कमेंट सेक्शन चेक करने पर, हमें केदार धनगर नाम के एक यूज़र्स का 9 मार्च, 2021 का एक कमेंट मिला, जिसमें बताया गया था कि यह घटना महाराष्ट्र के चोपडा बस स्टैंड की है. केदार धनगर ने अपने रिप्लाई में कहा कि पुलिस कर्मियों ने एक फल विक्रेता की पिटाई की और इसके कारण विवाद हुआ था.

      बूम ने फिर केदार धनगर से संपर्क किया जिन्होंने पुष्टि की कि वीडियो 2018 का है और महाराष्ट्र का है. धनगर ने बूम को बताया था कि घटना के समय वह चोपड़ा बस स्टैंड पर मौजूद था.

      "मैं 11 वीं कक्षा में था और इंटरनल परीक्षाओं के बाद कॉलेज से लौट रहा था, तब मैंने पुलिसकर्मी को बहस करते हुए और एक युवा फल विक्रेता को धक्का देते हुए देखा और उसे अपने स्टाल को हटाने के लिए कहा क्योंकि इससे यातायात प्रभावित हो रहा था. कुछ समय बाद, हमने उसी फल विक्रेता को दो वृद्ध पुरुषों के साथ बस स्टैंड में प्रवेश करते हुए देखा है, जो इस बात से नाराज थे कि पुलिसकर्मी ने फल विक्रेता को पीटा था," धनगर ने बताया. उन्होंने कहा कि बहस कुछ मिनटों तक चली और चोपडा बस स्टैंड के प्रभारी सोनवणे नाम के एक व्यक्ति के हस्तक्षेप के बाद रुक गई. धनगर ने कहा था, "वीडियो दिल्ली का नहीं है, बल्कि चोपडा का है, जहां मैं रहता हूं. मैं उसी जगह से रोज बस लेता हूं और मैंने इस बहस को ठीक अपने सामने होते देखा है."

      इसके अलावा, हम वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी की पहचान श्रीकांत गंगुर्दे के रूप में करने में भी सक्षम थे, जो अप्रैल 2022 में चोपडा में सब डिविज़नल पुलिस कार्यालय में पुलिस नाइक के रूप में तैनात थे. बूम ने तब गंगुर्दे से संपर्क किया था, जिन्होंने पुष्टि की कि वीडियो में वो ही हैं और कहा कि घटना 12 सितंबर, 2018 को हुई थी. "मुझे तारीख सही से याद है और मैं तब चोपडा शहर पुलिस स्टेशन में एक पुलिस कांस्टेबल था. उस दिन मेरी ड्यूटी चोपडा बस स्टैंड पर थी जहां घटना हुई थी." गंगुर्दे ने बूम को बताया.

      उस घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा था, ''एक युवक ने बसों के निकलने वाली जगह पर टेंपो लगा रखा था और सेब बेच रहा था. उसके स्टॉल से ट्रैफिक जाम हो रहा था और बसों की आवाजाही बाधित हो रही थी तो मैंने उसे अपना स्टॉल हटा लेने को कहा.'' लेकिन उसने बार-बार चेतावनी देने के बावजूद ऐसा करने से इनकार कर दिया और हमारी बहस हो गई. कुछ देर बाद, वह अपने पिता और दादा को ले आया, जो वायरल वीडियो में मेरे साथ बहस कर रहे हैं. पिता का आरोप है कि मैंने उनके बेटे (फल विक्रेता) को पीटा है और कहा कि वह मेरे खिलाफ कार्रवाई करेंगे. गुस्से में उन्होंने वह लाइन कही जो वायरल हो रही है वर्दी उतार कर उनसे मिलने के बारे में."

      श्रीकांत गंगुर्दे ने बताया कि घटना के बाद वीडियो वायरल हो गया और थाने में दोनों लोगों के ख़िलाफ़ मामला भी दर्ज किया गया. "जिस व्यक्ति ने मुझे धमकी दी है उसका नाम नईम बागवान है और वृद्ध व्यक्ति रहीम बागवान है. हमने ड्यूटी पर एक सार्वजनिक अधिकारी को धमकी देने के लिए उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है."

      सरकारी अस्पतालों में अन्य धर्मों की तुलना में अधिक मुस्लिम बच्चों के जन्म का दावा फ़र्ज़ी है

      Tags

      Karnataka Assembly Election 2023MaharashtraFact Check
      Read Full Article
      Claim :   वीडियो में कांग्रेस की जीत के बाद कर्नाटक में पुलिस को धमकी देते मुस्लिम व्यक्ति को दिखाया गया है
      Claimed By :  Twitter, Facebook Users
      Fact Check :  False
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