भारत ने पाकिस्तान से इमरान खान को सौंपने का अनुरोध नहीं किया, वायरल दस्तावेज फर्जी है
बूम को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऐसे किसी लेटर का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. पीआईबी ने भी इसका खंडन करते हुए दस्तावेज को फर्जी बताया है.

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के हवाले से 'टॉप सीक्रेट' का मुहर लगा एक फर्जी दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि नई दिल्ली ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को उनकी 'व्यक्तिगत सुरक्षा' के लिए भारत स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है.
बूम को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऐसे किसी लेटर का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला और न ही कोई ऐसी विश्वसनीय रिपोर्ट मिली जिससे पता चले कि भारत सरकार ने ऐसा कोई प्रस्ताव रखा है.
यह दस्तावेज एक ऐसे अभियान का ताजा उदाहरण है जिसके जरिए X के कई हैंडल भारत को निशाना बनाकर ऑनलाइन माहौल को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें एआई से एडिट किए गए वीडियो, फेक कोट्स और नकली सर्कुलर जैसी चीजें शामिल हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 5 अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं. उन्हें तोशाखाना मामले में दोषी पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. उन पर प्रधानमंत्री रहते हुए मिले सरकारी तोहफों को अवैध रूप से बेचने और उससे हुई कमाई को चुनाव आयोग के सामने घोषित न करने का आरोप था. हालांकि ट्रायल कोर्ट की सजा बाद में निलंबित कर दी गई लेकिन अन्य कई लंबित मामलों के कारण वह अभी भी हिरासत में हैं.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि यह विदेश मंत्रालय का लीक हुआ दस्तावेज है जिसमें इमरान खान को राजनीतिक कैदी के रूप में भारत स्थानांतरित करने की मांग की गई है. वायरल दस्तावेज में अंग्रेजी में कहा गया कि विदेश मंत्रालय के पास यह 'विश्वसनीय जानकारी' है कि पाकिस्तान में इमरान खान की जान को खतरा है इसलिए वह पाकिस्तानी सरकार से अनुरोध करती है कि उन्हें अस्थायी रूप से 'भारत में सुरक्षित स्थान' पर स्थानांतरित कर दिया जाए. साथ ही आश्वासन दिया गया कि उन्हें सुरक्षात्मक हिरासत में रखा जाएगा और स्थिति सामान्य होने पर वापस भेज दिया जाएगा.
इस दस्तावेज को @abubakarqassam नाम के एक वेरिफाइड एक्स हैंडल ने 'ब्रेकिंग न्यूज' के रूप में प्रस्तुत करते हुए पोस्ट किया और इसके अंग्रेजी कैप्शन में दावा किया कि भारतीय विदेश मंत्री का एक 'टॉप सीक्रेट' लेटर सोशल मीडिया पर लीक हो गया है. भारत सरकार ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह हसीना वाजिद की तरह इमरान खान को भी राजनीतिक बंदी बनाकर भारत भेज दे. (आर्काइव लिंक)

पड़ताल में क्या मिला:
पत्र में मौजूद है अशुद्धियां
वायरल तस्वीर में देखा जा सकता है कि कथित लेटर को लकड़ी की मेज पर रखा गया है जिसके आसपास नाटकीय रोशनी है, जो एक स्टाइलिश शैडो इफेक्ट पैदा कर रही है. ऑनलाइन इस लेटर की सिर्फ यही एक तस्वीर मौजूद है और इसके अलावा ऐसे किसी दस्तावेज के लीक होने की कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट भी नहीं है.
कोई भी आधिकारिक राजनयिक पत्र चाहे वह अत्यंत गोपनीय ही क्यों न हो- आमतौर पर तटस्थ और औपचारिक भाषा में होते हैं जबकि इस लेटर में Political prisoner और Secure Location जैसे शब्द असामान्य लगते हैं.
पत्र में इमरान खान का पूरा नाम- इमरान अहमद खान नियाजी लिखा गया है जबकि अतीत में आधिकारिक भारतीय पत्रों में उन्हें केवल इमरान खान के रूप में संदर्भित किया गया है.
पत्र का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है
हमने विदेश मंत्रालय की वेबसाइट, आधिकारिक प्रेस विज्ञप्तियां तथा सार्वजनिक बयान भी देखे लेकिन हमें ऐसे किसी पत्र का कोई जिक्र नहीं मिला. केंद्र सरकार की फैक्ट चेक इकाई पीआईबी फैक्ट चेक ने भी इस दस्तावेज का खंडन करते हुए इसे फर्जी बताया है.
हमने विदेश मंत्रालय के पीएआई (पाकिस्तान,अफगानिस्तान और ईरान) प्रभाग की भी जांच की लेकिन यहां भी हमें ऐसा कोई पत्र या हालिया संवाद नहीं मिला. बूम ने विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया मांगी है, प्रतिक्रिया मिलने पर लेख को अपडेट कर दिया जाएगा.
बूम पहले भी पाकिस्तानी एक्स हैंडल @abubakarqassam द्वारा पोस्ट किए गए कई एआई जनरेटेड वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है, जिसमें भारतीय सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया था. यह अकाउंट पाकिस्तानी एक्स हैंडल्स के एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ भ्रामक, मनगढ़ंत या एआई आधारित वीडियो शेयर करते हैं.



