CDS अनिल चौहान का चीन को लद्दाख-अरुणाचल सौंपने वाला बयान फर्जी है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में CDS अनिल चौहान की आवाज एआई की मदद से तैयार की गई है. मूल वीडियो में उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया.

सोशल मीडिया पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर वह कहते नजर आ रहे हैं कि भारत ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को अपनी कमजोर एयरफोर्स के कारण चीन को सरेंडर कर दिया लेकिन इंडियन नेवी कमजोर नहीं है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो में सीडीएस अनिल चौहान की फर्जी आवाज अलग से जोड़ी गई है. कई एआई डिटेक्टर टूल्स ने इसमें एआई की मदद से छेड़छाड़ की संभावना जताई है. अनिल चौहान के भाषण के मूल वीडियो में इस तरह की कोई टिप्पणी शामिल नहीं है.
केरल के एझिमाला स्थित इंडियन नेवल एकेडमी में 29 नवंबर को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया जहां तीनों सेनाओं के प्रमुख अनिल चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. परेड के बाद जनरल चौहान ने एकेडमी से पास आउट हुए नए नेवल ऑफिसर्स को संबोधित किया.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
सोशल मीडिया पर वायरल करीब 26 सेकंड के इस वीडियो में अनिल चौहान अंग्रेजी में कहते हैं, "मैं अपने नेवल ऑफिसर्स को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमें कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए. मुझे पता है कि भारत सरकार ने अपनी कमजोर एयरफोर्स के चलते अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख चीन के हवाले कर दिया है, लेकिन निश्चिंत रहें कि भारतीय नौसेना कमजोर नहीं है और पाकिस्तान भारत के किसी भी पोर्ट सिटी को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा."
वह आगे कहते हैं, "यहां तक कि 10 मई को भी पाकिस्तानी नौसैनिक जहाज गुजरात तक नहीं पहुंच पाए, उनके ड्रोन पहुंच गए, जो हमारी नहीं बल्कि वायु रक्षा प्रणाली की विफलता है."
एक्स और फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि जनरल अनिल चौहान ने अपने भाषण में कहा कि भारत सरकार ने कमजोर वायुसेना के कारण अरुणाचल और लद्दाख को चीन के सामने सरेंडर कर दिया है लेकिन आश्वस्त रहें कि भारतीय नौसेना कमजोर नहीं है और पाकिस्तान कभी भी भारत के किसी भी बंदरगाह को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
मूल भाषण में अनिल चौहान ने ऐसा बयान नहीं दिया
हमें न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक एक्स हैंडल पर सीडीएस अनिल चौहान के भाषण का मूल वीडियो मिला. हमने पाया कि इसमें अनिल चौहान कहीं भी इंडियन एयरफोर्स को लेकर वायरल वीडियो जैसा कोई बयान नहीं दे रहे हैं.
मूल वीडियो में अनिल चौहान नेवल ऑफिसर्स को संबोधित करते हुए कहते हैं कि युद्ध में नाकाबिलियत की कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है. इसलिए प्रोफेशनल एक्सीलेंस की ओर बढ़ें. यह आपके लिए कोई चॉइस नहीं एक ऑब्लिगेशन है. वह अपने भाषण में टेक्नोलॉजी के बढ़ते महत्व और सभी सेनाओं के बीच इंटीग्रेशन की आवश्यकता पर जोर देते हैं. आगे वह इंडियन नेवी की भूमिका पर बोलते हुए कहते हैं कि इंडियन नेवी हमारे राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने के लिए भविष्य में मिलिट्री पावर के किसी भी इस्तेमाल में अहम भूमिका निभाएगी.
इसके अलावा हमें इंडियन नेवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इसका लाइव प्रसारण भी मिला, जिसे 29 नवंबर को स्ट्रीम किया गया था. लाइव वीडियो के एक घंटे 51 मिनट के बाद वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है.
हमने पाया कि पूरे भाषण में कहीं भी सीडीएस अनिल चौहान इंडियन एयरफोर्स के बारे में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करते हैं.
वीडियो में एआई की मदद से की गई है छेड़छाड़
जांच के लिए हमने इसकी आवाज को एआई डिटेक्टर टूल DeepFake-O-Meter पर चेक किया. DeepFake-O-Meter के कुछ मॉडल्स ने इसकी आवाज के एआई जनरेटेड होने की संभावना जताई. इसके लिप-सिंक्ड डीपफेक डिटेक्शन मॉडल ने भी इसे 99.9 प्रतिशत फेक बताया, जिसका मतलब था कि वीडियो में एआई की मदद से छेड़छाड़ की गई है.
पुष्टि के लिए हमने इसे डीपफेक वॉयस डिटेक्टर टूल Hiya पर भी चेक किया. Hiya ने आवाज को 13/100 का ऑथेंटिसिटी स्कोर दिया, जो इसके डीपफेक होने की संभावना को दिखाता है.
बूम हाल के दिनों में इस फॉर्मेट में फैलाए गए ऐसे कई प्रोपेगैंडा आधारित फर्जी दावों का फैक्ट चेक कर चुका है, जिनमें अनिल चौहान समेत कई सैन्य अधिकारियों और चर्चित हस्तियों के डीपफेक वीडियो शामिल हैं. संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां, यहां और यहां पढ़ी जा सकती है.


