मध्यप्रदेश के खरगोन का पुराना वीडियो उत्तरप्रदेश का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है.
बीते 3 जून को उत्तरप्रदेश के कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने बंद का ऐलान किया था. भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर किए गए कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में मुस्लिम संगठनों ने बंद बुलाया था लेकिन जुमे की नमाज के बाद शहर में हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा. राज्य सरकार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया और हिंसा में शामिल कई लोगों के घरों और अवैध निर्माण को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया.
योगी सरकार की इसी कार्रवाई से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक छत से पत्थर फेंकते कुछ लोगों का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसे शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो उत्तरप्रदेश का है.
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वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छत पर मौजूद कुछ लोग पत्थरबाज़ी कर रहे हैं. पत्थरबाज़ी कर रहे लोगों में से कुछ भगवा कपड़े पहने हुए हैं या भगवा अंगवस्त्र अपने शरीर पर डाले हुए हैं.
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कानपुर में हुई घटना के बाद काफ़ी शेयर किया जा रहा है.
प्रदीप कुमार शर्मा नाम के यूज़र ने इस वीडियो को अपने फ़ेसबुक अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है 'मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश इन पत्थरबाजों पर भी कार्रवाई होगी या नहीं'.
वहीं मुसाहिद खान नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ वीडियो को शेयर किया है.
वायरल पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि वीडियो में 10 अप्रैल 2022 तारीख लिखा हुआ है और साथ ही 18:13 मिनट भी अंकित है.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक ट्वीट मिला, जिसमें यूज़र ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि 'शिवराज जी ये भी पत्थरबाज है इनके घरों पर कब चलेगा बुल्डोजर या केवल मुस्लिमो के लिए बुलडोजर बना है'. बता दें कि शिवराज जी संबोधन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए किया जाता है.
इन दोनों जानकारियों के आधार पर हमने मध्यप्रदेश में बीते 10 अप्रैल को भड़की हिंसा से जुड़ी ख़बरों को खोजा, तो पता चला कि खरगोन जिले में 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में कई आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया था और मध्यप्रदेश शासन ने हिंसा में कथित रूप से शामिल कई लोगों के घर ढहा दिए थे.
इसके बाद हमने खरगोन हिंसा से जुड़ी वीडियो को ख़ोजना शुरू किया तो हमें एक वीडियो मिला. इस वीडियो में भी भगवा कपड़ा और अंगवस्त्र डाले कई लोग पत्थरबाजी करते हुए दिखाई दे रहे थे. हालांकि इस वीडियो का एंगल वायरल वीडियो से काफ़ी अलग था लेकिन वीडियो में दिख रही छत की रेलिंग का कलर और ढांचा उसी तरह का था.
जांच के दौरान हमने खरगोन के पत्रकार निशात सिद्दिकी को भी वायरल वीडियो भेजा तो उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो जिले के तवड़ी मोहल्ले का है. निशात से मिली जानकारियों के आधार पर हमने इस वीडियो को सोशल साइट्स पर ढूंढा तो हमें गफ़ार वहोरा नाम के फ़ेसबुक अकाउंट पर यही वीडियो मिला, जिसके कैप्शन में लिखा हुआ था तवड़ी मोहल्ला, माता चौक के नजदीक, खरगोन, मध्यप्रदेश.
इसकी और पुख्ता जानकारी के लिए हमने स्वतंत्र पत्रकार काशिफ़ ककवी की मदद ली. काशिफ़ ने खरगोन हिंसा से जुड़े वीडियोज अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किए थे.
काशिफ़ ने भी वायरल वीडियो खरगोन के होने की पुष्टि की और साथ ही उन्होंने हमें एक फ़ोटो भी भेजा जिसमें वह साफ़ बिल्डिंग दिखाई दे रही है जहां से पत्थरबाजी हुई थी. कासिफ़ ने यह भी बताया कि पत्थरबाजों ने उसी मोहल्ले में रहने वाले रिटायर्ड पुलिस अधिकारी नासिर अहमद खान के घर पर भी पत्थरबाजी की थी.
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