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फैक्ट चेक

क्या रैली में सेना के जवानों ने लगाए बीजेपी-आरएसएस विरोधी नारे? फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो में दिख रहे एक व्यक्ति से बात की जिसने इस बात की पुष्टि की कि रैली के दौरान बीजेपी या आरएसएस विरोधी नारे नहीं लगाए गए थे.

By - Mohammad Salman |
Published -  24 Jun 2021 8:24 PM IST
  • क्या रैली में सेना के जवानों ने लगाए बीजेपी-आरएसएस विरोधी नारे? फ़ैक्ट चेक

    सोशल मीडिया पर सेना की वर्दी पहने लोगों की एक मोटरसाइकिल रैली (Motorcycle Rally) का वीडियो एडिट करके वायरल किया जा रहा है. वीडियो इस फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है कि क्लिप में भारतीय सेना (Indian Army) के 'जवानों' को भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के ख़िलाफ़ नारे लगाते हुए दिखाया गया है.

    बूम ने पाया कि वीडियो को 2019 के पुलवामा हमले के कुछ दिनों बाद भारतीय सेना के समर्थन में उत्तराखंड के हरिद्वार में शूट किया गया था और वीडियो पर विवादित नारेबाज़ी का ऑडियो एडिट करके डाला गया है.

    हमने पाया कि रैली में भाग लेने वाले लोग सेना के जवान नहीं हैं.

    हमने रैली में शामिल एक व्यक्ति का भी पता लगाया, उसने इस बात की पुष्टि की कि रैली में बीजेपी या आरएसएस के ख़िलाफ़ कोई नारा नहीं लगाया गया था. हमें रैली के अन्य वीडियो मिले जिनमें ऐसा कोई नारा नहीं था.

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    वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मोटरसाइकिल रैली काफ़ी भीड़भाड़ वाले इलाक़े से निकल रही है. फिर से वायरल इस वीडियो की शुरुआत नारे से होती है, 'आरएसएस के लालों को गोली मारो सालों को, बीजेपी के लालों को गोली मारो सालों को, देश के इन गद्दारों को गोली मारो सालों को'.

    भड़काऊ नारा 'देश के गद्दारो को गोली मारो सालों को' वही है जो बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने जनवरी 2020 में एक सार्वजनिक रैली के मंच से उठाया था, जिसे वो संबोधित कर रहे थे.

    वीडियो शेयर करते हुए गुरूमुखी भाषा में लिखा एक कैप्शन जिसका मतलब है "अब सेना तक बीजेपी और आरएसएस के विरोध में उतर आई है."

    (गुरुमुखी : ਹੁਣ ਤਾਂ ਫੌਜੀ ਵੀ ,ਬੀ ਜੇ ਪੀ ,ਤੇ ,RSS, ਦੇ ਵਿਰੋਧ ਵਿੱਚ ਅਾ ਗੲੇ,fouji vi aage BJP and R S S de virodh vich)


    वीडियो यहां देखें. आर्काइव यहां देखें.



    असम के मुख्यमंत्री के भाषण के रूप में वायरल इस वीडियो का सच क्या है?

    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने 'Indian soldiers chanting rss ke dalalo ko' के साथ कीवर्ड सर्च किया और उसी वीडियो पर फ़रवरी 2020 से एक प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो का फ़ैक्ट चेक पाया. पीआईबी फ़ैक्ट चेक ने मूल वीडियो के टिकटॉक लिंक को भी शेयर किया था. हमने यह वीडियो देखा और पाया कि टिकटॉक वीडियो में बीजेपी या आरएसएस से संबंधित कोई नारा नहीं है.

    टिकटॉक वीडियो में नारा है, "देश के गद्दारों को गोली मारों सालों को, जो नहीं है साथ में चूड़ी पहनो हाथ में."

    इस नारे से हिंट लेते हुए हमने फ़ेसबुक पर 'पुलवामा जो नहीं है साथ में चूड़ी पहनो हाथ में' के साथ एक कीवर्ड सर्च किया और रैली की समान तस्वीरों के साथ फ़रवरी 2019 की एक पोस्ट मिली.


    14 फ़रवरी के पुलवामा हमले के कुछ दिनों बाद 16 फ़रवरी 2019 को चौहान चौहान विशाल नाम के एक फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर एक व्यक्ति की तिरंगा लपेटे हुए एक रैली में शिरक़त करती तस्वीर शेयर की हुई मिली.

    हाल ही में वायरल हो रहे वीडियो में भी ऐसा ही तिरंगे में लिपटा एक व्यक्ति सेना की वर्दी पहने लोगों से घिरा है.


    हमने चौहान की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल को ध्यान से देखा. इस दौरान हमें ऐसे ही कई वीडियो और तस्वीरें मिलीं, जहां उन्हें भारतीय तिरंगे में लिपटा और रैलियों में भाग लेते देखा जा सकता है.

    इसके बाद बूम वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए चौहान से संपर्क किया.

    चौहान ने बूम को फ़ोन पर बताया कि वह उत्तराखंड के हरिद्वार में रहते हैं. उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो 2019 के पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के सम्मान में निकाली गई एक रैली को दिखाता है. "उस रैली में बीजेपी या आरएसएस के ख़िलाफ़ ऐसा कोई नारा नहीं लगाया गया था. मैं इसका हिस्सा था. रैली हरिद्वार में भूमानंद अस्पताल और हर की पौड़ी के बीच आयोजित की गई थी," विशाल चौहान ने बूम को बताया. उन्होंने 16 फ़रवरी, 2019 का एक ऐसा ही वीडियो भी अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर अपलोड किया था.

    जबकि विशाल द्वारा शेयर किया गया वीडियो बिल्कुल वायरल वीडियो जैसा नहीं है, लेकिन इस वीडियो में वैसा ही माहौल ज़रूर देखा जा सकता है. उन्हें नारे लगाते देखा जा सकता है, "भारत माता की जय, वंदे मातरम, जो नहीं है साथ में चूड़ी पहन लो हाथ में, वीर शहीद अमर रहें.?

    जब बूम ने चौहान से पूछा कि क्या उन्होंने हमारे साथ जो वीडियो शेयर किया है, वह उसी रैली का है, जिसकी क्लिप अभी वायरल है, तो उन्होंने हां में जवाब दिया. चौहान ने कहा, "यह उसी रैली का है. हम बहुत दूर से आ रहे थे. हालांकि मुझे ठीक वही वीडियो नहीं मिला."

    उन्होंने यह भी पुष्टि की कि उनके चारों ओर सेना की वर्दी में दिख रहे लोग छात्र हैं. चौहान ने बूम को बताया, "सेना के जवानों के सम्मान में रैली निकाली गई थी. हालांकि, वीडियो में दिख रहे लोग सेना के जवान नहीं हैं, वे सेना की वर्दी में छात्र हैं."

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    चौहान ने बूम से इस बात की भी पुष्टि की कि रैली के दौरान कोई बीजेपी विरोधी या आरएसएस विरोधी नारे नहीं लगाए गए थे.

    Tags

    Pulwama attackBhartiya Janata PartyRashtriya Swayamsevak SanghrallyIndian ArmyViral VideoFact CheckFake News
    Read Full Article
    Claim :   अब सेना भी भाजपा और आरएसएस के ख़िलाफ़ उतर आई है
    Claimed By :  Facebook Pages
    Fact Check :  False
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