राजस्थान में पारिवारिक विवाद का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल
बूम से बात करते हुए राजस्थान पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आरोपी और पीड़ित पक्ष एक ही समुदाय से हैं और परिवार के सदस्य हैं.
राजस्थान में लोगों के एक समूह द्वारा एक पुरुष और दो महिलाओं पर हमला करने का एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा है कि वीडियो में एक हिंदू व्यक्ति को मुसलमानों द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया है.
बूम ने पाया कि वीडियो जोधपुर, राजस्थान का है और एक व्यक्तिगत विवाद पर रिश्तेदारों को अपने परिवार के सदस्यों की पिटाई करते हुए दिखाता है। बूम ने जोधपुर पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल होने से इनकार किया और कहा कि आरोपी और पीड़ित एक ही - खटीक समुदाय - के हैं और एक ही परिवार से हैं.
नहीं, वायरल तस्वीर अयोध्या में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन की नहीं है
वायरल वीडियो में लोगों के एक समूह को खून से लथपथ एक व्यक्ति की लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई करते दिखाया गया है.
ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा 'इस घटनाक्रम में जितने भी सम्मिलित हैं हुक्म उन सबकों तुरंत प्रभाव से जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करावें. मुल्लों को कोई डर नहीं क्योंकि राजस्थान में इनकी कांग्रेस सरकार है. जय हो #गहलोत_राज_जंगलराज अभी तक 5 दिन हो गए एक भी गिरफ़्तारी नहीं क्योंकि मारने वाले मुस्लिम हैं'.
बूम ने मन विचलित कर देने वाले दृश्य दिखाती वीडियो को शामिल नहीं किया है.
ट्वीट यहां देखें
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मुल्लों को कोई डर नहीं क्योंकि राजस्थान में इनकी कांग्रेस सरकार है. जय हो गहलोत अभी तक 5 दिन हो गए एक भी गिरफ़्तारी नहीं क्योंकि मारने वाले मुस्लिम हैं. अखलाक, पहलू खान, तबरेज अंसारी की लिंचिंग पर छाती कूटने वाले आज अफीम चाटकर सो गए क्या? राजस्थान में एक निर्दोष हिन्दू योगेश जाटव की राशीद और उसके साथियों ने पिंट पिंट कर हत्या कर दी. लिंचिंग कांग्रेस शासित राज्य में हुई है, मरने वाला हिन्दू और मारने वाला शान्तिदूत इस लिए सन्नाटाराजस्थान में एक निर्दोष हिन्दू योगेश जाटव की राशीद और उसके साथियों ने पिंट पिंट कर हत्या कर दी. लिंचिंग कांग्रेस शासित राज्य में हुई है, मरने वाला हिन्दू और मारने वाला शान्तिदूत इस लिए सन्नाटा"
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बूम ने वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की सत्यता जांचने के लिए सबसे पहले योगेश जाटव नाम की खोज की, जैसा कि वायरल दावे में बताया गया है.
इस दौरान हमें 21 सितंबर की मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जहां राजस्थान के अलवर ज़िले में इसी नाम के एक व्यक्ति की पिटाई की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक़, 19 वर्षीय दलित किशोर जाटव ने एक महिला को अपनी मोटरसाइकिल से टक्कर मार दी जिससे महिला घायल हो गई. इससे गुस्साई भीड़ ने कथित तौर उसपर हमला कर दिया. जाटव को अस्पताल ले जाया गया, कथित हमले के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में अलवर के पुलिस अधीक्षक के हवाले से कहा गया है कि, "शुरुआती जांच से पता चलता है कि 15 सितंबर को योगेश जाटव मोटरसाइकिल पर सवार थे, जिसने एक महिला (मुबीना की बेटी) को टक्कर मार दी. जाटव के सिर पर चोटें आईं, जबकि महिला भी घायल हो गई. महिला दो-तीन अन्य लोगों के साथ बाजरा काट कर अपने घर लौट रही थी, तभी हादसा हुआ."
यह घटना तब सुर्खियों में आई जब राज्य में विपक्ष, भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने इस घटना को मॉब लिंचिंग का मामला बताया.
योगेश जाटव पर कथित हमले के वीडियो और तस्वीरों की खोज से कोई परिणाम नहीं निकला. वायरल हो रहा वीडियो उपरोक्त घटना का नहीं है.
फिर हमने संबंधित कीवर्ड के साथ सर्च किया और हमें दैनिक भास्कर के एक रिपोर्टर का ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने वही वायरल वीडियो शेयर किया था और घटना का संबंध जोधपुर से होने का बताया था. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, घटना 19 सितंबर की है, महा मंदिर थाना क्षेत्र में, जहां खटिक समुदाय के एक ही परिवार के दो समूहों ने एक निजी विवाद को लेकर आपस में मारपीट की थी. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरें वायरल वीडियो के दृश्यों से मेल खाती हैं.
इसके बाद बूम ने महा मंदिर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) लेखराज सिहाग से संपर्क किया, जिन्होंने सभी सांप्रदायिक दावों का खंडन किया और कहा कि दोनों पक्ष- आरोपी और पीड़ित- एक ही परिवार से हैं और एक ही समुदाय के हैं. एसएचओ सिहाग ने कहा कि, "घटना 19 सितंबर की है, जब एक परिवार के सदस्यों ने पिछले दिन आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर अपने रिश्तेदारों पर हमला किया था. बहस इतनी बढ़ गई कि एक समूह ने उनके रिश्तेदारों पर बेरहमी से हमला कर दिया." उन्होंने आगे कहा, "दोनों पक्ष हिंदू हैं और खटिक समुदाय से हैं जो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आता है. वे वास्तव में परिवार के सदस्य हैं और एक ही इलाक़े में एक-दूसरे के आस पास रहते हैं."
उन्होंने बूम को आरोपियों और पीड़ितों के नाम दिए. उन्होंने कहा, "आरोपी हैं, सोनू, सुरेश, रवि, देवीलाल, संतोष, विकास, भरत, विशाल, भवानी, घनश्याम और पुखराज," उन्होंने आगे घायल पीड़ितों की पहचान अजय, कंचन, कैलाश, कमलेश और शांति के रूप में की है. सिहाग ने कहा, "वायरल वीडियो में दिख रहे तीन पीड़ितों में कमलेश, शांति और कंचन हैं. वे घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है. इस मामले में कोई मौत नहीं हुई है." उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित और आरोपी एक ही उपनाम- खटिक से जाने जाते हैं.
जोधपुर (पूर्व) के पुलिस उपायुक्त भारत भूषण यादव ने इसकी पुष्टि की और कहा, "कोई भी दावा कि आरोपी मुस्लिम हैं या हमले का एक सांप्रदायिक कारण था, झूठा है. योगेश जाटव का मामला, जैसा कि वीडियो में बताया गया है, अलवर की एक घटना से है और किसी भी तरह से वीडियो से संबंधित नहीं है."
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