नाटकीय रूपांतरण का पुराना वीडियो हिजाब विवाद के संदर्भ में वायरल हुआ
बूम ने पाया कि वीडियो 2015 में काबुल में हुए एक नाटक की रिकॉर्डिंग है, जिसका असलियत से कुछ लेना-देना नहीं है.
कर्नाटक हिजाब विवाद मामले के बाद से भारत में सोशल मीडिया पर हिजाब से संबंधित फ़र्ज़ी वीडियो, तस्वीरें और सूचनाओं की भरमार हो गई है. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो ख़ूब वायरल हो रहा है.
वायरल वीडियो में बुर्क़ा पहने एक महिला और कई सारे पुरुष दिख रहे हैं. कुछ समय बाद सारे पुरुष मिलकर उस बुर्का पहने हुई महिला के साथ मार-पीट करते हैं. इसी बीच महिला नीचे ज़मीन पर गिर जाती है. बावजूद इसके पुरुषों का समूह उसे पीटता रहता है.
वीडियो के माध्यम से एक समुदाय को लक्षित करते हुए व्यंग में कहा जा रहा है कि मर्द हो तो ऐसे, ऐसा समाज होना चाहिए आदि.
बूम ने पाया कि वीडियो 2015 में काबुल में हुए एक नुक्कड़ नाटक का है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र Omendra Ratnu ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है 'इसे कहते हैं मर्दानगी । समाज हो तो ऐसा हो । सैक्यूलर समाज केवल एक स्टेशन दूर होता है ऐसे
समाज से ।'
फ़ेसबुक पर एक अन्य यूज़र Constant Guy ने 'इसे कहते हैं मर्दानगी । समाज हो तो ऐसा हो।' कैप्शन के साथ यही वीडियो शेयर किया है.
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ट्विटर पर भी Dr Omendra Ratnu नामक यूज़र ने इस वीडियो को समान कैप्शन के साथ ट्वीट किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब इस वीडियो से संबंधित कीवर्ड डालकर यूट्यूब पर सर्च किया तो france 24 english नामक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला. वीडियो में एक महिला के इंटरव्यू के साथ वही वीडियो चलती है, जो फ़िलहाल वायरल है.
स्क्रीन पर leena alam actress kabul afghanistan लिख कर आता है. वीडियो से पुष्टि होती है कि ये घटना अफ़ग़ानिस्तान के क़ाबुल शहर की है. इसके बाद बूम ने लीना आलम अभिनेत्री से संबंधित कीवर्ड डालकर सर्च करने पर कई आर्टिकल सामने आए जिसमें france 24 का एक आर्टिकल मिला.
28 अप्रैल 2015 को प्रकाशित इस आर्टिकल के अनुसार क़ाबुल शहर में क़रीब एक महीने पहले शहर के बीच में दिनदहाड़े भीड़ ने 27 वर्षीय छात्रा फरकुंडा की हत्या कर दी थी. उसपर क़ुरआन जलाने का आरोप लगाया गया था. यह नाटक उसी की याद में, जहां हत्या हुई थी उसी जगह पर किया गया था. यह नाटक छात्रा की हत्या के 40 दिन बाद हुआ था. अच्छे अभिनय के लिए अभिनेत्री लीना आलम को काफ़ी सराहा गया था.