फैक्ट चेक: नेपाल में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर के साथ प्रदर्शन की तस्वीर पुरानी है
बूम ने पाया कि यह तस्वीर 9 मार्च 2025 को राजधानी काठमांडू में निकाली गई एक रैली की है, जिसमें प्रदर्शनकारी नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग करते हुए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह और योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लिए नजर आए थे.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि नेपाल में Gen Z प्रदर्शन के दौरान लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लिए हुए हैं. इसी के साथ यूजर कह रहे हैं कि नेपाल तक में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता गूंज रही है और वहां लोग 'योगी मॉडल' जैसा शासन चाहते हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीर नेपाल में जारी मौजूदा विरोध प्रदर्शनों की नहीं है. यह तस्वीर 9 मार्च 2025 की है, तब राजशाही समर्थित एक रैली में लोग पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ के भी पोस्टर लिए नजर आए थे.
गौरतलब है कि नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ 4 सितंबर से शुरू हुआ 'Gen Z' आंदोलन एक व्यापक जनआंदोलन में बदल गया. इस दौरान युवाओं ने सोशल मीडिया बैन के अलावा देश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और भाई‑भतीजावाद जैसे मुद्दे उठाए.
मंगलवार 9 सितंबर को इसने उग्र रूप अख्तियार कर लिया. संसद सहित कई सरकारी इमारतों व संपत्तियों को निशाना बनाया गया. बता दें कि इससे पहले पुलिस की गोलीबारी में करीब 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी.
बढ़ते दबाव के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत सरकार के तमाम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है और सोशल मीडिया पर लगे बैन को भी वापस ले लिया गया. खबरों की मानें तो तख्तापलट के बाद प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त करने का प्रस्ताव पेश किया है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल
फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर इस तस्वीर को नेपाल में चल रहे मौजूदा विरोध प्रदर्शनों से जोड़कर शेयर कर रहे हैं और लिख रहे हैं कि मोटरसाइकिल रैली के दौरान प्रदर्शनकारी योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लिए नजर आए. वहां के नागरिक इच्छा जाहिर कर रहे हैं कि नेपाल में भी शासन 'योगी मॉडल' की तरह होना चाहिए. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला
वायरल तस्वीर पुरानी है
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें मार्च 2025 की कई नेपाली और भारतीय मीडिया रिपोर्ट मिलीं जिनमें यह तस्वीर मौजूद थी, जिसका मतलब था कि यह तस्वीर पुरानी है.
आजतक, हिंदुस्तान, न्यूज 18 और बीबीसी नेपाल की रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर 9 मार्च 2025 की है. उन समय नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर लोग सड़कों पर थे. नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह कई धार्मिक दौरे के बाद 9 मार्च को पोखरा पहुंचे थे.
काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के समर्थकों समेत सैकड़ों युवाओं ने मोटरसाइकिल रैली निकालकर पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का स्वागत किया. रैली में शामिल लोग राष्ट्रीय ध्वज और ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीर लिए हुए थे. इस दौरान कुछ लोगों के हाथ में ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ की भी तस्वीर देखी गई थी.
राजशाही का समर्थन करने वालों ने निकाली थी रैली
पूर्व राजा के समर्थन में निकाली गई इस रैली का उद्देश्य नेपाल में राजशाही की बहाली के लिए समर्थन प्रदर्शित करना था. हालांकि तस्वीर के सामने के बाद इसकी काफी आलोचना हुई थी. आरपीपी के प्रवक्ता का कहना था कि रैली में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर का दिखना किसी साजिश का हिस्सा है.
तब पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मुख्य सलाहकार बिष्णु रिमल ने भी अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर 9 मार्च 2025 को यह तस्वीर पोस्ट की थी. उस दौरान कई नेपाली आउटलेट भी ने इस घटना से संबंधित खबरें प्रकाशित की थीं.




