वायुसेना प्रमुख एपी सिंह के इस्तीफे के दावे से फर्जी लेटर हुआ वायरल
पीआईबी ने सोशल मीडिया पर इस लेटर को फर्जी बताते हुए कहा कि इसे भारतीय वायुसेना द्वारा जारी नहीं किया गया है.

सोशल मीडिया पर भारतीय वायुसेना (आईएएफ) प्रमुख एपी सिंह के इस्तीफे के दावे से एक फर्जी लेटर सर्कुलेट हो रहा है. इसके साथ कहा जा रहा है कि सात राफेल और एक तेजस विमान खोने के बाद वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. पीआईबी ने इसका खंडन करते हुए बताया कि यह लेटर फर्जी है और इसमें किया गया दावा निराधार है. इस संबंध में भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने भी बूम से इसकी पुष्टि की कि यह लेटर फेक है.
बूम हाल के दिनों में ‘ब्रेकिंग न्यूज’ के फॉर्मेट में फैलाए गए ऐसे कई प्रोपेगैंडा आधारित फर्जी दावों का फैक्ट चेक कर चुका है, जिनमें सैन्य अधिकारियों और कई चर्चित हस्तियों के डीपफेक वीडियो भी शामिल हैं. संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां और यहां पढ़ी जा सकती है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
एक्स पर कई पाकिस्तानी अकाउंट्स ने इस लेटर को शेयर करते हुए इसे ब्रेंकिंग न्यूज की तरह पेश किया और दावा किया कि आईएएफ चीफ ने इस्तीफा दे दिया है. 28 नवंबर 2025 की तारीख वाले इस लेटर में रक्षा मंत्री को संबोधित करते हुए आईएएफ चीफ एपी सिंह के हवाले से अंग्रेजी में लिखा गया, 'हाल की परिस्थितियों ने मुझे इस निष्कर्ष पर पहुंचाया है कि मैं अब इस पद के कर्तव्यों का निर्वहन उस अटूट एकाग्रता और प्रतिबद्धता के साथ प्रभावी ढंग से नहीं कर सकता जिसकी यह अपेक्षा करता है. कृपया इसे वायुसेना प्रमुख के पद से मेरे औपचारिक त्यागपत्र के रूप में स्वीकार करें.' लेटर में नीचे एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह का हस्ताक्षर भी दिखाया गया है. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
जांच के दौरान हमें भारतीय वायुसेना प्रमुख के इस्तीफे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. जाहिर है अगर वायुसेना प्रमुख ने अपने पद से इस्तीफा दिया होता तो इसकी चर्चा खबरों में जरूर होती. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वायरल लेटर फर्जी है.
हमने भारतीय वायुसेना की वेबसाइट चेक की तो पाया कि एयर चीफ मार्शल के तौर पर अभी भी एपी सिंह का ही नाम सूचीबद्ध है.
पीआईबी ने किया दावे का खंडन
भारत सरकार की नोडल एजेंसी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट चेक इकाई ने सोशल मीडिया पर इस लेटर को फर्जी बताते हुए वायरल दावे का खंडन किया और स्पष्ट किया कि यह पत्र भारतीय वायुसेना द्वारा जारी नहीं किया गया है.
इसे पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा करार देते हुए पीआईबी ने कहा कि लेटर में किए गए दावे पूरी तरह निराधार हैं और यह पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है.
बूम ने इस संबंध में भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता से भी संपर्क किया जिन्होंने पुष्टि की कि वायरल लेटर फर्जी है.



