बिहार में NDA की जीत पर पाक हैंडल ने शेयर किया CDS अनिल चौहान का डीपफेक वीडियो
बूम ने पाया कि मूल वीडियो में रक्षा प्रमुख अनिल चौहान ने बिहार में एनडीए की जीत के संदर्भ में ऐसा कोई बयान नहीं दिया था. वायरल वीडियो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से नकली आवाज जोड़ी गई है.

सोशल मीडिया पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर वह बिहार चुनाव में एनडीए की जीत का कारण भारतीय सैन्य बलों द्वारा किए गए 'त्रिशूल अभ्यास' को बता रहे हैं.
साथ ही वह वीडियो में यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि "मैंने सुझाव दिया है कि पाकिस्तान के खिलाफ आगामी धर्मयुद्ध के लिए 2028 तक भारतीय सेना से 50 प्रतिशत गैर-हिंदू सैनिकों को हटा दिया जाना चाहिए."
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो को डीपफेक तकनीक की मदद से तैयार किया है और इसमें नकली आवाज अलग से जोड़ी गई है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं. सत्ताधारी एनडीए गठबंधन ने कुल 202 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं महागठबंधन 36 सीटों पर सिमट कर रह गया.
‘त्रिशूल’ का आयोजन नवंबर 2025 की शुरुआत में भारतीय नौसेना द्वारा थल सेना और वायु सेना के साथ संयुक्त रूप से किया गया था. इस अभ्यास का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच तालमेल बढ़ाना और तीनों सेनाओं में बहु-क्षेत्रीय एकीकृत परिचालन प्रक्रियाओं का समन्वय करना था, ताकि संयुक्त प्रभाव-आधारित संचालन संभव हो सके.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
एक्स और फेसबुक पर कुछ पाकिस्तान समर्थित अकाउंट्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इसके अंग्रेजी कैप्शन में लिखा, "रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान का दावा है कि एनडीए गठबंधन ने बिहार चुनाव त्रिशूल अभ्यास के कारण जीता. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय युद्ध को एक बड़े धर्मयुद्ध का हिस्सा बताया, जिसके लिए मुसलमानों को भारतीय सेना से बाहर करना जरूरी है". (आर्काइव लिंक)
पूरे वीडियो में जनरल अनिल चौहान कहते हैं, "जहां तक बिहार चुनाव का सवाल है, हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं कि एनडीए गठबंधन भारतीय सेना के त्रिशूल अभ्यास के कारण ही जीत पाया. प्रधानमंत्री मोदी और उनके भगवाकरण के उद्देश्य ने एक व्यापक जनाधार को जन्म दिया है कि भारतीय सेना उन आक्रमणकारियों के डीएनए से मुक्त हो जो भारतीय संपत्ति को लूटने आए थे. वे हमारी भारतीय सेना को बर्बाद कर रहे हैं."
वह आगे कहते हैं, "इसीलिए मैंने सुझाव दिया है कि 2028 तक 50 प्रतिशत गैर-हिंदुओं को हटा दिया जाना चाहिए. पाकिस्तान के खिलाफ इस आगामी धर्मयुद्ध के लिए भारतीय सेना को शुद्ध होना होगा. यह भगवाकरण भारतीय सेना को अपनी मूल जड़ों की ओर लौटने में मदद कर रहा है."(अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
पड़ताल में क्या मिला:
मूल वीडियो में जनरल अनिल चौहान ने ऐसा बयान नहीं दिया
हमें न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 16 नवंबर 2025 को अपलोड किया गया CDS जनरल अनिल चौहान का मूल वीडियो मिला. हमने पाया कि मूल वीडियो में उन्होंने कहीं भी वायरल वीडियो जैसा बयान नहीं दिया है. इससे हमें अंदेशा हुआ कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है.
अनिल चौहान का यह मूल वीडियो दिल्ली में आयोजित भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव के दौरान का है, जहां उन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचा’ जैसे विषयों पर अपने विचार रखे थे.
हमें United Service Institution of India के यूट्यूब चैनल पर इस कार्यक्रम का लाइव वीडियो भी मिला, हमने पाया कि इसमें भी कहीं वायरल वीडियो वाला बयान मौजूद नहीं है.
एआई वॉइस डिटेक्टर टूल ने की आवाज के नकली होने की पुष्टि
हमने वीडियो की आवाज की जांच के लिए इसे डीपफेक वॉइस डिटेक्टर टूल Hiya पर चेक किया. इस टूल ने आवाज को 1/100 का ऑथेंटिसिटी स्कोर दिया, जो इसके डीपफेक होने की प्रबल संभावना को दर्शाता है.
बूम इससे पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के एक एआई जनरेटेड वीडियो का भी फैक्ट चेक कर चुका है जिसमें उनके हवाले से कहा गया था कि भारतीय सेना 2028 तक गैर-हिंदू सैनिकों की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी करेगी. फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां पढ़ें.
एक अन्य फर्जी वीडियो में बिहार चुनावों से ठीक पहले कर्नल सोफिया कुरैशी को यह कहते हुए दिखाया गया था कि 'त्रिशूल अभ्यास' देश को धोखा देने के लिए एक नौटंकी हैं.' फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां पढ़ें.


