RSS कार्यकर्ता का सिर काटने के सांप्रदायिक दावे से वायरल हुआ पुराना और एडिटेड वीडियो
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो में उत्तर प्रदेश और वेनेजुएला के दो अलग-अलग पुरानी घटनाओं को एडिट कर जोड़ा गया है.
सोशल मीडिया पर एक शख्स को बेरहमी से पीटने और हत्या कर देने का एक वीभत्स वीडियो वायरल है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि केरल में मुसलमानों ने RSS कार्यकर्ता को मस्जिद में ले जाकर उसका सिर काट दिया.
वायरल वीडियो में दो क्लिप्स हैं. पहले क्लिप में कई सारे लोग एक व्यक्ति को बुरी तरह पीट रहे हैं. इस क्लिप पर न्यूज एजेंसी सुरदर्शन न्यूज का लोगो देखा जा सकता है. वहीं दूसरी क्लिप में एक शख्स की गला काटकर हत्या की जा रही है, इसमें सुदर्शन न्यूज का लोगो नहीं है.
बूम ने इस वीडियो का फैक्ट चेक इससे पहले 2021 में भी किया था. उस समय यह दिल्ली में हिंदू युवक की पिटाई के दावे से वायरल था. उस दौरान हमने अपने फैक्ट चेक में पाया था कि यह उत्तर प्रदेश और वेनेजुएला के दो अलग-अलग घटनाओं का पुराना वीडियो है, जिसे एडिट कर एकसाथ जोड़ा गया है.
यह वीडियो फिलहाल बूम को उसकी टिपलाइन नंबर (+91 77009 06111) पर वेरीफाई करने के रिक्वेस्ट के साथ मिला. वीडियो के साथ सांप्रदायिक दावा करते हुए लिखा गया था, "आरएसएस कार्यकर्ता को मस्जिद में ले जाकर उसका सिर काटने वाले केरल के मुसलमान अगर बहुसंख्यक हो गए तो पूरा देश ऐसा हो जाएगा. कोई अदालत नहीं, कोई संविधान नहीं, कोई पुलिस आपकी रक्षा नहीं करेगी, आपकी संपत्ति आपकी रक्षा नहीं करेगी."
कैप्शन में आगे लिखा है, "न तथ्यों को देखिए, हमें देश में एक हिंदू वोट बैंक चाहिए, नहीं तो हम यहां भी नही दिखाई देंगे जैसे बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से भगा दिए गए और कश्मीर , बंगाल, केरल में इस तरह काटे जा रहे हो अकेले देख कर. राजस्थान, 36 गढ़, झारखंड, पंजाब, दिल्ली और अब कर्नाटक में जो हो रहा उसे देखो और समझो कि कितना जरूरी है बीजेपी का होना खास कर मोदी और योगी का होना. जागो मूर्ख हिंदुओं जागो." वीडियो के नेचर की वजह से हम कॉपी में उसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
हमें इसी सामान दावे से फेसबुक पर भी एक पोस्ट मिला, हालांकि इस पोस्ट में वायरल वीडियो संलग्न नहीं था.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
2021 में हमने पाया था कि वायरल वीडियो में अलग घटनाएं हैं. इसकी पड़ताल के लिए हमने दोनों क्लिप्स को अलग-अलग रिवर्स इमेज सर्च किया था.
क्लिप: एक
अपनी जांच के दौरान हमें 5 मई 2021 के अमर उजाला में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली थी. इस रिपोर्ट में घटना को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का बताया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, गांव सिकरी में बिजली संबंधी फाल्ट ठीक करने पहुंचे एक लाइनमैन से ग्रामीणों की बहस हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने उसके साथ मारपीट की थी. इस मारपीट में वहां के स्थानीय मुस्लिम लोग शामिल थे.
रिपोर्ट में यह भी बताया कि घटना के बाद मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई थी जिसने लाइनमैन को छुड़ा लिया. उसकी तहरीर के आधार पार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी. इसमें कहीं भी उसके मृत होने की खबर नहीं थी.
बूम को उस समय मुजफ्फरनगर पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर वीडियो से संबंधित एक पोस्ट भी मिला था. जिसमें एक यूजर द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो पर रिप्लाई करते हुए पुलिस ने घटना पर कार्रवाई की बात कही थी.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम ने तब भोपा थाने के सीकरी चौकी के तत्कालीन इंचार्ज रेशम पाल सिंह से भी संपर्क किया था. उन्होंने घटना के संबंध में बूम को बताया था कि ये घटना काफी पुरानी है और इस संबंध में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
रेशम पाल सिंह ने बातचीत में यह भी बताया कि मारपीट का मामला बहुत हल्का था और किसी की मृत्यु नहीं हुई थी. इसे गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है. दरअसल बिजली विभाग के कर्मचारी की स्थानीय लोगों से कुछ बहस हो गई थी जिसके बाद कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी.
क्लिप: दो
वीडियो के दूसरे हिस्से के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Metro की वेबसाइट पर इससे संबंधित एक रिपोर्ट मिली थी. इसमें वायरल वीडियो से मिलती-जुलती तस्वीर देखी जा सकती थी.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना वेनेजुएला की है, जहां 'megababdas gang' के सदस्यों ने इस लड़के की हत्या कर दी थी. इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें फरवरी 2018 की कुछ और मीडिया रिपोर्ट्स भी मिली.
6 फरवरी 2018 की The Sun की रिपोर्ट में भी बताया गया कि वेनेजुएला के एक गिरोह ने 13 साल के एक लड़के की क्रूर तरीके से हत्या कर दी. इसमें इससे मिलती-जुलती कई तस्वीरें देखी जा सकती हैं.
इससे साफ है कि दो अलग-अलग घटनाओं के पुराने वीडियो को गलत और सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.