कर्नाटक में गौ-हत्या के सांप्रदायिक दावे वाला वीडियो केरल में हुए एक प्रोटेस्ट का है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो फरवरी 2024 का केरल के वायनाड का है. जब स्थानीय लोगों ने जंगली जानवरों के हमलों से तंग आकर एक मृत गाय को वन विभाग की गाड़ी पर बांध दिया था.
सोशल मीडिया पर एक गाय को जीप पर बांधे हुए भीड़ का वीडियो वायरल है. यूजर्स वीडियो को शेयर करते हुए सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं कि कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय के लोग खुले आम गौ-हत्या कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा गलत है. वायरल वीडियो फरवरी 2024 का केरल के वायनाड का है. जब स्थानीय लोगों ने जंगली जानवरों के हमलों से तंग आकर विरोध प्रदर्शन करते हुए वन विभाग की गाड़ी पर एक मृत गाय को बांध दिया था और सड़क को जाम कर दिया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय द्वारा खुले आम गौ हत्या.'
फैक्ट चेक
बूम ने दावे के फैक्ट चेक के लिए वीडियो से संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर सर्च किया. हमें न्यूज वेबसाइट Free Press Journal पर 17 फरवरी 2024 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाला एक फ्रेम भी शामिल था.
रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो केरल के वायनाड का है. जहां स्थानीय लोगों ने जंगली जानवरों के हमलों से तंग आकर एक मृत गाय को वन विभाग की गाड़ी के बोनट पर बांध दिया. वह गाय संदिग्ध रूप से बाघ के हमले में मारी गई थी.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि एक दिन पहले 16 फरवरी को वन विभाग के एक कर्मचारी की कुरुवा द्वीप के पास एक जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस ने 18 फरवरी 2024 की अपनी रिपोर्ट में वायरल वीडियो के एक फ्रेम के साथ लिखा कि केरल के वायनाड में हाथी के हमले के कारण एक इको-टूरिज्म गाइड की मौत के बाद लोगों ने सड़क को जाम कर दिया.
रिपोर्ट में आगे लिखा गया कि गाय पर बाध के संदिग्ध हमले के बाद पिछले तीन सप्ताह में यह तीसरी मौत है.
जिले के पुलपल्ली में लोगों ने मृत शव के साथ घंटों विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद जिला अधिकारियों ने इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी.
द प्रिंट ने न्यूज एजेंसी भाषा के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा कि केरल के वायनाड में मानव-पशु संघर्ष की समस्या के स्थायी समाधान की मांग को लेकर पुलपल्ली में प्रदर्शन हुआ. जिसके बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जिले में अक्सर होने वाले मानव-पशु संघर्ष से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने का निर्देश जारी किया है.