लालू यादव के घर पर ED के छापे से बरामद सामान के रूप में असंबंधित तस्वीरें वायरल
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीरें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अन्य छापों से हैं और लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ जांच से संबंधित नहीं हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद, गहने और नकदी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हुईं कि ये लालू यादव के घर से ईडी की छापेमारी के दौरान बरामद किए गए हैं.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि जिन तस्वीरों के साथ जेवरात और नकदी बरामद होने का दावा किया जा रहा है, वे असंबंधित तस्वीरें हैं.
गौरतलब है कि ईडी ने ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ मामले में 24 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 1 करोड़ रुपये की नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोने की बुलियन और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण सहित विदेशी मुद्रा की बरामदगी का दावा किया गया था. ईडी के मुताबिक़, लगभग 600 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का पता चला है.
इस मामले में कथित भूमिका को लेकर जिन लोगों से पूछताछ की गई उनमें राजद प्रमुख मंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल हैं. उन पर और उनके परिवार पर सस्ती दरों पर बेची गई भूमि के बदले लोगों को रेलवे में नौकरी देने का आरोप लगाया गया है.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने 5 तस्वीरों का एक सेट शेयर करते हुए लिखा, “गरीबों का बनावट मसीहा बन चुका है लुटेरों का मसीहा! “लैंड फॉर जॉब" Lalu Prasad Yadav , Tejashwi Yadav ,@Rabaridevirjd.”
पोस्ट यहां देखें.
ट्वीट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
नहीं, यह वीडियो तमिलनाडु से बिहार के प्रवासी मजदूरों का पलायन नहीं दिखाता
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा और पाया कि इनमें से 3 तस्वीरों का राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के घर ईडी की छापेमारी से कोई संबंध नहीं है, जबकि दो तस्वीरों के बारे में स्पष्ट नहीं हैं कि वे लालू प्रसाद या तेजस्वी यादव के घर की हैं या नहीं.
पैसों के बंडल की तस्वीर
हमने हमने ईडी के इनिशियल्स से सजी पैसों के बंडल की पहली तस्वीर को खोजा तो यह 10 सितंबर, 2022 को प्रकाशित डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट में मिली.
इस रिपोर्ट का शीर्षक था, " कोलकाता में गेमिंग ऐप कंपनी पर ED के छापे को लेकर TMC, BJP के बीच जुबानी जंग"
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोलकाता की एक गेमिंग ऐप कंपनी पर ईडी द्वारा की गई छापेमारी में17 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई. इसके बाद से सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की 11 सितंबर 2022 रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से संबंधित मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कोलकाता में 6 स्थानों पर छापेमारी के बाद लगभग 18 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है.
इस रिपोर्ट में भी वही तस्वीर मौजूद है जिसे लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी में बरामद नकदी के रूप में शेयर किया जा रहा है.
जेवरात की तस्वीरें
बूम ने अपनी जांच में पाया कि एक प्लेटों पर सजे जेवरात और जेवरों के बॉक्स की वायरल तस्वीरों को ईडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 6 मार्च 2023 को ट्वीट किया गया था.
ईडी ने ट्वीट में बताया था कि पंकज मेहदिया, लोकेश और कथिक जैन द्वारा इंवेस्टमेंट फ्रॉड के संबंध में नागपुर और मुंबई में 15 स्थानों पर तलाशी और सर्वे किया गया, जिसमें 5.51 करोड़ रुपये के बेहिसाब आभूषण और 1.21 करोड़ की नकदी जब्त की गई है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, मुंबई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में एक बड़े निवेश धोखाधड़ी के संबंध में मुंबई और नागपुर में 15 स्थानों पर तलाशी और सर्वेक्षण किया, जिसमें आरोपी ने पोंजी योजनाएं चलाईं और सैकड़ों करोड़ों में से कई निवेशकों को धोखा दिया था. इस रिपोर्ट में प्लेटों पर सजे जेवरात की उसी तस्वीर को देखा जा सकता है.
नोटों से भरे सूटकेस की तस्वीर
नोटों से भरे सूटकेस और गोल्डन बिस्कुट की तस्वीरों को न्यूज़ एजेंसी ANI ने 11 मार्च, 2023 को ट्वीट किया था. इस ट्वीट में "रेलवे लैंड फॉर जॉब स्कैम" जांच में पैसे और गहने बरामद करने का दावा किया गया था.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़, अब तक, ईडी ने 24 स्थानों पर अपने छापे में इस कथित घोटाले से जुड़ी 600 करोड़ रुपये की आय "350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और 250 करोड़ रुपये के लेनदेन के रूप में" पाई थी. जिन संपत्तियों की तलाशी ली गई, उनमें से दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में स्थित एक चार मंजिला बंगला ए.बी. एक्सपोर्ट्स और ए.के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड हैं, जो कथित तौर पर तेजस्वी यादव के स्वामित्व और नियंत्रण में हैं. ईडी को यह भी संदेह है कि तेजस्वी यादव इस संपत्ति का उपयोग कर रहे थे जिसे उन्होंने 150 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य के मुक़ाबले 4 लाख रुपये में खरीदा था.
ईडी ने आधिकारिक तौर पर इन छापों की तस्वीरें जारी नहीं की हैं, लेकिन 11 मार्च के एक ट्वीट में उल्लेख किया गया है कि घोटाले की जांच चल रही है.
बूम को 14 मार्च शाम 5 बजे तक ईडी के ट्विटर हैंडल पर शेयर की गई ऐसी कोई भी तस्वीर नहीं मिली जिसमें लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव के ठिकानों से पैसे या गहने की बरामदगी दिखाई गई हो.
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