क्या ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने उड़ाया भारत का मज़ाक? फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावे वाला ग्राफ़िक एडिटेड है और लिज ट्रस ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
सोशल मीडिया पर ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस से जोड़कर एक बयान काफ़ी वायरल हो रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि उन्होंने भारत की आलोचना की है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है और उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.
वायरल दावे को एक ग्राफ़िक के सहारे शेयर किया जा रहा है, जिसमें समाचार पोर्टल ‘बोलता हिंदुस्तान’ का लोगो मौजूद है. साथ ही इसमें लिज ट्रस की तस्वीर भी मौजूद है और उसके नीचे मौजूद टेक्स्ट में लिखा हुआ है, “अशिक्षित नेताओं, बाबाओं की बातो को ध्यान से सुनने वाला देश भारत है- लिज ट्रस”.
वायरल दावे से जुड़े कई पोस्ट्स फ़ेसबुक पर मौजूद हैं, जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले ‘बोलता हिंदुस्तान’ के फ़ेसबुक पेज को खंगाला तो हमें 20 अक्टूबर 2022 को किए गए एक पोस्ट में ओरिजिनल ग्राफ़िक मिला.
ओरिजिनल ग्राफ़िक में लिज ट्रस की वही तस्वीर मौजूद थी जो वायरल दावे वाले ग्राफ़िक में है. लेकिन उसके नीचे मौजूद टेक्स्ट अलग है. ओरिजिनल ग्राफ़िक में लिखा हुआ है “मैं जिन वादों के साथ सत्ता में आई थी उसे पूरा नहीं कर पाई इसलिए इस्तीफ़ा दे दिया है - लिज़ ट्रस, यूके पीएम''.
चूंकि हमारी अभी तक की जांच में यह साफ़ हो गया कि वायरल ग्राफ़िक एडिटेड है. इसलिए हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए यह पता करने की कोशिश की, कि क्या उन्होंने भारत को लेकर कोई ऐसा बयान दिया है.
इसके लिए हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली तो हमें कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली. जबकि आमतौर पर ऐसा नहीं होता है कि किसी विदेशी राजनेता ने भारत को लेकर इस तरह का बयान दिया हो और उससे संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट मौजूद नहीं हो.
जांच में हमें लिज ट्रस का एक हालिया इंटरव्यू भी मिला, जो फ़रवरी 2023 में उन्होंने मुंबई में आयोजित हुए ABP Ideas Of India Summit में दिया था. इसमें उन्होंने आर्थिक सहित कई अन्य क्षेत्र को लेकर भारत की तरफ़दारी भी की थी.
बता दें कि सितंबर 2022 में लिज ट्रस ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को हराकर कंज़र्वेटिव पार्टी की नेता चुनी गई थीं. उन्होंने 6 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, पद संभालने के सिर्फ़ 45 दिन बाद ही उन्होंने 20 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.