बाइक पर लाश ढोते लोगों की ये तस्वीर क्या हालिया कोविड महामारी से जुड़ी है?
बूम ने पाया कि तस्वीर 2017 में बिहार में हुई एक घटना दिखाती है इसका कोविड-19 महामारी से सम्बंधित नहीं है.
दिल दहला देने वाली एक तस्वीर जिसमें एक व्यक्ति अपनी पत्नी की लाश मोटरसाइकिल पर घर ले जा रहा है, फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है. दावा है कि यह तस्वीर हाल में कोविड-19 की दूसरी लहर से हुई मौत दिखाती है.
बूम ने पाया कि तस्वीर एक महिला की लाश को दो लोगों द्वारा बाइक पर ले जाते दिखाती है. यह घटना बिहार के पूर्णिया में 2017 में हुई थी.
इस तस्वीर को तब शेयर किया जा रहा है जब भारत में नोवेल कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर का कहर नज़र आ रहा है. लोगों को हॉस्पिटल्स और ऑक्सीजन मुहैया नहीं हो पा रही है.
उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन को लेकर आया ये नया आर्डर
वायरल तस्वीर को मुख्यतः बांग्ला कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है जिसका हिंदी अनुवाद है: "बेटे ने अपने पिता के साथ माँ का शव ढोया. स्वर्णिम गुजरात का तोहफ़ा. फेकूजी का गिफ्ट और अब वे स्वर्णिम बंगाल बनाएंगे. शेम, शेम, (ममता मानवता का गर्व है.)"
(बांग्ला: "বাবা আর ছেলে মিলে মায়ের মৃতদেহ বহন করে নিয়ে যাচ্ছে - সোনার গুজরাট তোফা ফেকুজী তোফা এনারা আবার সোনা বাংলা করবে। ছিঃ ছিঃ ধিক্কার (মানবতার গর্ব মমতা)।")
नोट: परेशान कर देने वाली तस्वीर
नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनका आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.
सोनिया गांधी से जोड़कर शेयर की जा रही इस तस्वीर का सच क्या है?
फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि फ़ोटो 2017 में कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई थी.
जून 4, 2017, को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना बिहार के पूर्णिया में तब हुई थी जब दोनों व्यक्तियों को मॉर्ट्युरी वैन की सुविधा नहीं मिली थी.
एशियन ऐज और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट्स यहां और यहां पढ़ें. जबकि वायरल तस्वीर 2017 की है, इसी तरह की एक घटना आंध्र प्रदेश श्रीकाकुलम में भी हुई थी.