नहीं, यह वीडियो असम पुलिस को बिहार के लोगों के साथ बदसलूकी करते नहीं दिखाता
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो असल में मथुरा का है और जीआरपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल है जिसमें दो पुलिसकर्मी फ़र्श पर सो रहे व्यक्ति को लात मारते और बदसलूकी करते हुए हुए नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को असम का बताकर शेयर किया जा रहा और दावा किया जा रहा है कि वीडियो में असम पुलिस बिहार के मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए नज़र आ रही है. सोशल मीडिया यूज़र्स बिहार सरकार की अपने लोगों की परवाह न करने पर आलोचना करते हुए वीडियो शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के मथुरा रेलवे स्टेशन का है और बिहार के लोगों और असम से इसका कोई संबंध नहीं है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बिहारीयों के साथ असम पुलिस । भारत के सभी राज्यों में बिहारियों को पूरा ध्यान रखता है वहां की पुलिस। ऐसा मानतीं है बिहार सरकार।"
फ़ेसबुक पर अन्य कई यूज़र्स ने भी इस वीडियो को असम का बताकर देयर किया है जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर उसके बैकग्राउंड में हो रहे अनाउंसमेंट में आगरा और मथुरा का ज़िक्र किया जा रहा है. इससे संदेह हुआ कि वीडियो उत्तर भारत के किसी रेलवे स्टेशन का हो सकता है.
वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो अरविन्द चौहान नामक व्यक्ति का ट्वीट मिला, जिसमें वीडियो को मथुरा जंक्शन का बताया गया था. उन्होंने पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की मांग करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को टैग किया था.
ट्वीट के रिप्लाई में एसपी जीआरपी (गवर्मेंट रेलवे पुलिस ) आगरा का ट्वीट मिला, जिसमें बताया गया कि वीडियो बहुत पुराना है और मथुरा जंक्शन का है. वीडियो के सामने आने के बाद पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर 29 मार्च 2023 को निबंलित कर दिया गया है. विभागीय कार्यवाही सीईओ आगरा द्वारा की जा रही है जिसके बाद दंडात्मक कार्रवाई की बात कही गयी है.
इस प्रकरण को कवर करते हुए अमर उजाला ने 30 मार्च 2023 की रिपोर्ट में लिखा है, उत्तर प्रदेश के मथुरा में रेलवे स्टेशन पर जीआरपी सिपाहियों का युवक पर लात चलाने का वीडियो सामने आया. एसपी जीआरपी ने वीडियो का संज्ञान लिया और मामले की जांच के आदेश दिए हैं. दोषी पाए जाने पर दोनों सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
रिपोर्ट में घटना को होली के बाद 08 मार्च को जीआरपी थाने के सामने बने प्रतीक्षालय की बताया गया है. आगे कहा गया है कि पीड़ित ने शराब पी रखी थी और उल्टियां कर रहा था जिसकी शिकायत एक महिला ने पुलिस से की. इसके बाद दो कांस्टेबल आये और उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया.
घटना को एबीपी न्यूज़ और लल्लनटॉप सहित अनेक मीडिया संस्थानों ने कवर किया है. सभी ने इसे मथुरा रेलवे स्टेशन का बताया है. किसी भी रिपोर्ट में असम और बिहार के मजदूरों का कोई ज़िक्र नहीं है.
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