ईरानी संसद में अमेरिकी झंडे को जलाने का पुराना वीडियो अभी का बताकर वायरल
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि यह वीडियो मई 2018 का है जब अमेरिका के परमाणु समझौते से खुद को अलग करने पर ईरानी सांसदों ने अमेरिकी झंडे को जलाया था.

ईरान की संसद में अमेरिका के झंडे को जलाने का एक पुराना वीडियो ईरान-इजरायल और अमेरिका के हालिया संघर्ष से जोड़कर वायरल है.
बूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो मई 2018 का है. अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर निकलने पर ईरानी सांसदों ने संसद में अमेरिकी झंडे को जलाया था और ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे लगाए थे. तब संसद सदस्यों ने परमाणु समझौते की प्रतीकात्मक कॉपी को भी जलाया था.
ईरान-इजरायल संघर्ष में हस्तक्षेप करते हुए 22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया था. इसके जवाब में ईरान ने 23 जून को कतर के दोहा स्थित एक अमेरिकी एयर बेस मिसाइल पर हमला किया. इसके बाद 24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर की घोषणा की थी.
सोशल मीडिया पर दावा क्या है?
दक्षिणपंथी मीडिया आउटलेट पांचजन्य ने एक्स पर इस वीडियो को ईरान-इजरायल-अमेरिका के हालिया संघर्ष से जोड़ते हुए दावा किया कि ईरान की संसद में अमेरिका के झंडे को जलाया गया. फेसबुक पर भी यह वीडियो वायरल है.
पड़ताल में क्या मिला:
यह वीडियो मई 2018 का है जब अमेरिका के परमाणु समझौते से बाहर निकलने पर ईरानी की संसद में अमेरिकी झंडे जलाए गए.
1. वीडियो मई 2018 का है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया तो हमें कई मीडिया आउटलेट की मई 2018 की रिपोर्ट ( बीबीसी, द गार्डियन और द सन) में यह वीडियो मिली. हमें Radio Free Europe Radio Liberty की वेबसाइट पर भी 9 मई 2018 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला. वीडियो में इस आउटलेट का लोगो भी है, जो वायरल क्लिप में भी दिखाई देता है.
2. अमेरिका के न्यूक्लियर डील से बाहर होने पर प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से खुद को अलग करने पर ईरानी संसद में अमेरिकी झंडे जलाए गए. संसद सदस्यों ने इस दौरान Death to America के नारे लगाए थे और परमाणु समझौते की प्रतीकात्मक कॉपी को भी जलाया था.
द गार्डियन की 9 मई 2018 की रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका के आधिकारिक रूप से ईरान के साथ हुए 2015 के न्यूक्लियर डील (JCPOA - Joint Comprehensive Plan of Action) से बाहर होने पर ईरानी संसद के उद्घाटन सत्र में कुछ कट्टरपंथी सांसदों ने अमेरिकी झंडे और JCPOA की प्रति को जलाकर प्रदर्शन किया था.
3. ट्रंप ने डील को सबसे खराब बताया था
यह न्यूक्लियर डील 2015 में ईरान और छह देश (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी) के बीच हुआ एक ऐतिहासिक समझौता था, जिसका मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना और परमाणु हथियार बनाने से रोकना था. इसके बदले में ईरान से आर्थिक प्रतिबंध हटाने का वादा था.
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 मई 2018 को इस डील से अलग होने का ऐलान किया था. डोनाल्ड ट्रंप ने इस परमाणु समझौते को अमेरिका के लिए अब तक का सबसे खराब और एकतरफा समझौता कहा था.