अकबरपुर में 'राक्षस बच्चा' पैदा होने के दावे से वायरल हुए वीडियो का सच
बूम ने पाया कि नवजात शिशु की त्वचा विकसित नहीं होने के कारण होंठ और आँखें सूजी हुई हैं और नसें बाहर दिखाई दे रही हैं. मेडिकल भाषा में ऐसे बच्चों को कोलोडियन बेबी कहा जाता है.
कानपुर देहात के अकबरपुर जिला अस्पताल में राक्षस बच्चा पैदा होने के दावे से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इस राक्षस बच्चे को 20 ज़हरीले इंजेक्शन लगाये गए फिर भी यह नहीं मरा. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक नवजात शिशु, जिसके शरीर की सारी नसें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं और त्वचा नहीं होने के कारण उसकी आंखें, होंठ सूजे दिखाई दे रहे हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. नवजात शिशु हार्लेक्विन इचथ्योसिस नाम की जेनेटिक समस्या से ग्रसित है जो नवजात शिशुओं को होने वाला एक दुर्लभ आनुवंशिक त्वचा विकार है.
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फ़ेसबुक पर इस वीडियो को यूज़र्स 'शैतानी बच्चा', 'राक्षस बच्चा' बताकर शेयर कर रहे हैं.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में दिख रहा बच्चा एक दुर्लभ त्वचा विकार, हार्लेक्विन इचथ्योसिस के साथ पैदा हुआ था. हार्लेक्विन इचथ्योसिस का अर्थ है सूखी, पपड़ीदार 'मछली' जैसी त्वचा के साथ पैदा होना. इस स्थिति वाले नवजात शिशुओं के शरीर के अधिकांश भाग को ढकने वाली त्वचा बहुत सख्त और मोटी होती है. यह एक जेनेटिक समस्या है जिसमें बच्चे की त्वचा विकसित नहीं हो पाती.
हमने इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली लेकिन कानपुर देहात के अकबरपुर ज़िला अस्पताल में पैदा होने वाले ऐसे किसी बच्चे के बारे में जानकारी नहीं मिली.
इसके बाद हमने अकबरपुर ज़िला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक वंदना से संपर्क किया. हालांकि, उन्होंने वायरल वीडियो के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और फ़ोन काट दिया.
स्थानीय पत्रकार गौरव शुक्ल ने बूम को बताया कि वायरल वीडियो का संबंध अकबरपुर से नहीं है. अकबरपुर में 'राक्षस बच्चा' पैदा होने का कोई मामला नहीं आया है.
इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से खोजबीन शुरू की तो 4 जून 2022 को प्रकाशित हुईं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मध्यप्रदेश के रतलाम में 'एलियन' जैसे दिखने वाले बच्चे का जन्म हुआ.
ईटीवी भारत की रिपोर्ट में एक वीडियो भी मौजूद है जिसमें वायरल वीडियो से मिलते जुलते विज़ुअल्स हैं.
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले में एक विकृत बच्चे का जन्म हुआ. बच्चे के शरीर की सारी नसें, और त्वचा नहीं होने के कारण उसकी आंखें, होंठ सूजे दिखाई दे रहे हैं. रिपोर्ट में डॉक्टर के हवाले से जेनेटिक समस्या बताई गई है. रतलाम के बड़ावदा की रहने वाली एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे को आईसीयू में रखा गया है.
रिपोर्ट में डॉक्टर के हवाले से बताया गया है कि बच्चे की त्वचा विकसित नहीं होने के कारण उसके होंठ और आँखें सूजी हुई हैं और नसें बाहर दिखाई दे रही हैं. मेडिकल भाषा में ऐसे बच्चों को कोलोडियन बेबी कहा जाता है. हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप पुष्टि नहीं करता कि वायरल वीडियो का संबंध रतलाम से ही है.
इस बीच हम ऐसा कोई स्त्रोत नहीं प्राप्त कर सके जिसमें बच्चे को 20 जहरीले इंजेक्शन देकर मारने का ज़िक्र किया गया हो.
बता दें कि भारत में हार्लेक्विन इचथ्योसिस के पिछले मामले दिल्ली में साल 2018 और नागपुर में 2016 में सामने आया था. हार्लेक्विन इचथ्योसिस के साथ पैदा हुए बच्चों की जीवित रहने की दर बहुत कम होती है. इस विकार का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे उपचार से प्रबंधित किया जा सकता है.
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