पानी में उठे बवंडर का पुराना वीडियो उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल हो रहा वीडियो पुणे का है और यह घटना जून 2018 की है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पानी का फव्वारा काफ़ी ऊंचाई तक जाते हुए प्रतीत हो रहा है. इस वीडियो को इलाहाबाद के संगम का बताकर शेयर किया जा रहा है.
करीब डेढ़ मिनट के इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी नदी से पानी का एक फव्वारा ऊपर उठ कर काफ़ी उंचाई तक जा रहा है. वीडियो में कई लोगों की आव़ाज भी सुनी जा सकती है जो इस अनोखे दृश्य पर आश्चर्य जताते हुए प्रतीत हो रहे हैं.
अजीत डोभाल के नाम से बने फ़र्ज़ी ट्विटर अकाउंट के ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल
वायरल वीडियो को सोशल मीडिया ख़ासकर फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर किया गया है.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, "इलाहाबाद के संगम में गंगा से बादल पानी ले जाते हुए यह पहली बार हुआ है. प्रकृति का अद्भुत दृश्य देखें".
वहीं कई अन्य फ़ेसबुक यूजर्स ने भी इस वीडियो को इसी तरह के कैप्शन के साथ शेयर किया है, जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो के कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यांडेक्स पर यह वीडियो मिला. एक यूट्यूब पेज पर 9 जून 2018 को यह वीडियो मराठी हेडिंग और मराठी डिस्क्रिप्शन के साथ अपलोड किया गया था.
वीडियो में दिए गए मराठी डिस्क्रिप्शन का अनुवाद करने पर हमने यह पाया कि इसे पुणे के नजरे बांध के पास का बताया जा रहा है. इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें यह वीडियो टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर भी मिला. इसी दौरान अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट इंडिया टुडे पर 10 जून 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में वायरल वीडियो में दिख रहा दृश्य फ़ीचर इमेज के रूप में मौजूदा था. न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार यह घटना पुणे के पुरंदर तहसील के नजरे बांध की है, जहां के पास के जलाशय पर हवा घूमती हुई देखी गई थी और साथ ही पानी के फव्वारे को काफ़ी ऊँचाई तक उठते हुए देखा गया था.
इस रिपोर्ट में कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से भी बात की गई थी. एक ग्रामीण ने इंडिया टुडे को जानकारी देते हुए यह बताया कि उन्होंने एक सफ़ेद रॉकेट की गति से आ रहे एक दवाब को नजरे बांध के जलाशय में जाते देखा. इसके बाद पानी में चक्रवात जैसा बनने लगा और पानी बादल की तरफ़ उठने लगा. बादल की ओर उठ रही पानी की गति भी काफ़ी तीव्र थी.
विशेषज्ञों ने इस अनोखी घटना को जल बवंडर बताया था. इंडिया टुडे की ही रिपोर्ट के अनुसार एक विशेषज्ञ ने बताया कि समुंद्री इलाको में यह आम है. दरअसल जल बवंडर समुद्र या नदी में हवा के दवाब के कारण उत्पन्न होता है और इस दौरान पानी बादलों की तरफ़ उठने लगता है. इसकी ऊंचाई कई मीटरों तक होती है.
जांच के दौरान ही हमें इसी से जुड़ी नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जल बवंडर की यह घटना पुरंदर तालुका में नजरे बांध के पास रनमाला गांव में हुई थी और इस घटना के अगले दिन ही सिटिजन साइंस की तीन सदस्यीय टीम इसकी जांच करने भी पहुंची थी. गांव के लोगों से पूछताछ के बाद टीम ने यह पाया था कि बवंडर अधिकतम 120 सेकेंड था और इस दौरान करीब 1000 मीटर तक की दूरी तय की थी.