तेलंगाना: पुलिसकर्मी की सूझ-बूझ ने बचाई जान, वीडियो हुआ वायरल
सड़क हादसे में जब एक व्यक्ति की साँस और नब्ज़ दर जब बंद हो गए, अब्दुल ख़लील ने CPR देकर उसे होश में लाया.
23 जून दोपहर दो बजे से पहले, तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) के कांस्टेबल मोहम्मद अब्दुल ख़लील (Mohammed Abdul Khaleel) को नहीं पता था कि उनका एक वीडियो ट्विटर और फ़ेसबुक पर वायरल हो जायेगा.
तेलंगाना पुलिस डिपार्टमेंट के आधिकारिक हैंडल्स से पोस्ट किए गए इस 2:28 मिनट के वीडियो में, कांस्टेबल ख़लील एक व्यक्ति को CPR देते हुए नज़र आते हैं. ज़मीन पर पड़ा हुआ ये व्यक्ति बेहोश है और कांस्टेबल ख़लील अपने दोनों हाथों से उसके दिल को निरंतर पंप करते जा रहे हैं. लगभग 1 मिनट के बाद व्यक्ति को होश आता है और आस पास खड़े लोग उसे पानी पिलाते हैं.
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ये घटना तेलंगाना के करीमनगर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी (Karimnagar Housing Board Colony) में मंगलवार, 23 जून, 2021 की सुबह को हुई. कांस्टेबल ख़लील ने बूम को बताया कि लगभग 10:30 बजे वो हाउसिंग बोर्ड इलाके में ड्यूटी पर थे. हाउसिंग बोर्ड चौ-रस्ते पर एक आदमी बाइक से जा रहा था और दूसरा व्यक्ति सड़क पार कर रहा था. दोनों ने एक दूसरे को नहीं देखा और बाइक ने सड़क पार कर रहे व्यक्ति को ठोकर मार दी. वो व्यक्ति सड़क की बाई ओर गिर गया. ख़लील भाग कर व्यक्ति के पास आए. "वो व्यक्ति बिलकुल हिल नहीं रहा था और ये देखकर मैं भी पहले डर गया," ख़लील ने कहा. "उस परिस्थिति में मुझे अपनी ट्रेनिंग याद आई और मैंने उसके हार्ट को पंप करना चालू किया. जब उसने साँस लेनी शुरू कर दी तो हमने उसे बिठाया और पानी पिलाया."
CPR एक जीवन रक्षक तकनीक है जो आपात स्थितियों में इस्तेमाल की जाती है, जिसमें किसी की सांस या दिल की धड़कन रुक गई हो. चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दिल की धड़कन रुकने के तुरंत बाद इस तकनीक का इस्तेमाल करने से किसी की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है.
बेहोश हुए व्यक्ति अफ़ज़ल खान को सर पर चोट लगी थी. बाइक चला रहे व्यक्ति को नाक और पैर पर चोट लगी थी. दोनों को अस्पताल में भर्ती कर दिया और कांस्टेबल खलील के मुताबिक दोनों ख़तरे से बाहर हैं.
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मोहम्मद अब्दुल ख़लील ने अक्टूबर 2013 में पुलिस डिपार्टमेंट जॉइन किया और करीमनगर के वन टाऊन पुलिस स्टेशन में स्थित हैं. उनके रिश्तेदारों में कम से कम आठ लोग पुलिस में काम करते थे और करते हैं. अपनी इस सूझ-बूझ के लिए, करीमनगर पुलिस कमिशनर और अन्य वरिष्ठ पुलिसकर्मियों ने ख़लील की बड़ी प्रशंसा की.
कुछ करने और न करने के बीच का अंतर किसी की ज़िंदगी हो सकता है. ख़लील के इसी तर्क की वजह से एक व्यक्ति की जान बच गई. "अगर कौशल है तो 100% इसका उपयोग करना चाहिए," ख़लील ने हमसे कहा.
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