दावा : "निष्पक्ष पत्रकार रविश कुमार क्रिस्चियन मिचेल को भारत भेजने की यूएई की अदालत के आदेश से काफी दुखी थे (चेहरे पर दुख पूरा झलक रहा है) और उनको तो विश्वास भी नहीं हुआ था, यहां तक कि उन्होंने तो इस खबर को झूठ साबित करने की कोशिश तक की थी, जबकि बाकी सारे पत्रकारों ने इस खबर की पुष्टि कर दी थी।"
रेटिंग : झूठ
सच्चाई: फ़ेसबुक पर वायरल होता पोस्ट झूठा है। वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोल हैंडल्स के निशाने पर है । क्रिस्चियन मिशेल, जो ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले में कथित तौर पर 'बिचौलिया' घोषित किया गया था संयुक्त अरब-अमीरात से प्रत्यर्पित कर दिया गया है। फ़ेसबुक पर इस पोस्ट को 'पी.एम्.ओ इंडिया : रिपोर्ट कार्ड' नामक पेज पर 40 हज़ार से ज़्यादा व्यूज और 1400 शेयर्स मिले है।
Full View इस न्यूज़ क्लिप को 'पी.एम्.ओ इंडिया : रिपोर्ट कार्ड' नामक ट्विटर अकाउंट पर भी ट्वीट किया गया है।
सोशल मीडिया पर प्रसारित क्रिस्चियन मिचेल प्रत्यर्पण का वीडियो क्लिप दरअसल एक पुराना वीडियो है । इस रिपोर्ट को 19 सितंबर, 2018 में एनडीटीवी इंडिया प्राइम टाइम शो पर प्रसारित किया गया था। इस पर एक वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध है जिसे यहां देखा जा सकता है।
Full View यह वीडियो में 0:41 से 1:27 तक 45-सेकंड के अंतराल में वायरल वीडियो क्लिप से मेल खाता है। इसके अलावा, रवीश कुमार ने निधि राज़दान, जो एक पत्रकार है उनके सन्दर्भ में रिपोर्टिंग की है। रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात की अदालत ने 19 सितंबर, 2018 को प्रत्यर्पण के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया था।
अपने ट्वीट में, राज़दान ने कहा है की मिचेल को प्रत्यर्पित करने के लिए किसी अदालत ने कोई आदेश पारित नहीं किया है । बूम ने रविश कुमार से बात की तो उन्होंने कहा, "पोस्ट में जो लिखा है वो पूरा बकवास है। किसी रिपोर्ट को लेकर मेरे चेहरे का क्या भाव है ये कब से महत्वपूर्ण हो गया। मैं इस हफ़्ते बुखार से ग्रस्त हूँ। दो दिन दफ्तर नहीं गया। मैं क्यों दुखी होऊँगा। अजीब है। जो दलाल है वो पकड़ा ही जाए।" इस विषय से जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट्स को आप
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