बुलंदशहर में हाल ही में हुए हिंसक वारदातों के बाद अब भ्रामक विडिओज़ के वायरल होने का सिलसिला शुरू हुआ है | आपको याद दिला दे की तीन (3) दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में एक हिंदुत्ववादी गुट के कार्यकर्ताओं और जिला पुलिस के बीच भारी झड़प हुई थी | जहां ज़िले में अब भी हालात तनावपूर्ण हैं, वहीँ सोशल मीडिया पर भ्रामक और फ़ेक पोस्ट्स का सिलसिला शुरू हो चूका है | जबकि कई न्यूज़ पोर्टल्स ने इस घटना से जुड़े एक वीडियो क्लिप को शेयर किया है, पंजाब केसरी द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर फ़िलहाल वायरल किया जा रहा है |
manish kataria hindu नामक शख़्स के फ़ेसबुक पेज से यह वीडियो करीब 1,400 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चूका है | इस पेज पर जो वीडियो शेयर की गयी है उसके साथ ये सन्देश भी है: #बुलंदशहर_कांड_एक_विडियो_और_वायरल विडियो के आधार पर पहले पुलिस ने #सुमित को गोली मारी थी जिसके कारण भीड़ बेकाबू हो गयी थी। बाकी #एसआईटी गठित की गई है जल्द सच्चाई सबके सामने आयेगी अगर #गौ_हत्या_न_की_होती तो आज #इंस्पेक्टर_सुबोध_व_गौरक्षक_सुमित जिंदा होते #ईश्वर_उनकी_आत्मा_को_शांति_दे ✍️शर्मा नवजोत ✍️ Manish Kataria Hindu वायरल हो रहे पोस्ट पर ये दावा किया गया है की सुमित नाम के एक शख्स को पुलिस द्वारा गोली मारने के बाद ही भीड़ उग्र हुई थी और नतीजन पुलिस अफसर सुबोध कुमार सिंह की जान गयी |
Full View यही पोस्ट फेसबुक पर अन्य पेज जैसे की '
क़ुरआन का पैग़ाम सारी इन्सानियत के नाम " सभी अपने 100 फ्रेन्डस एड करें' और '
हिंद🚩रक्षक-सेवा【हिन्दुओं का ग्रुप】' पर भी शेयर किया गया है | हालाँकि यह
#बुलंदशहर_कांड_एक_विडियो_और_वायरल दरअसल यूट्यूब पर चार दिसंबर को पंजाब केसरी द्वारा अपलोडेड वीडियो है | वीडियो में 'गोली मार दी रे' के शोर के बीच भीड़ को एक घायल युवक को ले जाते देखा जाता सकता है | यह घायल युवक कथित रूप से सुमित है |
Full View बूम ने जब इस मामले की जांच कर रहे स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम के एक अफसर से बात की तो उन्होंने बताया की फेसबुक पर वायरल हो रहा यह वीडियो अधूरा है | "पहले वो लड़का पत्थर लेकर पुलिस चौकी के पीछे भागता है | बाद में उसे गोली लगती है," उन्होंने कहा | गौरतलब बात ये है की छः (6) दिसंबर को
पंजाब केसरी ने इस घटना से जुड़े पूरे वीडियो को अपने वेबसाइट पर अपलोड किया है | इस वीडियो में सुमित को हाथ में पत्थर लेकर दौड़ते देखा जा सकता है |
Full View नीचे हम तीन दिसंबर के घटना को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं |
- हिंदुत्ववादी गुट के कार्यकर्ताओं को बुलंदशहर के करीब महाव गाँव के खेतों में गायों के शव मिलें |
- कार्यकर्ता ये अवशेष लेकर सुबह ग्यारह बजे के करीब के चिंगरावठी गाँव के पुलिस सब-स्टेशन पहुचें | यहां पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़प हुई | कार्यकर्ता पुलिस से एफ.आई.आर. दर्ज़ करने की मांग कर रहे थे |
- कुछ देर में ही भीड़ बेकाबू हो कर पुलिस स्टेशन पर पथराव करने लगी | इतने देर में भीड़ को काबू में लाने के लिए शयना गाँव से पुलिस वालों की एक टीम यहां पहुंच चुकी थी |
- मामूली झड़प अब तक हिंसा में तब्दील हो चुकी थी और इस हिंसा में इंस्पेक्टर रैंक के एक पुलिस वाले - सुबोध कुमार सिंह - की गोली लगने से जान जा चुकी थी | पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई |
- अब तक हिंदुत्ववादी गुट के कुछ कार्यकर्ताओं ने चिंगरावठी गाँव से गुज़रने वाले हाईवे पर चक्का जाम कर दिया था |
- इस हिंसा में जहां सुबोध कुमार सिंह ने अपनी जान गवां दी, वहीँ चार पुलिस वाले घायल भी हुए | इसी हिंसा में 21-वर्षीय सुमित की भी जान चली गई |
ज्ञात रहे इस पुरे मामले के जांच के लिए आई.जी. (ज़ोन) के नेतृतव में एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का गठन हुआ है | आपको बताते चले की मृत पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह उस टीम का भी हिस्सा थे जिसने वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में हुए मुहम्मद इख़लाक़ की हत्या की जाँच की थी |