HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
एक्सप्लेनर्स

क्यों गिरफ़्तार किये गए रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी?

रायगढ़ पुलिस ने यह गिरफ्तारी दो साल पुराने 'आत्महत्या के लिए उकसाने' यानी एबेटमेंट टू सुसाइड मामले के सम्बन्ध में की है

By - Saket Tiwari | 4 Nov 2020 5:05 PM IST

रायगढ़ पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को बुधवार सुबह मुंबई स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया है | यह गिरफ़्तारी दो साल पुराने एक abetment to suicide 'एबेटमेंट टू सुसाइड' मामले के सम्बन्ध में हुई है |

यह मामला अन्वय नाइक और उनकी माँ की ख़ुदकुशी से जुड़ा है जो 2018 में हुई थी। पेशे से एक इंटीरियर डिज़ाइनर और कॉनकॉर्ड डिज़ाइन्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अन्वय नाइक ने अपने सुसाइड नोट में तीन लोगों का नाम लिया था | वह नाम थे अर्नब गोस्वामी, फ़िरोज़ शैख़ और नितेश सारदा। उनका आरोप था की इन तीन लोगों ने उनके काम का भुगतान नहीं किया था। भुगतान भी छोटा मोटा नहीं, 5.40 करोड़ रूपए का, स्क्रॉल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़।

फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट का दावा: राणा अय्यूब ने फ़्रांस हमले को मंज़ूर किया है

मामले में दर्ज़ एफ़आईआर में लिखा है कि कथित तौर पर रिपब्लिक टीवी की पैरेंट कंपनी ए.आर.जी आउटलिएर के अर्नब गोस्वामी ने 83 लाख, एक प्रोजेक्ट के लिए फ़िरोज़ शैख़ ने 4 करोड़ और स्मार्ट वर्क के मालिक नितेश सारदा ने 55 लाख रुपयों का भुगतान नहीं किया था।

अन्वय नाइक और उनकी माँ कुमुद नाइक के शव उनके अलीबाग स्थित घर में मिले थे।

मामला क्या है?

दो साल पहले हुई ख़ुदकुशी के पीछे जांच में कथित तौर पर तीन नाम सामने आये थे। मई 2018 में अन्वय नाइक और माँ कुमुद नाइक के शव मिलने पर पुलिस ने जांच की थी। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें तीनों आरोपियों के नाम थे।

नाइजीरिया में सुशांत के लिए न्याय की मांग करती यह तस्वीर फ़र्ज़ी है

अप्रैल 2019 में रायगढ़ की स्थानीय पुलिस ने एक समरी रिपोर्ट फ़ाइल की और कहा कि उन्हें सबूत नहीं मिले जो सुसाइड नोट में लिए गए नाम यानी गोस्वामी और दो और आरोपियों पर आरोप सिद्ध करते हैं लेकिन यह मामला अब फिर जांच में जा चुका है।

अब क्यों आया यह मामला सामने?

दरअसल 2018 का यह मामला फ़िर से जांच में तब गया जब महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 26 मई, 2020, को ट्वीट कर सीआईडी को फिर से जांच के आदेश दिए। उन्होंने लिखा कि आद्न्या नाइक- अन्वय नाइक की बेटी - ने उनसे दरख़्वास्त की है कि जांच फिर से की जाए।

अन्वय नाइक की पत्नी अक्षता नाइक और बेटी आद्न्या नाइक घटना के बाद से ही आवाज़ उठाती रही हैं। साल 2019 में पुलिस द्वारा जांच पूरी न होने के बाद उन्होंने कई बार सोशल मीडिया पर वीडियोज़ के ज़रिये गुहार लगाई थी। अक्षता नाइक ने अगस्त 2020 में भी एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने गोस्वामी पर आरोप लगाए थे।

अभी मामला कहाँ पंहुचा है?

महाराष्ट्र पुलिस ने मामले से जुड़े तीन आरोपियों को 4 नवंबर, 2020 को गिरफ्तार किया है। इस मामले में मुख्य आरोपी रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी, आईकास्टएक्स (IcastX) और स्कीमीडिया के फ़िरोज़ शैख़ और स्मार्टवर्क्स के नितेश सारदा को गिरफ्तार किया है।

सुबह सुबह अर्नब गोस्वामी कि गिरफ़्तारी उनके घर से की गयी थी। इसके बाद गिरफ़्तारी का वीडियो सोशल मीडिया पर ज़ोरों से वायरल हुआ।

ट्विटर पर कई संस्थाओं और लोगों ने इस तरह गिरफ़्तारी की निंदा की है |

क्या है रिपब्लिक टीवी का स्टैंड?

रिपब्लिक टीवी ने 7 मई को ट्वीट में एक आधिकारिक बयान जारी किया था। इसमें अक्षता नाइक के आरोपों को फ़र्ज़ी और निराधार बताया गया था। स्टेटमेंट यह भी कहता हैं कि 90 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। बयान कहता है कि आद्न्या और अक्षता नाइक रिपब्लिक से मिलकर पूरा मामला ख़त्म करने कि इच्छुक नहीं हैं। आज का ट्वीट नीचे देखें |

रिपब्लिक टीवी के इन दावों को अक्षता नाइक ने प्रेस कॉन्फेंस में ख़ारिज किया है |

सुशांत सिंह राजपूत: मृत्यु से अब तक...


Tags:

Related Stories