HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
एक्सप्लेनर्स

जानिए: क्यों वॉल्व वाले N95 मास्क कोविड-19 के सामने कमज़ोर पड़ते हैं?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के स्वास्थ और शिक्षा सचिवों को सूचित करते हुए 'वॉल्व वाले' N95 मास्क पहनने से बचने को कहा है

By - Shachi Sutaria | 22 July 2020 4:02 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'वॉल्व वाले' N95 फ़ेसमास्क इस्तेमाल न करने की सलाह देते हुए लिखा है की यह मास्क वायरस को बाहर निकलने से रोकने में सक्षम नहीं हैं | इसका मतलब यह है की यदि कोई संक्रमित व्यक्ति इस तरह का मास्क पहनता है तो वायरस उसके श्वांस वातावरण में छोड़ने पर आसपास के लोगों तक पहुंच सकता है |

केंद्रीय स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह भी कहा है की इस तरह के - वॉल्व वाले - मास्क का उपयोग साधारण लोगों द्वारा करना गलत है | यह केवल हेल्थ वर्कर्स के लिए है जो लगातार मरीज़ों के संपर्क में आते रहते हैं और जिन्हे ज़्यादा  सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है | यह N95 मास्क हेल्थ वर्कर्स के लिए उचित हैं | साधारण लोगों के लिए घरेलु कपड़े से बने मास्क भी कारगर हैं |

कुछ N95 मास्क में वॉल्व क्यों होते हैं?

N95 एक ऐसा मास्क है जो सांस लेते वक़्त करीब 95 फीसदी हानिकारक पदार्थों को फ़िल्टर कर देता है | वह हवा में फ़ैले पदार्थों को दूर रखते हैं बस इन्हें तेल भरे वातावरण से दूर ही पहनना चाहिए | यह मास्क तेल को दूर नहीं रख सकते | इसके नाम में 95 दरअसल उस प्रतिशत को दर्शाता है जितना हानिकारण पदार्थों को यह मास्क दूर रखते हैं |

क्या 'मास्क' वायरस को मार सकता है? फ़ैक्टचेक

कई जगहों पर स्वास्थकर्मियों को एक टेस्ट पास करने की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि पता लगाया जा सके की मास्क सील है | मास्क में वॉल्व सांस लेना आसान करता है और मास्क के अंदर बन रही नमी को भी कम करता है | चेहरे को ठंडा भी रखता है |

यह वॉल्व वाले मास्क कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल क्यों नहीं करने चाहिए?

इन वॉल्व का नुक्सान भी है | इन मास्क्स का नुक्सान यह है की जब कोई व्यक्ति सांस लेता है, तब तो यह हवा फ़िल्टर करते हैं पर सांस छोड़ते वक़्त यह कारगर नहीं हैं |

लंग केयर और स्लीप सेंटर मुंबई में चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ प्रशांत छाजेड़ से बूम ने बात की और यह समझा की वॉल्व क्यों काम नहीं करते | "केवल N95 ही नहीं, वॉल्व के साथ कोई भी मास्क संक्रमण रोकने में नाकाम हैं | संक्रमित व्यक्ति द्वारा छोड़ी गयी सांस वायरस को फ़ैला सकती है | हम वॉल्व वाले मास्क की सलाह नहीं दे रहे हैं क्योंकि यह किसी शख़्स को सुरक्षित रखता है पर और लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है," डॉ छाजेड़ ने बूम से बताया |

क्या सर्जिकल मास्क पहनने का कोई सही तरीका है? फ़ैक्ट चेक

यह तर्क अमेरिकन नॉनप्रॉफिट अकादमिक मेडिकल सेंटर, मेयोक्लिनिक द्वारा भी दिया गया है | उन्होंने कहा है की इन मास्क से छोड़ी हुई सांस फ़िल्टर नहीं होती है |

यह तब संक्रमण को फ़ैलने से नहीं रोक पाते हैं जब कोई संक्रमित व्यक्ति इन वॉल्व वाले मास्क को पहनता है | वॉल्व से वायरस हवा में आ जाते हैं जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है | इससे कोविड-19 के संक्रमण का खतरा रहता है |

यहाँ तक भी कहा गया है की स्वास्थकर्मी भी वॉल्व वाले मास्क न पहने | कुछ इलाकों ने वॉल्व वाले N95 मास्क बैन कर दिए हैं | संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन भी स्वास्थकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले इन मास्क को सावधानी से इस्तेमाल करने की सलाह देता है |

ऍफ़.ए.क्यू यानी लगातार पूछे जाने वाले प्रश्नों के भाग में सीडीसी वॉल्व वाले N95 मास्क पहनने से मना करता है क्योंकि वह एक्सहेल्ड एयर यानी छोड़ी हुई सांस को फ़िल्टर नहीं करते |

स्वास्थ मंत्रालय का पत्र क्या कहता है?

मंत्रालय ने वॉल्व वाले N95 मास्क को इस्तेमाल न करने को कहते हुए घरेलु मास्क के इस्तेमाल पर जोर दिया है | भारतीय स्वास्थ मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी की हैं जिसमें लोगों द्वारा मास्क जमा करने की रिपोर्ट्स के बाद घरेलु मास्क का इस्तेमाल करने को कहा गया है |

यह भी पढ़ें: क्या दिल्ली पब्लिक स्कूल ने स्टूडेंट्स को 400 रुपये के फ़ेस मास्क्स बेचना शुरू किया हैं?

मार्च और अप्रैल के महीने में जब महामारी भारत में शुरू ही हुई थी, कई रिपोर्ट्स सामने आयी थीं जो देश में सर्जिकल मास्क, N95 मास्क और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की कमी दर्शाती हैं | मास्क को आसमान छूती कीमतों पर बेचने की कई रिपोर्ट्स भी सामने आयीं जिसके बाद मास्क को अनिवार्य वस्तुओं की लिस्ट में डालना पड़ा था |

हालांकि कंस्यूमर अफेयर मंत्रालय, जो अनिवार्य वस्तुओं की लिस्ट निर्धारित करता है, ने 7 जुलाई को मास्क को इस लिस्ट से निकाल दिया है | स्वास्थ कर्मियों और कोविड-19 के लक्षण दिखा रहे लोगों को बार-बार इस्तेमाल किये जा सकने वाले घरेलु मास्क पहनने की सलाह नहीं दी गयी है | इसके अलावा जो लोग कोविड-19 संक्रमित लोगों के आसपास हैं उन्हें भी घरेलु मास्क जो बार-बार इस्तेमाल किये जाते हैं, न पहनने की सलाह दी जाती है |

फ़रवरी 2020 से बूम मास्क के आसपास फ़ैल रही फ़र्ज़ी ख़बरों को ख़ारिज कर रहा है |

सोर्स लिंक:

मेयोक्लिनिक और सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन

Tags:

Related Stories