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फैक्ट चेक

दिल्ली के अशोक नगर कि मस्जिद में तोड़फोड़ और आगजनी कि घटना सच है

बूम ने अशोक नगर का दौरा किया जहाँ यह मस्जिद स्थित है और पुष्टि की कि बड़ी मस्जिद को 25 फ़रवरी के दिन कुछ उपद्रवियों द्वारा तोड़ा और जलाया गया था

By -  Swasti Chatterjee | By -  Sumit |

27 Feb 2020 8:06 AM GMT

एक मीनार को नुकसान पहुंचाते कुछ लोगों का एक वीडियो दिल्ली के अशोक नगर से ही है| यह फ़रवरी 25, 2020 को घटना के दौरान शूट हुआ था| बूम ने इस दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने के लिए घटना स्थल का दौरा किया|

बूम ने बड़ी मस्जिद जो शाहदरा (पूर्वी दिल्ली) के पश्चिमी ज्योति नगर में स्थित है का बुधवार को दौरा किया| यह दौरा उपद्रव और मीनार के ऊपर भगवा झंडा फैराने के एक दिन बाद जरूर था पर झंडा अब भी वहां मौजूद था जो उपद्रवियों द्वारा लगाया गया था|

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इसके अलावा, कई प्रयास जो इस वीडियो को फ़र्ज़ी बताने के लिए इस घटना को एक समान घटना जो 2018 में बिहार के समस्तीपुर में हुई थी से जोड़ रहे हैं, फ़र्ज़ी हैं, बूम ने यह तथ्य भी स्थापित किया|

पत्रकार राणा अय्यूब ने एक वीडियो ट्वीट किया, डिलीट किया और फिर ट्वीट किया जो संभवतः पास की एक बिल्डिंग से बनाया गया है| वीडियो में एक व्यक्ति को मीनार पर चढ़ते दिखाया गया है जब दो और शख़्स भगवा झंडे और तिरंगे के साथ ऊपर चढ़ गए हैं|

इसी घटना के एक अलग वीडियो में लोग ईद के चाँद को तोड़ते नज़र आते हैं|

"मस्जिद में तोड़फोड़ का वीडियो फ़र्ज़ी है"

अय्यूब के ट्वीट के कुछ ही मिनटों बाद, कई यूज़र्स फ़र्ज़ी दावे करने लगे की वीडियो फ़र्ज़ी है और दिल्ली हिंसा और दंगों से सम्बंधित नहीं है| यह दंगे नागरिकता संसोधन अधिनियम के ख़िलाफ और समर्थन में आंदोलनकारियों के बीच हुई झड़प के चलते 24 फरबरी से पनपा है|



अय्यूब के ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेसबुक पर भी इन दावों के साथ शेयर किया गया की यह भ्रामक वीडियो है|

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राणा अय्यूब के पहले ट्वीट का आर्काइव्ड वर्शन, उन्होंने यही वीडियो जगह की पुष्टि कर फिर ट्वीट किया|

टाइम्स नाउ ने भी एक शो किया जो फ़र्ज़ी दावों पर था की मस्जिद में तोड़फोड़ के दावे फ़र्ज़ी हैं|

यह वीडियो बिहार के समस्तीपुर का नहीं है

कई इंटरनेट यूज़रों ने इस वीडियो को बिहार के समस्तीपुर का समझा| समस्तीपुर में 2018 में एक सांप्रदायिक दंगे के दौरान ऐसी ही एक मस्जिद को तोड़ा गया था|

हालांकि, बूम ने यह पता लगाया की वीडियो हाल में हुई घटना का है, बिहार से नहीं| नीचे उपद्रवियों और मस्जिदों की तुलना है जो साफ तौर पर दर्शाता है की घटनाएं एक नहीं हैं|


फ़ैक्ट चेक

बूम बुधवार को अशोक नगर मस्जिद पंहुचा और 25 फ़रवरी को हुई तोड़फोड़ की घटना के परिणामों को देखा| वही झंडा जिसमें हनुमान और जय श्री राम लिखा है और जिसे जबरदस्ती मीनार पर दो उपद्रवियों ने लगाया है, घटना के एक दिन बाद भी वहीँ था|

इसके अलावा, बूम के द्वारा ली गयी तस्वीरों में घटना के एक दिन बाद भी वो तिरंगा दिख रहा है जो एक उपद्रवी द्वारा वीडियो में साथ रखा गया था|


नीचे बूम द्वारा ली गयीं कुछ तस्वीरें हैं जिसमें मीनार और मस्जिद के आसपास का इलाका देखा जा सकता है| मस्जिद के अंदर आगजनी की गयी और आसपास की दुकानों को भी लूटा गया|


द वायर ने 25 फ़रवरी को मस्जिद में तोड़फोड़ के ऊपर रिपोर्ट लिखी थी| इसी जगह से ली गयी तस्वीरें द वायर के लेख में इस्तेमाल की गयी थीं जिसकी हैडलाइन थी, "दिल्ली रायट: मोस्क सेट ऑन फायर इन अशोक नगर, हनुमान फ्लैग प्लेस्ड ऑन मीनरेट" (हिंदी अनुवाद: दिल्ली दंगे: अशोक नगर मस्जिद को आग के हवाले किया गया, हनुमान का झंडा मीनार पर लगाया)

(इस लेख के पुराने संस्करण में ग़लती से द वायर ने जगह का नाम अशोक विहार लिखा था)

बूम ये सत्यापित कर सका की वीडियो बड़ी मस्जिद, अशोक नगर, शाहदरा का है| हमनें द वायर के पत्रकार नाओमी बार्टन और अविचल दुबे से भी बात की जिन्होंने इस घटना को रिपोर्ट किया था|

बार्टन ने पुष्टि की कि वीडियो बड़ी मस्जिद का ही है जो ज्योति नगर के पश्चिमी भाग में स्थित ब्लॉक डी में है जिसे तोड़ा फोड़ा गया और फिर आग लगाई गयी| "हम इस जगह पर 4 बजे शाम को पहुंचे तब तक मस्जिद जल रही थी, जिसे हमनें वीडियो में क़ैद भी किया," बार्टन ने हमें बताया|

पत्रकार ने वहां ली गयी तस्वीरें और वीडिओज़ बूम के साथ साझा किये जो घटनाओ से मेल कहते हैं और उनकी पुष्टि करते हैं|

(फ़ोटो श्रेय: द वायर)

मस्जिद का यही पता गूगल पर उपलप्ध मैप्स से मिलता है| बूम ने उस नंबर से भी संपर्क किया जो बड़ी मस्जिद के लिखित पते पर मिला, उन्होंने भी इस बात कि पुष्टि कि| "यह घटना मंगलवार कि दोपहर में हुई जब लोगों के एक झुण्ड ने मस्जिद और पास के जूता बाजार में हमला किया| उन्होंने जूता बाजार लूटा और तोड़ा फिर वह मस्जिद में घुसे, और बाद में उसे तोड़ा| हम डर गए थे और खुदको घरों में बंद कर लिया," मस्जिद के एक सदस्य, जो करीब 200 मीटर दूर रहता है, ने हमें गुमनामी कि शर्त पर हमें बताया|

इस जगह कि पुष्टि द वायर के रिपोर्टर अविचल दुबे द्वारा भी कि गयी जिन्होंने हमें तब के वीडिओज़ साझा किये जब आग बुझाई जा रही थी|

मस्जिद अशोक नगर में तोड़ी गयी, न कि अशोक विहार में

वीडियो कि सच्चाई को लेकर तब कई बातें होने लगी जब डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस उत्तर-पश्चिमी दिल्ली ने इस बात को ख़ारिज किया कि कोई मस्जिद अशोक विहार में जलाई गयी|

स्पष्टीकरण तव जारी किया गया जब कई यूज़र इस जगह को ग़लती से अशोक विहार समझने लगे जो अशोक नगर से 12 किलो मीटर दूर स्थित है|

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