सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि केरल में आरएसएस की एक महिला कार्यकर्ता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. वीडियो के साथ दावे में यह भी कहा जा रहा है कि हत्यारों ने गोली मारकर आरएसएस को धमकी भरी गालियां भी दीं.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. इस वीडियो में दिखाई गई घटना असल में किसी की हत्या को नहीं दर्शाती है, बल्कि यह पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक है.
वीडियो में, दो युवक एक महिला को उसकी कार से खींच कर बाहर ले जाते हैं और जब वह इसका विरोध करती है तो वे उसे गोली मार देते हैं. महिला गिर जाती है और एक युवक मलयालम भाषा में दर्शकों को संबोधित करता है.
इस वीडियो को केरल में वामपंथी दलों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने के लिए कैमरे में कैद आरएसएस की महिला कार्यकर्ता की हत्या बताकर शेयर किया जा रहा है.
एक ट्विटर यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “केरल में RSS कार्यकर्ता हिन्दू लड़की को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या. गोली मारकर RSS को धमकी भरी गालियां भी दी.”
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी दावे के साथ वीडियो को फ़ेसबुक पर भी बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया, “ये केरल है और भारत में ही है..!! नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान वाले कांग्रेस समर्थित केरल में RSS कार्यकर्ता हिन्दू लड़की को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या. गोली मारकर RSS को धमकी भरी गालियां भी दी.”
पोस्ट यहां देखें.
केरल में मुस्लिमों द्वारा मंदिर तोड़े जाने के फ़र्ज़ी दावे से वायरल हुआ पुराना वीडियो
फ़ैक्ट चेक
बूम ने साल 2017 में इस वायरल वीडियो का फ़ैक्ट चेक किया था, जब इसे पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की पृष्ठभूमि में शेयर किया गया था.
वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिणपंथियों की आलोचक रही गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर की गई थी. गौरी लंकेश ने आरएसएस, बीजेपी और दूसरे धार्मिक उन्मादी संगठनों को अपने लेखों के माध्यम से लगातार चुनौती दी थी.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, सतातन संस्था के भीतर एक नेटवर्क ने गौरी लंकेश को निशाना बनाया. रिपोर्ट में चार्जशीट के हवाले से कहा गया है कि गौरी की हत्या की साजिश पांच साल से रची जा रही थी.
इस हत्या का मुख्य अभियुक्त परशुराम वाघमारे के संबंध कट्टरपंथी संगठन सनातन संस्था और श्री राम सेने से थे. एसआईटी के सामने परशुराम वाघमारे ने कुबूल किया था कि किसी के कहने पर उसने पत्रकार गौरी लंकेश का मर्डर किया क्योंकि वह हिंदू समाज की भावनाओं को आहत कर रही थीं.
इसके अलावा, सनातन संस्था पर नरेंद्र दाभोलकर से लेकर गोविंद पानसरे और एम.एम.कलबुर्गी जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगता रहा है.
बूम ने वीडियो में नज़र आने वाले लोगों के बीच हुए संवाद को ध्यानपूर्वक सुना और मलयालम भाषा से हिंदी में अनुवाद किया. मलयालम भाषा को समझने वाला कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ सकता है कि यह वीडियो किसी नुक्कड़ नाटक का है. नीचे अनुवाद देखें.
हमलावर: उसे मार डालो!
मुख्य पात्र: वह लड़ी और आरएसएस के ख़िलाफ़ खड़ी हुई. उनके ख़िलाफ़ बोला. अंत में, वह आरएसएस द्वारा मार दी गई थी. उसे पकड़ो और बांध दो.
किसलिए? तुमने इस बेचारी पत्रकार को क्यों मारा?
हमलावर: हम, आरएसएस, देशभक्त.
मुख्य पात्र: क्या आपने उन्हें सुना? जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के साथ विश्वासघात किया, जिन्होंने महात्मा गांधी को गोली मारी. वे आरएसएस हैं. वे ख़तरनाक हैं. मौन ख़तरनाक है. फ़ासीवाद के आपकी रसोई में घुस जाने के बाद भी यह चुप्पी ख़तरनाक है.
दर्शक: हाँ, खामोशी ख़तरनाक है.
मुख्य पात्र: आरएसएस, जिसने गुजरात की धरती से लगभग 2000 अल्पसंख्यक समुदाय का सफाया कर दिया. आरएसएस, जिसने कलबुर्गी, गोविंद पानसरे को मारा. लिखने-बोलने वालों को ख़त्म करने वाला आरएसएस. वे एक ख़तरा हैं.
हमें जांच के दौरान यही वीडियो CPIM Cyber Commune नाम के फ़ेसबुक पेज पर 9 सितंबर 2017 को अपलोड हुआ मिला.
इस वीडियो के साथ मलयालम भाषा में कैप्शन दिया गया है, जिसका हिंदी अनुवाद है- “गौरी लंकेश की हत्या पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक जो आरएसएस की निंदा करता है, जिसे आरएसएस ने गोली मार दी थी."
(मूल कैप्शन : RSS വെടിവെച്ച് കൊന്ന ഗൗരി ലങ്കേഷിന്റെ കൊലപാതകത്തെ ആസ്പദമാക്കി ആര്എസ്എസ്സിനെ ജനകീയ വിജാരണ ചെയ്യുന്ന തെരുവ് നാടകം.)
इसी कैप्शन के साथ वीडियो को बड़ी संख्या में फ़ेसबुक पर शेयर किया गया था.
बूम ने इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स खंगालना शुरू किया तो ‘द न्यूज़ मिनट’ की 13 सितंबर 2017 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि वायरल वीडियो पत्रकार गौरी लंकेश की 5 सितंबर की हत्या पर आधारित एक नुक्कड़ नाटक का है, जिसमें हत्या के लिए कथित तौर पर आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक़, यह नुक्कड़ नाटक डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (DYFI) ने मलप्पुरम ज़िले के कलिकवु में किया था.
वहीं, 13 सितंबर 2017 को प्रकाशित न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के हवाले से बताया गया है कि वीडियो केरल के मलप्पुरम ज़िले के मंजेरी में आयोजित एक नुक्कड़ नाटक का हिस्सा था.
इस रिपोर्ट में मौजूद DYFI के अध्यक्ष पीए मोहम्मद रियास के बयान के मुताबिक़, उनका इरादा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले में आरएसएस की भूमिका को उजागर करना था.
इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने DYFI के मलप्पुरम जिले के सचिव से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि यह नुक्कड़ नाटक 2017 में मलप्पुरम जिले के कलिकावू में हुआ था. नुक्कड़ नाटक में महिला का किरदार हमारी शाखा सचिव निभा रही थीं और इस नाटक में डायलॉग डिलीवरी स्थानीय सचिव के द्वारा किया गया था.
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