फैक्ट चेक

रांची पुलिस का ड्रोन से निगरानी करने का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

बूम को रांची पुलिस ने बताया कि इस घटना में किसी भी तरह का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के जिन घरों की छत पर जो कुछ निर्माण सामग्री थी उसे हटाने का निर्देश दिया था.

By - Rohit Kumar | 17 April 2024 6:00 PM IST

रांची पुलिस का ड्रोन से निगरानी करने का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

रांची पुलिस द्वारा घरों की छत पर ड्रोन से निगरानी करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए दावा किया जा रहा है कि रामनवमी के दिन बाधा डालने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग छतों पर पत्थर इकट्ठा कर रहे हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा झूठा है. बूम को रांची के एसपी ने बताया कि हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के जिन घरों की छत पर जो कुछ निर्माण सामग्री थी उसे हटाने का निर्देश दिया गया था.

एक दक्षिणपंथी एक्स यूजर अजीत भारती ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'ये बेचारे सताए हुए मुसलमान रामनवमी के दिन डीजे बजने से होने वाले खलल से स्वयं की रक्षा हेतु पत्थर इकट्ठा कर रहे हैं कितनी अच्छी बात है.'


आर्काइव पोस्ट यहां देखें. 

फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा, 'रामनवमी से पहले घर की छतों पर पत्थरों के ढेर. ये कौन से समुदाय के घर हैं? रांची पुलिस ने ड्रोन का इस्तेमाल करके कम से कम 10 ऐसे घर ढूंढे हैं.'


आर्काइव पोस्ट यहां देखें. 

टाइम्स नाउ न्यूज ने इसी घटना को सांप्रदायिक एंगल देते हुए खबर के शीर्षक में लिखा, 'सांप्रदायिक दुर्घटना टली: राम नवमी से पहले रांची में ड्रोन की निगरानी से घर की छतों पर पत्थर मिले' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)

अंग्रेजी शीर्षक- 'Communal Mishap Averted: Drones Detect Stones On Roofs In Ranchi Ahead of Ram Navami'


(आर्काइव लिंक)

एनबीटी बिहार के एक्स हैंडल पर खबर को सनसनीखेज कैप्शन के साथ लिखा गया, 'झारखंड पुलिस ने ड्रोन से किया बड़ी साजिश का पर्दाफाश! रामनवमी से पहले ड्रोन की निगरानी में रांची शहर के 10 घरों की छतों पर मिले पत्थर, सभी घर मालिकों को नोटिस. @JharkhandPolice #Ramanavami'

(आर्काइव लिंक)



फैक्ट चेक 

बूम ने दावे की पड़ताल की और पाया कि इस घटना को सांप्रदायिक एंगल और सनसनीखेज खबर के रूप में शेयर किए जाने पर रांची पुलिस ने अपने एक्स अकाउंट से 16 अप्रैल 2024 को एक स्पष्टिकरण जारी किया है.

पुलिस ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'जुलूस के मार्गों की ड्रोन से निगरानी एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है. यह अनेक जिलों में की जाती है और यदि किसी के छत पर कोई निर्माण सामग्री जैसे पत्थर ,ईट ,बालू आदि पड़ा रहता है तो उसे हटाने के लिए संबंधित मकान मालिकों को कहा जाता है. रांची जिला में भी ऐसा नोटिस मकान मालिकों को दिया गया.'

पोस्ट में आगे लिखा गया, 'इसमें कहीं कोई सांप्रदायिक अथवा षड्यंत्र वाला आयाम नहीं है. षड्यंत्र को बेनकाब करने जैसे सनसनीखेज खबर बिना किसी ठोस आधार के किसी न्यूज चैनल के द्वारा चलाना विधि सम्मत नही है.'

(आर्काइव लिंक)

बूम ने अधिक स्पष्टिकरण के लिए रांची पुलिस से संपर्क किया. रांची सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बूम को बताया, "रामनवमी को लेकर सतर्कता के लिए जुलूस के मार्गों की ड्रोन से निगरानी की गई थी. यह एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है."

राजकुमार मेहता ने आगे कहा, "ड्रोन से निगरानी के दौरान हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के जिन घरों की छत पर जो कुछ निर्माण सामग्री थी उसे हटाने का निर्देश दिया था. इसमें किसी भी तरह का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है."

रांची पुलिस ने अपने एक्स अकाउंट पर रामनवमी पर असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए 16 अप्रैल 2024 को मॉक ड्रिल का एक वीडियो भी शेयर किया था. 



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