लोकसभा चुनाव 2024 के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल है. इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने भाषण में अपशब्द बोला.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा झूठा है. वायरल वीडियो 2019 का है. वीडियो में पीएम मोदी गुजराती में पानी के लिए संघर्ष पर बात कर रहे थे. अपने इस पूरे भाषण में उन्होंने किसी भी तरह की अनुचित भाषा का प्रयोग नहीं किया है.
15 सेकंड वाले इस वायरल वीडियो में पीएम मोदी को गुजराती भाषा में पानी के लिए संघर्ष पर बोलते हुए दिखाया गया है. वीडियो पर दिए गए टेक्ट्स में लिखा है, 'मोदी ने एक रैली में बीसी (BC) कहा'.
एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'परमात्मा का भेजा हुआ यह 'कन्विन्स्ड' प्रतिनिधि 'पर्पसफुली' इतनी शालीन भाषा मंच से बोलता है, या ससुरा महज संयोग है?'
फेसबुक (आर्काइव पोस्ट) पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो में न्यूज आउटलेट 'द क्विंट' का लोगो और वीडियो का टाइटल 'PM Modi Addresses a Rally in Patan, Gujarat' लिखा हुआ था. हमने इससे संकेत लेकर गूगल पर सर्च किया. हमें 'द क्विंट' के यूट्यूब चैनल पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान का पीएम मोदी के भाषण का यह वीडियो मिला. यह वीडियो 21 अप्रैल 2019 का है.
वीडियो में 43 मिनट 19 सेकंड से पीएम मोदी कहते हैं कि अगर उनकी पार्टी सरकार में आई तो पानी के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया जाएगा.
पीएम मोदी के भाषण की अगली लाइन वायरल वीडियो में मौजूद है, जिसको लेकर दावा है कि उन्होंने गाली शब्द का प्रयोग किया.
गुजराती में ऑरिजनल लाइन, "લોકો એમ કહે છે ભાવિશ માં લડાઈ પાની ની થવા ની છે. બાધા કો છો પાની ની લડાઈ થવાની છે તો પછી અમે અત્યારે થી પાની પેલા પાર કેમ ના બાંધીએ" है.
इसका हिंदी में अनुवाद यह है, "लोगों का कहना है कि आने वाले समय में पानी को लेकर मारामारी होगी. अगर हर कोई यह कह रहा है, तो हम अभी से पानी पार क्यों न बांधे".
हमने इस वाक्य का अंग्रेजी में भी अनुवाद भी किया जिसके अनुसार, "People are saying that in the future, there will be a fight for water. And if everyone is saying there is a fight for water, why don't we take precautions now?"
भाषण के आखिरी हिस्से में एक गुजराती कहावत कही गई है, 'पानी पार बांधना' जिसका मतलब है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारी करना, जिसका उपयोग पीएम मोदी जल मंत्रालय के प्रस्ताव के संदर्भ में कर रहे थे. वायरल भाषण में उन्हें कहीं पर भी किसी भी अपशब्द का प्रयोग करते हुए नहीं सुना जा सकता है.