सोशल पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लड़कों को एक लड़की को भागने में मदद करते हुए दिखाया गया है. इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है कि वह लड़की हिंदू है जिसे एक मुस्लिम व्यक्ति ने फंसाया और शादी का लालच देकर भगाकर ले जा रहा है.
इस वीडियो को ‘लव जिहाद’ से जोड़ा जा रहा है कि किस तरह हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर भगाया जाता है और इसके पीछे गैंग काम करता है ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके.
‘लव जिहाद’ शब्द मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं को प्यार या शादी के बहाने इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए लुभाने की एक कथित साजिश को संदर्भित करता है.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि वायरल वीडियो वास्तविक घटना नहीं है बल्कि बांग्लादेश के एक कंटेंट क्रिएटर द्वारा बनाया गया एक स्क्रिप्टेड वीडियो है.
वीडियो में, एक लड़का एक लड़की को ऑटो से उतारकर कार में बैठाता नज़र आ रहा है. जैसे ही लड़की कार में बैठती है, लड़का ऑटो में बैठ जाता है और बाइक पर पीछे चल रहे उसके साथी कार की ओर बढ़ जाते हैं.
एक ट्विटर यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “#Lovejehad में बहला-फुसलाकर पूरी तैयारी कर सनातनी लड़की को इस तरह से भगाया जाता है। पूरा गैंग लगा होता है,ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके।"
इस वीडियो को अब तक 30 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो से कीफ़्रेम्स निकालकर रिवर्स इमेज सर्च पर चलाया तो हमें यह यूट्यूब पर शॉर्ट्स के रूप में मिला. 10 अप्रैल, 2023 को अपलोड किये गए वीडियो के साथ बांग्ला भाषा में कैप्शन दिया गया था जिसका हिंदी अनुवाद है- “ऐसे ही कुछ दोस्त होने चाहिए”
वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर हम कार की नंबर प्लेट को स्पष्ट देख सकते हैं, जिसमें बंगाली में "ढाका मेट्रो-जी 7-9335" लिखा हुआ है. यह नंबर उस कार के रजिस्ट्रेशन नंबर को दर्शाता है जो बांग्लादेश के ढाका मेट्रो का है. इसके अलावा, ऑटो रिक्शा के पीछे एक मोबाइल नंबर दिखाई दिया.
इससे हिंट लेकर, बूम बांग्लादेश ने ऑटो रिक्शा चालक मोहम्मद सोहाग से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि वीडियो कुछ महीने पहले बांग्लादेश के चांदपुर ज़िले के उनके पैतृक गांव नोआगांव में शूट किया गया था.
सोहाग ने बूम को बताया कि यह घटना एक स्क्रिप्टेड घटना थी और इसमें यह दिखाया गया है कि कैसे दोस्त एक युवा जोड़े को भागने और शादी करने में मदद करते हैं. उन्होंने वीडियो में कोई सांप्रदायिक रंग होने से भी इनकार कर दिया. "वीडियो में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है और स्क्रिप्ट्रेड है, दोनों एक ही समुदाय के हैं."
सोहाग ने बूम बांग्लादेश को बताया, "मेरे पड़ोसी मोहम्मद ज़ाहिद ने कुछ महीने पहले इस वीडियो को शूट करने और इसे अपने टिकटॉक चैनल पर अपलोड करने के लिए मेरा ऑटो रिक्शा लिया था." सोहाग के मुताबिक़, ज़ाहिद इलाके का एक लोकप्रिय टिकटॉकर है.
हालांकि, बूम ज़ाहिद का टिकटॉक हैंडल ढूंढने में असमर्थ रहा.
सोहाग ने बूम को आगे बताया कि वह ऑटो रिक्शा चला रहा था. "वीडियो में मुझे ऑटो रिक्शा चलाते हुए देखा जा सकता है. ऑटो रिक्शा से कार में बैठी महिला का नाम सुमैया अख्तर है." संयोग से, सुमैया असल ज़िंदगी में ज़ाहिद की पत्नी हैं और वे दोनों मुस्लिम समुदाय से हैं.
हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से यह सत्यापित करने में असमर्थ था कि वीडियो सबसे पहले कहां अपलोड किया गया था.
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(एडिशनल रिपोर्टिंग : आमिर शाकिर, बूम बांग्लादेश)