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फैक्ट चेक

Bondi Beach Attack: हमलावर से बंदूक छीनने वाले शख्स का नाम एडवर्ड कैबट्री नहीं है

बूम ने पाया कि बोंडी बीच के पास हुई गोलीबारी के दौरान एक हमलावर से बंदूक छिनने वाले शख्स का नाम अहमद अल अहमद है.

By -  Jagriti Trisha |

16 Dec 2025 5:05 PM IST

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुई गोलीबारी से संबंधित एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें हमलवार से भिड़कर उसकी बंदूक छीनने वाले शख्स की पहचान एडवर्ड कैबट्री के रूप में की जा रही है.

बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. हमलवार से भिड़ने वाले शख्स का नाम अहमद अल अहमद है. आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के आधिकारिक एक्स हैंडल पर अहमद के साथ उनकी मुलाकात का एक वीडियो भी देखा जा सकता है.

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर 14 दिसंबर की शाम हुई गोलीबारी की घटना में न्यू साउथ वेल्स पुलिस के मुताबिक करीब 16 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस हमले में शामिल दोनों हमलावरों पहचान 50 वर्षीय साजिद अकरम और उसके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम के रूप में हुई.

इसके बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें घटना के दौरान एक शख्स हमलावर से बंदूक छीनता हुआ नजर आया. 43 वर्षीय इस शख्स की पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई. अहमद की इस बहादुरी की खूब सराहना हुई और उन्हें जांबाज हीरो कहा गया.

सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?

सोशल मीडिया पर घटना से संबंधित तस्वीर और वीडियो को शेयर करते हुए भारतीय यूजर्स ने दावा किया कि बंदूक छीनने वाले शख्स का नाम एडवर्ड कैबट्री जिसे गलत तरीके से अहमद अल अहमद बताया जा रहा है.

एक्स और फेसबुक पर एक सांप्रदायिक दावे में लिखा गया कि एडवर्ड कैबट्री नाम के इस बंदे ने जान की परवाह किए बिना आतंकी को पटक कर बंदुक छीन लिया पर भारत में कुछ लोग इसका नाम अहमद बताने पर लगे हैं. (आर्काइव लिंक)

असल में ‘द डेली’ नाम की एक संदिग्ध वेबसाइट की रिपोर्ट के हवाले इस दावे को बल मिला, जिसमें कहा गया था कि हमलावर से भिड़ने वाले शख्स का नाम एडवर्ड कैबट्री है. इसके बाद एक्स के कम्युनिटी नोट और रिप्लाई में यूजर्स ने इस रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर करना शुरू कर दिया.

पड़ताल में क्या मिला:

जांबाज शख्स की पहचान अहमद अल अहमद के रूप में हुई

दुनिया भर के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने हमलवार से भिड़ने और उसकी बंदूक छीनने वाले इस शख्स की पहचान 43 वर्षीय अहमद अल अहमद के रूप में की. द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट में अहमद के वकील के हवाले से बताया गया कि घटना के दौरान अहमद के हाथ पर करीब पांच गोलियां लगी थीं. उनका इलाज सिडनी के Kogarah स्थित सेंट जॉर्ज अस्पताल में चल रहा है.

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अहमद के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर क्राउडफंडिंग की गई. इसमें अहमद के पिता फतेह और माता मलाका के बयान भी शामिल हैं. अहमद एक मुस्लिम परिवार से आते हैं जो 2006 में सीरिया से ऑस्ट्रेलिया आए थे. अहमद को 2022 में आस्ट्रेलिया की नागरिकता मिली थी.

रिपोर्ट के अनुसार, उस समय उनके साथ मौजूद चचेरे भाई जोजे अल्कांज ने बताया कि जाने से पहले अहमद ने उनसे कहा था, 'मैं मरने जा रहा हूं. मेरी फैमिली का ख्याल रखना और उन्हें बताना कि मैं लोगों की जान बचाने के लिए गया.'

आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी की अहमद से मुलाकात

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक दो बच्चों के पिता अहमद फल की दुकान के मालिक हैं. इसमें उनके पिता के हवाले से कहा गया कि घटना के वक्त अहमद उस इलाके में एक दोस्त के साथ कॉफी पीने गए थे. द गार्डियन की एक रिपोर्ट में अस्पताल में मौजूद अहमद का वीडियो भी देखा जा सकता है. हमने पाया कि किसी भी विश्वसनीय रिपोर्ट में इस शख्स का नाम एडवर्ड क्रैबट्री नहीं बताया गया था.

द गार्डियन एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अहमद से मुलाकात की. न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर क्रिस मिन्स ने भी अपनी और अहमद की मुलाकात की एक तस्वीर साझा की है.

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के आधिकारिक एक्स हैंडल पर अहमद के साथ उनकी मुलाकात का वीडियो मौजूद है, जिसके साथ उन्होंने अहमद का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा, 'अहमद, आप ऑस्ट्रेलिया के हीरो हैं. आपने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली, बोंडी बीच पर खतरे की ओर दौड़े और एक आतंकवादी को निहत्था कर दिया.'


इसके अलावा व्हाइट हाउस में आयोजित क्रिसमस रिसेप्शन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अहमद की प्रशंसा की.

संदिग्ध है शख्स का नाम एडवर्ड क्रैबट्री बताने वाली वेबसाइट

आगे हमने ‘द डेली’ की वायरल हो रही रिपोर्ट देखी. हमने पाया कि इसमें कई तथ्यात्मक गलतियां मौजूद हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया कि शनिवार की दोपहर लगभग 2:47 पर हमला शुरू हुआ जबकि आधिकारिक बयानों के अनुसार घटना रविवार (14 दिसंबर) की शाम 6:40 के करीब हुई थी. इसके अलावा इसमें एक अकेले बंदूकधारी का जिक्र किया गया था जबकि साउथ वेल्स पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया था कि घटना में दो संदिग्ध बंदूकधारी शामिल थे.

हमने यह भी पाया कि इस वेबसाइट के About समेत अन्य सेक्शन या तो ओपन नहीं हो रहे हैं या फिर Error पेज पर ले जा रहे हैं, जिससे इसकी विश्वसनीयता संदिग्ध हो जाती है. रायटर्स ने भी एडवर्ड क्रैबट्री से जुड़े इस दावे का फैक्ट चेक किया और पाया कि बंदूक छीनते वीडियो में कैद हुए व्यक्ति की ऑनलाइन गलत पहचान की जा रही है.  

पब्लिक डोमेन लुकअप टूल who.is के मुताबिक thedailyaus.world नाम की यह वेबसाइट 14 दिसंबर 2025 को रजिस्टर की गई थी यानी जिस दिन हमला हुआ था, ये फैक्ट भी बताता है कि यह वेबसाइट विश्वसनीय नहीं है.



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