HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
एक्सप्लेनर्स

कांग्रेस कार्यकर्ता का जनता को पैसे देते हुए पुराना वीडियो हुआ फिरसे वायरल

घुस देकर कार्यकर्ता द्वारा लोगो किया जा रहा है रैली में इकठ्ठा

By - Ashraf Khan | 6 Dec 2018 5:58 PM IST

  दावा: काँग्रेस की रैली मे 500/- रू, प्रति आदमी को इकट्ठा होने के लिये दिया जा रहा है । अगर आपको विश्वास ना हो तो खुद देख लो ये है काँग्रेस की सच्चाई । 😚😚😚😚   रेटिंग : झूठ   सच्चाई : इस वीडियो को वर्ष 2017 में इम्फाल, मणिपुर से यूट्यूब पर अपलोड  किया गया था । वीडियो के बैकग्राउंड में चल रही आवाज़ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की जरूर है परन्तु गांधीनगर में हुई रैली की आवाज़ इस वीडियो के साथ मॉर्फ़ की गई है । मूल वीडियो में 'मीतेई' बोलने वाले लोगों का ऑडियो है, गुजराती नहीं । मूल क्लिप में राहुल गांधी का वीडियो भी नहीं है।   फ़ेसबुक पर इस वीडियो को 
'रौशनी आर्य'
नामक अकाउंट से शेयर किया गया है जहाँ इसे 6 हज़ार से ज़्यादा व्यूज मिले है।   Full View   इस वीडियो में कांग्रेस पार्टी के प्रतीक वाले झंडे फहराते दिखाई देते है और एक आदमी लोगों को नकद वितरित करता दिखाई पड़ता है।  
  गुजरात में राहुल गांधी के वर्ष 2017 के भाषण की ऑडियो रिकॉर्डिंग को मॉर्फ़ कर वीडियो को गलत सन्दर्भ में संपादित किया गया है।   मूल वीडियो   वीडियो की शुरुआत में एक महिला को उसके हाथो में प्लेकार्ड धारण किये हुए देखा जा सकता है। जिस पर वार्ड नंबर 5 (केएमसी) लिखा दिखाई पड़ता है।  
Full View
  राहुल गाँधी के भाषण वाले मूल वीडियो को यहाँ देखा जा सकता है।   Full View   बूम ने जांच में पाया की केएमसी थौबल , मणिपुर जिले के काकिंग नगर परिषद में स्थित है।  
    बूम ने इस विषय के सन्दर्भ में वर्ष 2017 में एक रिपोर्ट की थी जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।    

Related Stories