VIDEO: मोदी के 'राजमहल' वाला विजुअल असली नहीं, AI जनरेटेड है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो एआई तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है.
दावा: आम आदमी पार्टी ने अपने एक्स और इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया. वीडियो में उस आलीशान महल को दिखाने का दावा किया गया जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए आवास का हिस्सा है.
सच: बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वीडियो में दिख रहा आलीशान बंगला पीएम मोदी का नया आवास नहीं है. आप द्वारा शेयर किया गया यह वीडियो एआई जनरेटेड है. बूम ने अपने डीपफेक एनालिसिस यूनिट के पाटनर्स के साथ इसका विश्लेषण किया तो पाया कि इसे पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से बनाया गया है.
कैसे पता लगाई सच्चाई: वीडियो में ऐसी कई विसंगतियां मौजूद थीं जिससे इसके एआई जनरेटेड होने का इशारा मिला. वीडियो के ओपनिंग शॉट में फव्वारे में पानी का प्रवाह और लहरें काफी अननैचुरल दिख रही हैं. वीडियो के एक शॉट में जूते अवास्तविक रूप से चमकदार दिखाई दे रहे हैं.
इनमें से एक जूते की बनावट अप्राकृतिक और असमान अंगूठे के आकार वाली है. डीपफेक एनालिसिस यूनिट ने वीडियो में दिख रहे OpenAI's के वीडियो जनरेशन टूल SORA के वाटरमार्क की ओर इशारा किया जिससे इसके एआई टूल के तहत जनरेट किए जाने के मजबूत सबूत मिलते हैं.
इसके अतिरिक्त, DAU ने वीडियो के कीफ्रेम को HIVE AI इमेज जनरेटर पर अपलोड किया, जिसने इसके AI-वीडियो जनरेशन मॉडल Sora, Hailuo और Stable Diffusion को हाई कॉन्फिडेंस स्कोर दिया, जिससे पता चलता है कि वीडियो को संभवतः इन्हीं में से किसी एक प्लेटफॉर्म के प्रयोग से तैयार किया गया था.
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