कोरोनावायरस मॉनिटर: मौतों की संख्या 630 पार
सारे भारतीय जिन्हें वुहान से निकाल कर भारत लाया गया था, उनपर कोरोनावायरस का परिक्षण नकारात्मक निकला
जब विश्व स्वास्थ संगठन 2019-नॉवेल कोरोनावायरस के तोड़ ढूंढ़ने में तेज़ी से काम कर रहा है, इस वायरस ने अब तक 639 जाने ले ली हैं| हाल ही में, डब्लू.एच.ओ ने इस संक्रमण को अंतराष्ट्रीय स्तर की सार्वजानिक स्वास्थ आपातकाल घोषित किया है|
संगठन इस वायरस पर इनोवेशन और अनुसंधान को तेज करने की योजना आने वाले ग्लोबल फोरम में बनाएगा जो 11 और 12 फरवरी को होगी|
वायरस के सन्दर्भ में वैश्विक विकास
मुख्य चीन में अब तक 637 और एक एक जिंदगियां होन्ग कोंग और फिलीपींस में जा चुकी हैं| कूल 31,400 मामलों की पुष्टि हुई है जो 27 देशों में फैले हैं| जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के रियल टाइम डाटा के अनुसार अब तक 1,600 से ज़्यादा लोग स्वस्थ होने की पुष्टि हुई है|
यह भी पढ़ें: द हिंदू ने फाइलोवायरस पर किए गए अध्ययन को ग़लत तरीके से कोरोनावायरस से जोड़ा
स्वस्थ मामले अब भी देख रेख में रखे गए हैं और डॉक्टरों द्वारा अलग अलग दवाइयों से उपचार चल रहा है|
डॉक्टर ली वेलिआंग जिन्होंने इस वायरस के संक्रमण के बारे में आगाह किया था और चीनी सरकार द्वारा गिरफ़्तार किये गए थे, उनकी 6 फरवरी को इसी संक्रमण के कारण मौत हो गयी|
चीनी मीडिया द्वारा उन्हें दो बार मृत घोषित किया गया था, इसपर इंटरनेट पर काफी बहस हुई| चीनी मीडिया ने आधिकारिक बयान 2:58 am को जारी किया था, भारतीय समय के अनुसार 12:28 am | कई वेबसाइटों ने इस न्यूज़ को भारत में साझा कर भी दिया था|फरवरी 6 को एक भारतीय अखबार में वेलिआंग की मौत की रिपोर्ट
टोक्यो के पास डायमंड प्रिंसेस क्रूज़ में 41 और मामले संक्रमित घोषित हुए हैं जिससे कूल संख्या 61 तक पहुंच गयी है| वह कई देशों से हैं: अर्जेंटीना(1), ऑस्ट्रेलिया(7), कनाडा(7), होन्ग कोंग(3), जापान(28), न्यू ज़ीलैण्ड(1), फिलीपींस(1), ताइवान(1), यूनाइटेड किंगडम(1), यूनाइटेड स्टेट्स(1).
यह भी पढ़ें: नहीं, चीनी पीएम ने कोरोनावायरस से बचने के लिए मस्जिद का दौरा नहीं किया
होन्ग कोंग में स्वास्थकर्मियों ने हतकाल अब पांचवे दिन में आगयी है और कहा है की मुख्य चीन की साड़ी सीमाएं बंद की जाएं|
भारत में कोरोनावायरस
वुहान से निकाले गए 625 भारतीय जिन्हें चावला और मानेसर में रखा गया था, वायरस परिक्षण में नकारात्मक आये हैं| उन्हें संक्रमण नहीं है|
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले एक भारतीय, प्रोफेसर एस.एस वसन ने अपनी टीम के साथ चीन के बाहर इस वायरस का पहला तैयार किया है, इससे आने वाले अध्यन जो कामनवेल्थ साइंटिफिक एवं इंडस्ट्रियल रिसर्च आर्गेनाईजेशन (सी.एस.आई.आर.ओ) की हाई सिक्योरिटी लैब में होंगे उन्हें मदद मिलेगी|
इससे प्रेस्लीनिकल रिस्पांस और आखिरकार वैक्सीन बनाने में सहायता मिलेगी| 6 फरवरी के अपडेट के लिए, हमारा लेख यहाँ पढ़ें|
कोरोनावायरस के आसपास नयी ग़लत खबरें
कोरोनावायरस सोशल मीडिया पर रोज़ देखने को मिल रहा है, एक चीनी वेबसाइट ने फ़र्ज़ी सूचना फैलाई है की चीन ने कोर्ट की मंजूरी मांगी है ताकि 20,000 संक्रमित लोगों को जान से मार सके|
यह भी पढ़ें: फ़र्ज़ी: कोरोनावायरस के 20,000 मरीजो को मारने के लिए अदालत से मंजूरी चाहता है चीन
बूम कोरोनावायरस के चलते फ़ैल रही फ़र्ज़ी सूचनाओं को ख़ारिज कर रहा है, नीचे हमारी थ्रेड देखें:
#Thread🚨: Since the outbreak of #CoronaVirus, we have debunked #FakeNews around the novel Coronavirus. A WhatsApp forward is viral falsely claiming @MoHFW_INDIA has issued an emergency notification. (1/n) #CoronaVirusFacts @WHO https://t.co/0lbBu7FIfO
— BOOM FactCheck (@boomlive_in) January 30, 2020