कर्नाटक में भगवान राम का कटआउट नहीं गिराया गया, दावा भ्रामक है
बूम ने पाया कि वीडियो उज्जैन का है, जनवरी 2024 में दो गुटों के बीच विवाद के बाद सरदार पटेल की मूर्ति गिरा दी गई थी.
Claim
सोशल मीडिया पर एक वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल है. वीडियो में ट्रैक्टर से एक मूर्ति गिराई जा रही है जिसके पीछे भगवान राम का कटआउट लगा है. वायरल वीडियो में एक टेक्स्ट भी लिखा है, ‘जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं.’
एक्स (आर्काइव लिंक) पर एक यूजर ने इस वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'कर्नाटक के हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार को हराकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई थी. अब कांग्रेस सरकार की हरकतों और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के कारण पछता रहे हैं.'
FactCheck
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में राम का कटआउट दिख रहा है जिससे जोड़ते हुए लोग सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं लेकिन असल में वहां दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति गिराई गई थी.
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ने से संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया. हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं. आजतक और नवभारतटाइम्स की रिपोर्ट में बताया कि मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित माकड़ोन में भीम आर्मी संगठन के सदस्य बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे थे वहीं पाटीदार समाज के लोग सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे थे.
रिपोर्ट के अनुसार, मामला पंचायत में विचाराधीन था लेकिन कुछ लोगों ने पटेल की मूर्ति स्थापित कर दी. इससे दूसरे पक्ष के लोगों ने सरदार पटेल की मूर्ति को ट्रैक्टर से क्षतिग्रस्त कर दिया.
उज्जैन के एएसपी गुरु प्रसाद परासर ने माकड़ोन में हुई इस घटना की जानकारी के साथ पुलिस कार्रवाई पर अपनी बाइट भी दी थी. एनडीटीवी की बाद की रिपोर्ट में बताया गया कि इस विवाद में कलेक्टर एसपी ने दोनों पक्षों के साथ समन्वय बैठक कर समझौता कराया था. बूम इससे पहले भी इस वीडियो का फैक्ट कर चुका है. नीचे पूरी रिपोर्ट पढ़ें-