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फैक्ट चेक

सरदार पटेल की मूर्ति को लेकर दो गुटों में विवाद का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह मध्यप्रदेश की घटना है. इसी साल जनवरी में दो पक्षों में अंबेडकर और पटेल की मूर्ति को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद एक पक्ष ने सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ दी थी.

By - Jagriti Trisha |
Published -  28 March 2024 7:16 PM IST
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    सरदार पटेल की मूर्ति को लेकर दो गुटों में विवाद का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

    सोशल मीडिया पर ट्रैक्टर से सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति गिराने का वीडियो सांप्रदायिक कैप्शन के साथ वायरल है. इसके साथ दावा किया गया गया कि यह कर्नाटक की घटना है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह कर्नाटक की नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित माकड़ोन की घटना है. वहां जनवरी 2024 में दो पक्षों में अंबेडकर और सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित करने को लेकर विवाद हो गया था. इसके बाद एक पक्ष ने सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ दी थी.

    लगभग एक मिनट की इस वीडियो में एक ट्रैक्टर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति गिराते हुए देखा जा सकता है. बाद में कुछ और लोग मूर्ति पर तलवार और पत्थर चलाते भी नजर आ रहे हैं. मूर्ति के पीछे हिंदू देवता राम की भी प्रतिमा है हालांकि उस प्रतिमा के साथ कोई छेड़-छाड़ वीडियो में नहीं दिख रहा. वीडियो के अंत में एक शख्स भड़काऊ बयान दे रहा है.

    इस वीडियो के जरिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को घेरा जा रहा है. गौरतलब है कि मई 2023 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसके बाद से वहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में हैं. वीडियो को वहीं का बताते हुए सांप्रदायिक दावों के साथ कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया जा रहा है.

    एक्स पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'कर्नाटक के हिंदुओं ने बीजेपी सरकार को हराकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई थी. अब कांग्रेस सरकार की हरकतों और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के कारण पछता रहे हैं.'

    इसके साथ ही वीडियो को ज्यादा-से-ज्यादा शेयर करने का आह्वान करते हुए लिखा है, 'जो राम का नहीं वो काम का नहीं.'


    आर्काइव लिंक.

    इसके अलावा फेसबुक पर वीडियो को इन्हीं मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया गया है.


    आर्काइव लिंक.

    यह भी पढ़ें -गाजियाबाद में पुलिसकर्मी की पिटाई का पुराना वीडियो बिजनौर में होली का बताकर वायरल


    फैक्ट चेक

    वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ने से संबंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया. इसके जरिए हमें कर्नाटक की ऐसी किसी घटना की कोई रिपोर्ट नहीं मिली इसकी जगह हमें उज्जैन में हुई इस घटना से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं.

    जनवरी 2024 की इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित माकड़ोन में भीम आर्मी संगठन के सदस्य बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने मांग कर रहे थे वहीं पाटीदार समाज के लोग सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहे थे. इसी प्रतिमा की स्थापना को लेकर एक पक्ष ने सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ दी, जिसके बाद दोनों पक्षों में पथराव भी हुआ.

    25 जनवरी 2024 के नवभारत टाइम्स के अनुसार, 'माकड़ोन के मंडी गेट और बस स्टैंड के बीच विवादित जमीन पर कुछ लोगों ने सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित कर दी थी. वहां भीम आर्मी के सदस्य डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने मांग कर रहे थे और पाटीदार समाज के लोग सरदार वल्लभभाई पटेल की.'

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि 'मामला पंचायत में विचाराधीन था तब तक कुछ लोगों ने पटेल की मूर्ति स्थापित कर दी. इससे दूसरे पक्ष के लोगों ने सरदार पटेल की मूर्ति को ट्रैक्टर से क्षतिग्रस्त कर दिया. इस पर दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव शुरू हो गया. इस दौरान आसपास की कई दुकानों पर भी तोड़फोड़ की गई. मामले को संभालने के लिए एडिशनल एसपी नितेश भार्गव मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाकर पूरे मामले को शांत कराया.'

    25 जनवरी 2024 को प्रकाशित आजतक की रिपोर्ट में भी इस घटना को उज्जैन का ही बताया गया था. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलता-जुलता वीडियो और फीचर इमेज देखी जा सकती है.



    आजतक की इस रिपोर्ट में बताया गया था कि पुलिस ने इसकी जानकारी दी कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. घटना के दौरान एक पुलिसकर्मी को भी चोट आई थी. इस लापरवाही के लिए माकड़ोन थाना प्रभारी भीम सिंह देवड़ा को निलंबित भी किया गया था.



    न्यूज चैनल TV9 के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी इस घटना की पूरी वीडियो रिपोर्टिंग देखी जा सकती है.


    27 जनवरी 2024 की न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उज्जैन के माकड़ोन तहसील में सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ने के मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. वहीं मामले से संबंधित 22 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई.

    पड़ताल के दौरान हमें एएनआई मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़/राजस्थान के एक्स हैंडल पर घटना से संबंधित 25 जनवरी 2024 का पोस्ट किया गया एएसपी गुरु प्रसाद परासर का एक बयान मिला. इस बयान में उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा तोड़ने की पूरी घटना के बारे में बताया था.

    #WATCH | Ujjain, Madhya Pradesh | ASP Guru Prasad Parashar says, "A statue of an eminent great leader installed at the intersection of Krishi Upaj Mandi was vandalised by persons of a particular community today. This led to clashes between the two groups. The situation is normal.… pic.twitter.com/Khi820U4Hh

    — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 25, 2024

    आर्काइव लिंक.


    आगे हमें घटना से संबंधित 28 जनवरी 2024 की एनडीटीवी की भी एक रिपोर्ट मिली, इस रिपोर्ट में बताया गया कि इस विवाद में कलेक्टर एसपी ने दोनों पक्षों के साथ समन्वय बैठक कर समझौता कराया. इसके बाद तय हुआ कि अब सरदार पटेल के साथ-साथ वहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की भी मूर्ति लगाई जाएगी.

    इससे स्पष्ट है कि वीडियो के साथ किया जा रहा सांप्रदायिक दावा गलत है और साथ ही यह वीडियो कर्नाटक का नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के उज्जैन का है. सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ने की यह घटना तब हुई जब उसी जगह पर डॉ. अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर दूसरे पक्ष ने विवाद शुरू कर दिया.

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    KarnatakaCongresscommunal spinSardar Vallabh Bhai PatelLordh shri ramFact Check
    Read Full Article
    Claim :   वीडियो में कर्नाटक में हिंदू समुदाय से संबंधित एक मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की गई है.
    Claimed By :  Social Media Posts
    Fact Check :  Misleading
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