भगवान श्रीकृष्ण का ह्रदय बताकर शेयर हो रहा रूसी कलाकार का आर्ट वर्क
बूम ने जांच में पाया कि यह साल 2002 में लकड़ी, पेड़ की छाल और मिट्टी की मदद से रूसी कलाकार दिमित्री साइकालोव द्वारा तैयार किया गया आर्ट वर्क है
![](https://hindi.boomlive.in/h-upload/2023/06/17/1008847--02-1.webp)
Claim
"भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ी तो उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया, लेकिन उनका हृदय बिलकुल सामान्य एक जिन्दा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था , उनका हृदय आज तक सुरक्षित है, जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है, ये बात बहुत कम लोगो को पता है!"
Fact
बूम पहले भी इस बड़े आकार के दिल की तस्वीर की पड़ताल कर चुका है. तब हमने अपनी जांच में पाया कि रूसी मूल के कलाकार दिमित्री साइकालोव ने साल 2002 में लकड़ी, पेड़ की छाल और मिट्टी की मदद से इसे बड़े आकार के दिल को तैयार किया था. साल 2013 में इसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आर्ट वर्क एग्जीबिशन में भी रखा गया था. हमने जांच में यह भी पड़ताल की थी कि आखिर इसे जगन्नाथ मंदिर से जोड़कर क्यों वायरल किया जा रहा है. तो हमने पाया था कि स्थानीय लोगों में यह मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण ने अपना देह त्याग किया तो उनका बाकी शरीर पंच तत्वों में विलीन गया लेकिन उनका दिल जिंदा रहा. उनका यह दिल भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर है और वह आज भी धड़कता है.