रूसी मूल के कलाकार का आर्ट वर्क भगवान श्रीकृष्ण के दिल के रूप में वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह रूसी मूल के कलाकार दिमित्री साइकालोव द्वारा बनाया गया एक आर्ट वर्क है.
एक बड़े आक़ार के दिल की तस्वीर जो लकड़ी से बनी प्रतीत हो रही है, उसे सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि "ये भगवान श्रीकृष्ण का ह्रदय है जो उड़ीसा स्थित जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षित रखा हुआ है".
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह रूसी मूल के कलाकार द्वारा बनाया गया एक आर्ट वर्क है, जिसे लकड़ी, पेड़ की छाल और मिट्टी से तैयार किया गया है.
इस तस्वीर को सोशल मीडिया ख़ासकर फ़ेसबुक पर काफ़ी लंबे कैप्शन के साथ साझा किया जा रहा है, जिसके पहले पैरे में लिखा हुआ है "भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ी तो उनका अंतिम संस्कार किया गया, उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया, लेकिन उनका हृदय बिलकुल सामान्य एक जिन्दा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था , उनका हृदय आज तक सुरक्षित है, जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है, ये बात बहुत कम लोगो को पता है!".
इसी तरह के कैप्शन के साथ वायरल तस्वीर से जुड़े कई अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स को आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए सबसे पहले रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर artymag.ir वेबसाइट पर मिली. इस वेबसाइट पर दुनिया के चुनिंदा विजुल्स आर्ट्स को प्रदर्शित किया गया है. artymag.ir वेबसाइट पर मौजूद इस तस्वीर के नीचे dimitri tsykalov लिखा हुआ था.
जब हमने इस नाम को गूगल पर सर्च किया तो हमें फ़्रांस की संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी एक वेबसाइट पर भी यह तस्वीर मिली. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार यह आर्ट वर्क dimitri tsykalov के द्वारा ही बनाई गई है और इस तस्वीर को इस वेबसाइट पर 12 जून 2013 को अपलोड किया गया था.
वेबसाइट पर dimitri tsykalov के बारे में भी जानकारी दी गई थी. वेबसाइट के अनुसार dimitri का जन्म 1963 में रूस के मॉस्को शहर में हुआ था. रूस से ही उन्होंने ग्राफ़िक आर्ट्स की पढ़ाई की और मास्को में एक पेंटिंग वर्कशॉप में काम भी किया. हालांकि 1991 से वे पेरिस में रहने लगे.
जांच में हमें dimitri tsykalov की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसी से जुड़ी एक तस्वीर मिली. वेबसाइट पर मौजूद तस्वीर पेरिस के आर्ट वर्क एग्जीबिशन की थी, जहां dimitri द्वारा बनाए गए इस दिल को प्रदर्शनी के लिए रखा गया था.
dimitri tsykalov की आधिकारिक वेबसाइट पर इस आर्ट वर्क के बारे में कई अन्य जानकारी भी दी गई थी. वेबसाइट के अनुसार लकड़ी, पेड़ की छाल और मिट्टी से इस बड़े आकार के दिल को 2002 में तैयार किया था.
इस दौरान हमने यह भी जानने की कोशिश की, कि आखिर उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर से जोड़कर ही यह दावा क्यों वायरल हो रहा है. तो हमने पाया कि लोगों में यह मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण ने अपना देह त्याग किया तो उनका अंतिम संस्कार किया गया था. उनका बाकी शरीर तो पंच तत्वों में मिल गया लेकिन उनका दिल जिंदा रहा. उनका यह दिल भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर है और वह आज भी धड़कता है.
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