मुस्लिमों द्वारा खाने में नपुंसकता की दवाई मिलाने वाला सांप्रदायिक दावा फिर से वायरल
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. इस कोलाज की सभी तस्वीरें असंबंधित और पुरानी हैं.
Claim
सोशल मीडिया पर मुस्लिमों द्वारा संचालित रेस्टोरेंट के खाने में नपुंसकता की दवाई मिलाने के सांप्रदायिक दावे से कुछ तस्वीरों का एक कोलाज वायरल है. एक्स पर इसे शेयर करते एक यूजर ने लिखा, 'सावधान, सावधान मित्रों, राजस्थान, गुजरात, और महाराष्ट्र के हाईवे पर सभी मुस्लिम होटलों में हिंदू लोगों के लिए नपुंसकता की दवाईयां खाने में मिलाते हैं. मुस्लिम होटलों से सावधान रहें. ये लोग हिंदुओं की आबादी कम करने के लिए और हिंदुओं का धर्म नष्ट करने के लिए नानवेज भी मिलाकर खिलाते हैं. ऐसे केमिकल रसायनों का इस्तेमाल करते हैं जिससे हमारी सेहत को नुकसान पहुंचे. राजस्थान से आने वाली सभी बस वालों को मुस्लिम होटलों पर ठहरने से रोकें. आगे सावधान रहें.'
FactCheck
बूम ने अपनी जांच में इस दावे को फर्जी पाया. असल में बूम वायरल दावे के फैक्ट चेक पहले भी कर चुका है. तब यह कोयंबटूर के एक रेस्टोरेंट में बिरयानी में नंपुसकता की दवाई मिलाने के दावे से वायरल था. हमने पड़ताल के दौरान कोलाज की सभी तस्वीरों को अलग-अलग चेक किया था और पाया था कि असंबंधित और पुरानी तस्वीरें गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर की जा रही हैं. हालांकि उस समय के वायरल कोलाज में पुलिस के साथ गिरफ्तार लोगों की तस्वीर शामिल नहीं थी. हमें एक्स पर वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन में बिजनौर पुलिस का एक जवाब मिला. 15 जून 2024 के इस पोस्ट में उन्होंने सभी तस्वीरों को भ्रामक बताते हुए पुलिस के साथ वाली पहली तस्वीर को साल 2019 का थाना शेरकोट का बताया. बूम को 2021 में फैक्ट चेक के दौरान दूसरी तस्वीर कई यूट्यूब वीडियो के थंबनेल पर मिली थी. वहीं तीसरी तस्वीर डेली मिरर श्रीलंका की 2019 की एक रिपोर्ट मिली थी, जिसमें श्रीलंकन पुलिस द्वारा बाप-बेटे को अवैध ड्रग्स के जुर्म में गिरफ्तार करने की बात थी. उस समय कोयंबटूर पुलिस ने भी एक्स के एक पोस्ट में इसे फर्जी खबर बताया था. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें.