Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025-icon
    बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • बवाना में मुस्लिम युवक पर हुए हमले...
फैक्ट चेक

बवाना में मुस्लिम युवक पर हुए हमले को कोरोनावायरस के फ़र्ज़ी दावों से जोड़ कर किया गया वायरल

बूम ने पाया की युवक - दिलशाद अली - स्वस्थ है | इस सिलसिले में पुलिस ने तीन हमलावरों को गिरफ़्तार भी कर लिया है

By - Saket Tiwari |
Published -  12 April 2020 8:09 PM IST
  • बवाना में मुस्लिम युवक पर हुए हमले को कोरोनावायरस के फ़र्ज़ी दावों से जोड़ कर किया गया वायरल

    एक वीडियो जिसमें कुछ लोग एक शख़्स को बुरी तरह मारते नज़र आ रहे हैं, सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है | वीडियो में हमलावार बीच बीच में ज़ख़्मी युवक से तब्लीग़ी जमात के बारे में पूछते सुनाई पड़ते हैं | वायरल वीडियो के साथ फ़र्ज़ी दावा किया गया है की एक मुस्लिम युवक को कोरोना वायरस फ़ैलाते हुए पकड़ा गया |

    इसी घटना की एक क्लिप यूट्यूब पर दूसरे फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है | इस क्लिप के साथ दावा किया जा रहा है की यह शख़्स फ़लों में 'थूक' से भरे इंजेक्शन लगाते हुए पकड़ा गया है | यूट्यूब पर करीब 45 सेकंड लम्बा ये वीडियो कई दफ़ा शेयर किया जा चूका है | इसी क्लिप का एक लम्बा वर्शन फ़ेसबुक पर पिछले हफ़्ते वायरल हो रहा था |

    बूम ने अपनी जांच में पाया की दोनों दावें फ़र्ज़ी है | इस हमले को अंजाम देने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार भी कर लिया है | वीडियो में मार खाते हुए शख़्स की पहचान दिलशाद अली के तौर पर हुई है और वो भोपाल, मध्यप्रदेश, में आयोजित तब्लीग़ी जमात के एक मरकज़ से लौट कर पांच अप्रैल को दिल्ली आया था |

    फ़ेसबुक पर वायरल वीडियो में आप कम से कम तीन लोगों को एक युवक की डंडे और लात घूंसों से पिटाई करते देख सकते हैं | वो बार बार ये बोलते सुने जा सकते हैं: हमें सच बता दो तो जाने देंगे और पुलिस के हवाले कर देंगे | प्लान बता, क्या प्लान था | हमें मालुम है की निजामुद्दीन के मरकज़ में इकठ्ठा हुए लोगों का कोरोनावायरस फ़ैलाने का प्लान था, तुम्हारा भी यही प्लान है न? बोलचाल से ये युवक हरयाणवी मालुम होते हैं |

    यह भी पढ़े: क्या यह मुस्लिम व्यक्ति ब्रेड स्लाइसेस पर थूक रहा है? जी नहीं, ये दावा फ़र्ज़ी है

    वीडियो में गाली-गलौज और हिंसात्मक कंटेंट है अतः देखने के लिए विवेक का सहारा लीजिये


    यूट्यूब पर वायरल वीडियो नीचे देखें |

    फ़ेसबुक पर वायरल 6 मिनट लम्बा वीडियो आप नीचे देख सकते हैं | इस वीडियो के साथ एक फ़र्ज़ी दावा भी किया जा रहा है| दावे में लिखा है: "हरियाणा में पकड़ा गया ये मुल्ला, निज़ामुद्दीन के जरिये कोरोना फैलाने का खोला राज, शेयर करके फेमस करने में मदद करें," (Sic)



    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने वीडियो को ध्यान से सुना तो हमें एक से ज़्यादा बार 'बवाना' शब्द सुनने को मिला | हमने जब 'बवाना', 'मुस्लिम', 'हिंसा' कीवर्ड्स के साथ इंटरनेट सर्च किया तो हमें इंडियन एक्सप्रेस द्वारा रिपोर्ट किया गया एक आर्टिकल मिला जिसमें इसी घटना से जुड़े स्क्रीनशॉट्स का इस्तेमाल किया गया था |

    इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, "रविवार (April 5) की शाम को, 22 वर्षीय एक शख़्स जिसकी पहचान दिलशाद के रूप में हुई है, भोपाल में तब्लीग़ी जमात में शरीक होकर लौटा जिसके बाद दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित हरेवाली गांव में स्थानीय लोगों ने उसे पीटा जिसका वीडियो भी बनाया | इस वीडियो में दिलशाद को मार रहे लोग उसपर कोरोनावायरस फ़ैलाने का आरोप लगा रहे हैं |"


    रिपोर्ट के अनुसार दिलशाद भोपाल में तब्लीग़ी जमात के मरकज़ से लौटा था जिसके बाद शक के कारण दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित उसके गांव के लोगों ने उसे खेत में ले जाकर उस पर बेहरहमी से हमला कर दिया था | गाँव वालों ने उसपर आरोप लगाया की वो कोरोनावायरस फ़ैलाने के षड़यत्र में शामिल था | हमलावरों ने घटना रिकॉर्ड कर वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया |

    "वह 4 अप्रैल को आने वाला था पर लॉकडाउन के चलते फँसा रह गया, आखिरकार वह और नौ और लोग एक ट्रक में लौटे... उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में पुलिस ने उसे पकड़ा और मेडिकल टेस्ट के बाद छोड़ दिया," दिलशाद के एक रिश्तेदार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया |

    ये भी पढ़ें इमरान खान की पत्नी कोविड-19 से संक्रमित: आज तक के नाम से फ़र्ज़ी स्क्रीनशॉट वायरल

    इसके बाद बूम ने दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस अनिल मित्तल से बात की जिन्होंने बताया, "यह सारे दावे फ़र्ज़ी हैं, ऐसा कोई मामला नहीं है | कोई दस लोग नहीं है जो कोरोनावायरस फ़ैलाने की ट्रेनिंग लेकर आए हैं | दरअसल यह नार्थ दिल्ली के बाहरी हिस्से में स्थित बवाना पुलिस स्टेशन का मामला है जहाँ तीन लोगों ने एक शख़्स दिलशाद अली को अफ़वाहों के कारण पीटा था |"

    "हमनें दिलशाद अली के पिता की शिकायत पर तीन लोगों को - नवीन कुमार, प्रशांत कुमार और प्रमोद कुमार - आई.पी.सी के सेक्शन 323, 341/506 के अंदर गिरफ़्तार किया है," उन्होंने आगे कहा | दिलशाद के ख़िलाफ़ भी सेक्शन 188 के तहत लॉकडाउन तोड़ने के लिए मामला दर्ज़ किया है |

    बूम ने इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्टर महेंद्र मंडल से भी संपर्क किया जिन्होंने इस वीडियो की पुष्टि की और कहा की यही वीडियो है जिसपर उन्होंने रिपोर्ट लिखी है | हमनें रिपोर्ट में इस्तेमाल वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना वायरल वीडियो से भी की | नीचे देखें


    प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया ने दी गलत ख़बर

    प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पी.टी.आई) एक न्यूज़ वायर एजेंसी है जिसनें इस घटना पर नौ अप्रैल 2020 को एक गलत ख़बर रिपोर्ट की |

    पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा 'बाईस साल के एक व्यक्ति को कथित तौर पर दिल्ली के बवाना में भीड़ ने जान से मार डाला | लोगों को शक था की ये व्यक्ति कोरोनावायरस फ़ैलाने के किसी षड़यंत्र में शामिल था, पुलिस ने बुधवार को बताया | मृतक की शिनाख़्त बवाना स्थित हरेवाली गाँव के मेहबूब अली के तौर पर हुई है, उन्होंने बताया |" पीटीआई ने अपने रिपोर्ट में वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का नाम भी गलत लिखा है |

    ये भी पढ़ें जी नहीं, इस वायरल पोस्ट में योगी आदित्यनाथ की पत्नी और बेटियों के बारे में बात नहीं हो रही है

    इंडिया टीवी ने पी.टी.आई के हवाले से इस घटना पर रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमे फ़र्ज़ी दावा यह किया गया की मार खाने वाले शख़्स - दिलशाद अली - की इस घटना में मौत हो गयी |

    आपको बता दें की मार्च महीने में दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में करीब 2,000 तब्लीग़ी जमात के लोग मिले थे | ये एक धार्मिक संगोष्ठी थी | इस संगोष्ठी (मरकज़) के बाद कई लोग वापस नहीं जा पाए और भारत में लॉक डाउन लागू हो गया | यह कदम सरकार ने विश्व भर में फ़ैल रही महामारी, कोरोनावायरस, के संक्रमण को रोकने के लिए 24 मार्च को उठाया था |


    Tags

    CoronavirusCOVID-19Novel CoronavirusTablighi JamaatMuslimHinduFake NewsFact Check
    Read Full Article
    Claim :   हरयाणा की मस्जिद में मौलानाओं ने कोरोनावायरस फ़ैलाने के लिए 10 युवा तैयार किए हैं
    Claimed By :  Facebook
    Fact Check :  False
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!