दंगा पीड़ितों को राहत राशि देने का वीडियो शाहीन बाग़ को निशाना बनाते हुए वायरल हुआ
दावा है की शाहीन बाग़ में महिलाओं को पैसे दिए जा रहे हैं, बूम ने पाया की वीडियो फ़रवरी 28 को वितरित कि गयी सहायता राशि के वक़्त का है
दिल्ली में दंगा प्रभावित छेत्रों में लोगों ने सहायता राशि जुटाई और पीड़ितों में बांटी, इस दौरान शूट किया गया एक वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हुआ की यह लोग शाहीन बाग़ में महिलाओं को नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ प्रदर्शन करने हेतु पैसे दे रहे हैं|
यह करीब 30 सेकंड लम्बा वीडियो है जिसे लाखों बार देखा जा चूका है| इसमें बच्चों और महिलाओं को एक संकड़ी गली में लाइन में खड़े और आदमियों से पैसे लेते दिखाया गया है|
उत्तरपूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में हाल में हिंसा हुई जिसमें नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच भयानक दंगे हुए| इन दंगों में अब तक करीब 45 लोग मारे जा चुके हैं और 200 से अधिक घायल हैं|
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वीडियो क्लिप का एक स्क्रीनशॉट कनाडा ट्विटर इन्फ्लुएंसर तारेक फ़तेह ने शेयर किया और लिखा, "शाहीन बाग़ का यह वीडियो बहुत कुछ कहता है"|
This video from #ShaheenBagh in Delhi speaks for itself. pic.twitter.com/qBOsJutGfF
— Tarek Fatah (@TarekFatah) February 29, 2020
बूम ने पहले भी तारेक फ़तेह द्वारा फैलाई गयी ग़लत जानकारियों को ख़ारिज किया था| यहाँ और यहाँ पढ़ें|
यही ट्वीट को भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने रीट्वीट किया|
रियलिटी शो मनोरंजक, राहुल महाजन ने भी यह वीडियो समान कहानी के साथ शेयर किया| उन्होंने लिखा, "500 रुपए लेकर जो मुद्दे की जानकारी के बिना देश के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ सकता है, वो 5000 लेकर देश जलाने का काम करे तो अचरज किस बात का है।"
500 रुपए लेकर जो मुद्दे की जानकारी के बिना देश के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ सकता है, वो 5000 लेकर देश जलाने का काम करे तो अचरज किस बात का है। pic.twitter.com/t9tARLjOGD
— Rahul Mahajan (@TheRahulMahajan) February 29, 2020
Live from Shaheen Bagh
— Kashmiri Pandits News कोशूर न्यूज़ चैनल (@kpnewschannel) February 29, 2020
500 500 500 500 500 pic.twitter.com/DF2EUWJOv6
फेसबुक पर वायरल
यह फेसबुक पर जोरशोर से वायरल है जिससे शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रही महिलाओं के ऊपर भद्दी टिप्पणियां की गयी हैं|
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फ़ैक्ट चेक
शाहीन बाग़ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने चेन्नई के रहने वाले एक एक्टिविस्ट का वीडियो शेयर किया जो खुद इस जगह पर गए और वीडियो के आस पास फ़र्ज़ी दावों को जमीन पर जाकर ख़ारिज किया|
2 मार्च की इस क्लिप में मोहन को एक गली में खड़ा देखा जा सकता है जिसे वो पुराना मुस्तफ़ाबाद कहकर पहचानते हैं| वह आगे कहते हैं की दिल्ली के बाबू नगर की गली नंबर 9 के ए ब्लॉक ही है जो वायरल वीडियो में दिखाया गया है जहाँ सहायता राशि दी गयी थी|
मोहन को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "कई पीड़ित शिव विहार से यहाँ रहने आये हैं, जिन्होंने अपना घर खो दिया है| यहाँ के लोगों ने अपना दिल खोल कर लोगों को अपने घर ने रहने दिया|"
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मोहन आगे काले शर्ट में एक शख़्स की पहचान शहज़ाद मालिक के रूप में करता है जो वायरल वीडियो में पैसे देते नज़र आते हैं| मोहन कहते हैं की जब राशन ख़त्म हुआ था तो मालिक ने करीब 70,000 रूपए पीड़ितों को दिए थे|
#ShaheenBaghTruth
— Shaheen Bagh Official (@Shaheenbaghoff1) March 2, 2020
The #fake video which claimed women of #ShaheenBagh are paid debunked! The video actually shows the huge generosity of people in Babu Nagar towards those who have lost their homes in Shiv Vihar. We salute Shehzad bhai and his team #DelhiPogrom #DelhiRelief pic.twitter.com/3vQklBmGKh
मोहन ने यह वीडियो फेसबुक पर भी शेयर किया है|
बूम ने मोहन से संपर्क किया, जिन्होंने कहा, "मैं चेन्नई का एक सामाजिक और राजनैतिक एक्टिविस्ट हूँ| मैं दिल्ली आया था ताकि सहायता और बचाव काम किया जा सके| हम पहले चाँद बाग़ से काम कर रहे था, पर, शिव विहार और मुस्तफ़ाबाद में भी दंगे से प्रभावित इलाके हैं तो यहाँ तक सहायता लाना मुश्किल था| इसलिए हमनें पुराना मुस्तफ़ाबाद में कैंप लगाया|"
"कई लोग इस वीडियो के बारे में मुझसे पूछ रहे थे| मैं इस जगह पंहुचा तो लोगों ने बताया की वीडियो में पैसे बाँट रहा शख़्स शहज़ाद मालिक है, जिससे मैंने बाद में बात भी की|"
हमनें मालिक से भी संपर्क किया जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वह ही वीडियो में दिख रहे शख़्स हैं जो पैसे बाँट रहे हैं| "हिंसा में अपना सब कुछ खोने के बाद दंगे में पीड़ित लोग यहाँ आये थे| हमनें पहले राहत सामग्री बांटी पर जब भण्डार ख़त्म होगया तो हमनें पैसे बाँट दिए| आसपास कि दुकाने भी बंद थी तो हमनें महिलाओं को 500-500 रूपए दिए जिन्हें जरुरत थी| हमनें उस दिन करीब 70,000 रूपए बांटे," मालिक ने बूम को बताया| उन्होंने आगे कहा कि यह 28 फ़रवरी 2020 को दोपहर 3 बजे के आस पास कि बात है| मालिक ने हमारे साथ व्हाट्सएप्प का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जो 28 फ़रवरी कि किसी चाट का है|
उन्होंने आगे कहा कि वास्तविक वीडियो करीब दो मिनट लम्बा है जिसे चालाकी से तीस सेकंड का बना कर वायरल किया गया| उन्होंने लम्बा वीडियो बूम के साथ शेयर किया|
इसके अलावा, हमनें मोहन द्वारा फिल्माए गए वीडियो फुटेज कि तुलना वायरल वीडियो से कि और पाया कि यह एक ही जगहें हैं| नीचे देखें|
शाहीन बाग़ को निशाना बनाती फ़र्ज़ी सूचनाएं
शाहीन बाग़ में पिछले तीन महीने से प्रदर्शन जारी है जिसमें मुख्य तौर पर महिलाएं भाग ले रही हैं| इसके चलते सोशल मीडिया पर कई तरह कि फ़र्ज़ी सूचना और दावे वायरल है जिसे बूम ने ख़ारिज किया|
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