पुरानी तस्वीरों को फ़र्ज़ी तरीके से किसान आंदोलन से जोड़कर किया वायरल
दावा है कि जो लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे, किसान आंदोलन में भी उन्हीं का हाथ है |
किसान संघ नेताओं की नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सी.ए.ए (CAA) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में भाग लेते वक़्त की दो तस्वीरें फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हैं | दावा है कि एक तस्वीर सी.ए.ए के प्रदर्शन के वक़्त की है और दूसरी वर्तमान में ली गयी है | आपको बता दें की यह दावा फ़र्ज़ी है |
तस्वीरों के कोलाज में से एक तस्वीर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के सदस्यों को शाहीन बाग़ (Shaheen Bagh) में प्रदर्शन में हिस्सा लेते दिखाती है | वहीँ दूसरी तस्वीर भी पुरानी ही है जो किसान संघ को नागरिकता संशोधन के ख़िलाफ़ लुधियाना में प्रदर्शन कर रहे मुस्लिमों का समर्थन करते दिखाती है |
दोनों तस्वीरों को क्रमशः शाहीन बाग़ और किसान आंदोलन (kisan andolan), दिल्ली, का बताया जा रहा है | बूम इनमें से एक तस्वीर को पहले भी फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल होने पर खारिज कर चूका है | तब लाल कपड़ों में दिख रही महिला को फ़र्ज़ी तरीके से राजकुमारी बंसल बताया गया था | राजकुमारी बंसल का नाम हाथरस में हुए कथित गैंगरेप के मामले में सुर्ख़ियों में था और राइट विंग ट्रोल्स ने उन्हें सोशल मीडिया पर 'हाथरस भाभी' या 'नक्सल भाभी' जैसे नाम दिए थे |
क्या इस तस्वीर में दिख रही महिला 'हाथरस भाभी' है?
दोनों तस्वीरों में सिखों का चेहरा एक घेरे में है और दावा है कि वे शाहीन बाग़ में भी प्रदर्शन कर चुके हैं और अब किसान आंदोलन में भी शरीक हुए हैं | बूम ने तस्वीर में एक नेता की पहचान मंजीत सिंह धनेर के रूप में की | उन्होंने कहा कि जिस तस्वीर को शाहीन बाग़ का बताया जा रहा है वह लुधियाना की तस्वीर है |
ऐसी ही कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव यहां और यहां देखें |
यही तस्वीर हमें हमारे टिपलाइन पर भी प्राप्त हुई |
जेएनयू छात्रा की यह तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ फिर से वायरल हो रही है
फ़ैक्ट चेक
पहली तस्वीर
बूम ने बीकेयू-भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां / ਭਾਰਤੀ ਕਿਸਾਂਨ ਯੁਨੀਅਨ ਏਕਤਾ ਉਗਰਾਹਾਂ के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज को खंगाला और लुधियाना, पंजाब, में हुए एक प्रदर्शन से ये तस्वीर मिली | यह फ़ेसबुक पर 3 मार्च को पोस्ट की गयी थी |
इस तस्वीर का कैप्शन भारी वर्षा के कारन नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरुद्ध प्रदर्शन को पोस्टपोन करने के बारे में बताता है |
इसके बाद हमनें बीकेयू की सोशल मीडिया टीम से बात की | उन्होंने जगह को लुधियाना बताया और कहा कि तस्वीर में दिख रहे लोग वे सिख नेता हैं जो नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन से जुड़े थे |
आम आदमी पार्टी का पुराना वीडियो किसान प्रदर्शन से जोड़कर वायरल
इस तस्वीर में जो बीकेयू नेता हैं उनके नाम (बायीं से दायीं ओर) हैं: झंडा सिंह जेठुके (वरिष्ठ वाईस प्रेजिडेंट बीकेयू, एकता उगराहां), मंजीत सिंह धनेर (बीकेयू, एकता डकौंदा) और सौदागर सिंह थडानी | बूम से बात करते हुए मंजीत सिंह धनेर ने कहा, "यह तस्वीर मलेरकोटला, लुधियाना में एंटी-सी.ए.ए प्रदर्शन के वक़्त ली गयी थी | इस जगह को लुधिआना का शाहीन बाग़ कहा जाने लगा है |"
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मलेरकोटला पंजाब में एंटी-सी.ए.ए प्रदर्शन का केंद्र था | इसलिए वायरल कैप्शन में लोकेशन शाहीन बाग़ बताई जाने लगी है | उन्होंने यह भी साफ़ किया कि दूसरी तस्वीर में जो तीन लोग हैं वे तीनों नहीं हैं जो पहली तस्वीर में दिख रहे हैं | "वे बीकेयू सदस्य हैं पर हम नहीं हैं," उन्होंने कहा |
दूसरी तस्वीर
यह तस्वीर वास्तव में शाहीन बाग़ से है परन्तु वर्तमान में नहीं ली गयी है | इसे बीकेयू-भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के फ़ेसबुक पेज पर इसी साल फ़रवरी में पोस्ट किया गया था | बूम ने स्वतंत्र रूप से इस तस्वीर की लोकेशन भी जाँची है |
हमनें बीकेयू महिला मोर्चा प्रेजिडेंट हरिंदर कौर बिंदु से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि यह तस्वीर शाहीन बाग़ की है जब बीकेयू के कई सदस्य नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में लंगर खिलाने जाते थे |
"बीकेयू सदस्य इस साल जनवरी और फ़रवरी में शाहीन बाग़ जाते रहते थे और लंगर बनाते थे | यह ऐसी ही एक दौरे की तस्वीर है | वृद्ध हमारे ही झंडे पकड़े खड़े हैं," बिंदु ने कहा | जबकि बिंदु तस्वीर में दिख रही महिला को नहीं पहचान पाई, उन्होंने पुष्टि की कि यह वर्तमान में ली गयी तस्वीर नहीं है | इस तस्वीर में दिख रही महिला को पहले फ़र्ज़ी तरीके से राजकुमारी बंसल बताया गया था |
बूम ने इस पर एक लेख लिखा है, यहां पढ़ें |
क्या इस तस्वीर में दिख रही महिला 'हाथरस भाभी' है?
बूम इस तस्वीर में दिख रहे बृद्ध व्यक्तियों की पहचान स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकता है |