नहीं, यह बाबरी हॉस्पिटल का 'ब्लू प्रिंट' नहीं है
बूम ने पाया की तस्वीर दरअसल वर्जिनिया यूनिवर्सिटी का हॉस्पिटल काम्प्लेक्स दिखाती है
एक भव्य इमारत की तस्वीर सोशल मीडिया वायरल हो रही है जिसके साइनबोर्ड पर "बाबरी हॉस्पिटल" लिखा है | इस तस्वीर के साथ फ़र्ज़ी दावा किया जा रहा है कि सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद फिर बनाने के लिए आवंटित 5 एकड़ जमीन पर हॉस्पिटल बनाने की तैयारी की है |
यह दावा फ़र्ज़ी है क्योंकि तस्वीर में दिख रही योजना दरअसल यूनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जिनिया हॉस्पिटल, शैरलॉट्सविला, वर्जिनिया, यूनाइटेड स्टेट्स की है और उस पर 'बाबरी हॉस्पिटल' फ़र्ज़ी तरीके से लिखा गया है |
अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के मद्देनज़र यह तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है | भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को संपन्न हुआ है |
भूमि पूजन के दो दिनों पहले, अथर हुसैन ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा था कि आवंटित जगह पर केवल मस्जिद नहीं बनाई जाएगी | वहां हॉस्पिटल और कल्चरल केंद्र भी बनेगा | अथर हुसैन मस्जिद बनाने के लिए नियुक्त इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आइआइसीएफ) के प्रवक्ता हैं |
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यह तस्वीर फ़ेसबुक पर अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर हो रही है | एक कैप्शन यूँ है: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवंटित अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर एक बाबरी अस्पताल और संग्रहालय स्थापित करने के सुन्नी वक्फ बोर्ड के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। सभी धर्मों के लोग इस महान निर्णय से लाभान्वित होंगे जो संकीर्ण धार्मिक भावनाओं से परे है। #BabriHospital |
तस्वीर में दो साइन बोर्ड्स और हैं जो कहते है "कैंसर विभाग" और 'कोरोना विभाग" | पोस्ट देखने में तो व्यंगात्मक मालुम होता है पर कमेंट में यूज़र्स इस फ़र्ज़ी कैप्शन को सच मान रहे हैं | आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया जिससे हम स्मिथ ग्रुप की वेबसाइट पर पहुंचे | यह ग्रुप एक आर्किटेक्चर प्लानिंग फ़र्म है | इस वेबसाइट पर वायरल तस्वीर मौजूद है जिसके विवरण में इसे यूनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जिनिया हॉस्पिटल, शैरलॉट्सविला, वर्जिनिया, यूनाइटेड स्टेट्स बताया गया है | यह ग्रुप इस इमारत को डिज़ाइन करने का दावा भी करता है |
हमनें पाया कि वेबसाइट पर दिख रही तस्वीर वायरल तस्वीर से हूबहू मिलती है पर इसपर कहीं भी बाबरी हॉस्पिटल नहीं लिखा है |
हमनें जब यूनिवर्सिटी ऑफ़ वर्जिनिया स्वास्थ प्रणाली का लिंक्डइन पेज देखा तो कवर फ़ोटो में यही वायरल तस्वीर मिली | तस्वीर देखने के लिए उनके लिंक्डइन पेज पर जाएं और राइट क्लिक कर तस्वीर देखें | नीचे दी गयी तस्वीर नज़र आएगी |
वास्तविक तस्वीर में कहीं भी वायरल तस्वीर पर लिखे शब्द नहीं है - ना ही बाबरी हॉस्पिटल लिखा है ना ही किसी विभाग का नाम |
बाबरी हॉस्पिटल का ऐसा कोई भी ब्लू प्रिंट रिलीज़ हुआ है या नहीं पूछने के लिए हमनें सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरपर्सन ज़फ़र अहमद से संपर्क किया है, जवाब मिलने पर लेख अपडेट किया जाएगा |