फ़र्ज़ी: सी.ए.ए के ख़िलाफ प्रदर्शनकारियों ने जलाई हिन्दू देवताओं की तस्वीरें
यह वीडियो 2018 में फिल्माया गया था जो हाल के प्रदर्शनों से सम्बन्ध नहीं रखता|
यह वीडियो 2018 में फिल्माया गया था जो हाल के प्रदर्शनों से सम्बन्ध नहीं रखता
हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरों को जलाने वाला एक पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हो रहा है| कैप्शन जो इस वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा है, दावा करता है की यह नागरिकता संशोधन विधेयक (सी.ए.ए) के ख़िलाफ हो रहे प्रदर्शनों में हुई घटना है|
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एक ट्वीटर यूज़र डॉ. जयश्री नायर (@jayasreenair1) ने यह वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया: "शॉकिंग! इन मूर्खों की इतनी हिम्मत की हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें सी.ए.ए के ख़िलाफ प्रदर्शन में जलाएं? सी.ए.ए का हिन्दुओं से क्या लेना देना? उनका एजेंडा कुछ और है और @INCIndia & @cpimspeak के नेता इसे पाल रहे हैं| @PMOIndia @rashtrapatibhvn @VPSecretariat @AmitShah"
Shocking! How dare these fools burn the photos of Hindu Gods & Goddesses in the name of CAA protest? What the hell CAA has to do with Hindus? Their agenda is different & politicians of @INCIndia & @cpimspeak are nurturing this. @PMOIndia @rashtrapatibhvn @VPSecretariat @AmitShah pic.twitter.com/odDAvYT34T
— Dr. Jayasree Nair (@jayasreenair1) January 1, 2020
नायर के ट्वीट को भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी शेयर किया|
This video is shocking ...how can any protest have a right to defile the tenets of Hinduism ..who gives them the right to burn the pictures of Hindu Gods & Goddesses ..why should any protest be an Anti-Hindu protest??
— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 2, 2020
Is this is what the Congress & Communists promote??#Shame https://t.co/9rn2gIwQ9T
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने कीवर्ड खोज की और यूट्यूब पर एक लम्बे वीडियो तक पहुंचे| यह 3 सितम्बर, 2018 को अपलोड हुआ था| इसके साथ टाइटल था, भीम आर्मी एक्टिविस्ट्स हिन्दू देवताओं का अपमान करते हुए|
आगे खोज करने पर हमें फ़ेसबुक पर इस वीडियो का और लम्बा वर्शन मिला जो अगस्त 2018 में पोस्ट किया गया था| इसके साथ कैप्शन था, "संघियों जिन्होंने संविधान की कॉपियां जलाई, उनके ख़िलाफ प्रदर्शन करते हुए युवा अम्बेडकरवादियों ने अशोकपुरम मैसूर में हिन्दुओं के देवताओं की तस्वीरें जलाई|" कन्नड़ में नारेबाजी सुनी जा सकती है|
कीफ्रेम्स को मिलाने पर दोनों एक ही हैं इसकी पुष्टि होती है|
और फ़ेसबुक पोस्ट में मैसूर पुलिस और येदयुरप्पा को इनके ख़िलाफ कार्यवाही करने की मांग की गयी है|
बूम इस वीडियो के साथ यूट्यूब और फ़ेसबुक पर किये गए दावे स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सकता पर इसके पुराने होने से यह स्पष्ट होता है की इसका सी.ए.ए के ख़िलाफ प्रदर्शन से सम्बन्ध नहीं है|